केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम के एक निजी स्कूल का मामला. छात्र के परिवार ने कहा कि उनके बेटे को प्रिंसिपल द्वारा अपमान और उत्पीड़न का सामना करना पड़ा. स्कूल प्रबंधन परिवार के आरोप से सहमत है. उसने स्वीकार किया कि फीस भुगतान में देरी के लिए छात्र को फर्श पर बैठाना प्रिंसिपल की ग़लती थी.
नई दिल्ली: केरल के एक निजी स्कूल में मासिक फीस जमा न करने पर छात्र को फर्श पर बैठकर टर्म परीक्षा देने के लिए मजबूर किए जाने का मामला सामने आया है.
परिवार ने कहा कि कक्षा 7 में पढ़ने वाले उनके बेटे को तिरुवनंतपुरम के वेल्लायमबलम स्थित स्कूल में प्रिंसिपल द्वारा अपमान और उत्पीड़न का सामना करना पड़ा.
समाचार वेबसाइट एनडीटीवी में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, स्कूल प्रबंधन परिवार के आरोप से सहमत था, क्योंकि उसने स्वीकार किया कि फीस भुगतान में देरी के लिए छात्र को फर्श पर बैठाना प्रिंसिपल की गलती थी.
छात्र के परिवार के अनुसार, परीक्षा के दौरान हॉल में आए प्रिंसिपल ने उन छात्रों से खड़े होने के लिए कहा था, जिनकी फीस जमा नहीं हुई थी.
छात्र ने बताया, ‘जब सर (प्रिंसिपल) ने मुझे बताया कि मैंने फीस नहीं चुकाई है, तो मैंने उनसे मेरे पिता से पूछने का अनुरोध किया, लेकिन वह मेरी बात सुनने के लिए तैयार नहीं थे. उन्होंने मुझे फर्श पर बैठने के लिए कहा.’
रिपोर्ट के अनुसार, चूंकि छात्र को अपने दोस्तों के सामने अपमानित महसूस हुआ, इसलिए वह अगले दिन परीक्षा देने के लिए स्कूल जाने में अनिच्छुक था.
उनके पिता ने आरोप लगाया कि जब उन्होंने उत्पीड़न की घटना के बारे में पूछताछ करने के लिए उन्हें कॉल किया तो प्रिंसिपल ने उन्हें भी अपमानित किया.
उन्होंने कहा, ‘जब मैंने उन्हें फोन किया तो प्रिंसिपल ने मेरा मजाक उड़ाया और मुझसे कहा कि मेरे बेटे को अच्छे फर्श पर बैठाया गया है.’
इस बीच, स्कूल प्रबंधन ने स्वीकार किया कि इस पूरी घटना में प्रिंसिपल की गलती थी.
स्कूल के प्रशासक ने कहा, ‘यह प्रिंसिपल की ओर से हुई गलती थी. हम छात्र के पिता से व्यक्तिगत रूप से बात करेंगे और मुद्दे को सुलझाने की कोशिश करेंगे.’
उन्होंने प्रिंसिपल के खिलाफ कार्रवाई करने के भी संकेत दिए.
हालांकि, छात्र के पिता ने कहा कि वह किसी भी समझौते के लिए तैयार नहीं हैं और बेटे को दूसरे स्कूल में दाखिल कराएंगे. उन्होंने यह भी कहा कि अब किसी अन्य बच्चे को इस तरह के उत्पीड़न से नहीं गुजरना चाहिए.
इस मुद्दे पर टिप्पणी के लिए प्रिंसिपल उपलब्ध नहीं थे.