कोटा में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों द्वारा लगातार की जा रही आत्महत्या को लेकर राजस्थान के खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि मैं माता-पिता को बताना चाहता हूं कि आप कोचिंग सेंटरों को पैसा देते हैं और वे आपके बच्चों को धमकाते और परेशान करते हैं. कोचिंग वालों को दुर्व्यवहार करने का क्या अधिकार है?
नई दिल्ली: राजस्थान के कोटा में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों द्वारा लगातार की जा रही आत्महत्या को लेकर राज्य के कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कोचिंग सेंटरों की आलोचना की है. मंत्री ने बीते सोमवार (28 अगस्त) को कोचिंग सेंटरों पर निशाना साधते हुए कहा कि वे केवल पैसा कमाने में लगे हुए हैं.
बीते रविवार (27 अगस्त) को कोटा में कोचिंग सेंटर के दो छात्रों की आत्महत्या से मौत के बाद इस साल ऐसी मौतों की कुल संख्या 23 हो गई है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री खाचरियावास ने संवाददाताओं से कहा, ‘मैं स्वीकार करता हूं कि राजस्थान में कोचिंग संचालक बहुत अमीर हैं, लेकिन वे अपने पैसे के बल पर बच्चों को परेशान नहीं कर सकते. उन्हें सावधान रहना चाहिए, उनके कोचिंग (सेंटर) खाली हो जाएंगे.’
#WATCH | Rajasthan: On the Kota student suicide case, Rajasthan Minister Pratap Singh Khachariyawas says," I agree that coaching managers of Rajasthan have a lot of money but they cannot threaten students on that basis…I would say to parents that their children are not… pic.twitter.com/vbrfRGJXFn
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) August 28, 2023
उन्होंने कहा, ‘मैं माता-पिता को भी बताना चाहता हूं कि उनके बच्चे कोचिंग के कारण आगे नहीं बढ़ रहे हैं, बल्कि इसलिए आगे बढ़ रहे हैं, क्योंकि वे होशियार हैं. आप कोचिंग सेंटरों को पैसा देते हैं और वे आपके बच्चों को धमकाते और परेशान करते हैं. कोचिंग वालों को हर दूसरे या तीसरे दिन परीक्षा आयोजित करने और कक्षा में दुर्व्यवहार करने का क्या अधिकार है? वे उन्हें हतोत्साहित करते हैं.’
खाचरियावास ने कहा, ‘मुख्यमंत्री ने एसपी (पुलिस अधीक्षकों) को शक्ति दी है. एसपी और कलेक्टर को कोचिंग सेंटर मालिकों के प्रभाव में नहीं आना चाहिए. उन्हें मुख्यमंत्री के सुझाव के अनुसार कार्रवाई करनी चाहिए. अगर वे कार्रवाई नहीं करेंगे तो जनता करेगी. मैंने एक भी कोचिंग सेंटर संचालक को सामने आकर (आत्महत्या के संबंध में) दुख व्यक्त करते नहीं सुना. वे केवल पैसा इकट्ठा करने में लगे हुए हैं.’
उन्होंने यह भी पूछा कि कोचिंग सेंटर छात्रों को अपनी इमारतों से कूदकर आत्महत्या करने से रोकने के लिए जाल क्यों नहीं लगा रहे हैं. कोटा में एक 17 वर्षीय छात्र ने रविवार को अपने कोचिंग सेंटर की छठी मंजिल से कूदकर जान दे दी थी.
खाचरियावास ने कहा, ‘मैं एसपी और कलेक्टरों से कहना चाहता हूं कि वे खुद जाकर जांच करें. शासन का आदेश है. यदि आप जांच नहीं करेंगे तो राजस्थान भर के कांग्रेस संगठन जांच करेंगे. अगर आप बड़े-बड़े जाल लगाएंगे तो कोई बच्चा ऊपर से कैसे कूद सकता है? कोचिंग सेंटर बच्चों की सुरक्षा के लिए एक रुपया भी खर्च नहीं करते हैं.’
रविवार को आत्महत्या से दो मौतें तब हुईं, जब दो छात्र अपने कोचिंग संस्थानों में परीक्षा देने आए थे. इसके बाद कोटा जिला प्रशासन ने कोचिंग सेंटरों को अगले दो महीनों के लिए कोई भी परीक्षा/टेस्ट आयोजित करने से रोक दिया है.