मणिपुर हिंसा पर रिपोर्ट को लेकर पुलिस द्वारा एडिटर्स गिल्ड पर एफआईआर समेत अन्य ख़बरें

द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.

(फोटो: द वायर)

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मणिपुर पुलिस ने एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया (ईजीआई) की उस फैक्ट-फाइंडिंग टीम के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है, जिसने मणिपुर का दौरा करने के बाद राज्य में जारी जातीय संघर्ष के मीडिया कवरेज पर एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी. ख़बर के अनुसार, बीते महीने हिंसाग्रस्त मणिपुर का दौरा करने वाली एडिटर्स गिल्ड की फैक्ट-फाइंडिंग टीम ने रिपोर्ट में ‘इंटरनेट बैन’ को ग़लती बताते हुए कहा था कि हिंसा के दौरान मणिपुर मीडिया ‘मेईतेई मीडिया’ बन गया था. अब सीएम एन. बीरेन सिंह का कहना है कि सरकार ने गिल्ड सदस्यों पर एफआईआर दर्ज की है, जो ‘राज्य में और संघर्ष पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं.’ एफआईआर में फैक्ट-फाइंडिंग टीम के सदस्य- सीमा गुहा, भारत भूषण और संजय कपूर के साथ गिल्ड की अध्यक्ष सीमा मुस्तफा को भी नामजद किया गया है. इस बीच, प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने एफआईआर रद्द करने की मांग करते हुए इस कदम के खिलाफ एक बयान जारी कर कहा है कि राज्य सरकार का यह तरीका देश के शीर्ष मीडिया निकाय को डराने-धमकाने के समान है.

संसद के विशेष सत्र में प्रश्नकाल न रखे जाने को लेकर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के सांसद ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से हस्तक्षेप  निवेदन किया है. द टेलीग्राफ के अनुसार, राज्यसभा में भाकपा के सांसद बिनॉय विश्वम ने राष्ट्रपति को लिखे पत्र में कहा कि शनिवार (2 सितंबर) को सांसदों को सूचित किया गया कि सरकार द्वारा बिना एजेंडा घोषित किए आगामी 18 सितंबर से बुलाए गए पांच दिवसीय विशेष सत्र के दौरान (अत्यावश्यक सार्वजनिक महत्व के मुद्दों को उठाने के लिए) कोई प्रश्नकाल या शून्यकाल नहीं होगा. उन्होंने इस बारे में निराशा जाहिर करते हुए उन्होंने जोड़ा कि इसका मकसद संसद को ‘भक्त जन समिति’ में तब्दील करने का है, जहां चर्चा के लिए कोई जगह नहीं होगी.’

केंद्र सरकार के ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ का अध्ययन करने के लिए समिति बनाने के फैसले की आलोचना करते हुए विपक्षी नेताओं दावा किया कि इससे देश के संघीय ढांचे को खतरा है. रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इसकी आलोचना करते हुए इसे एक ‘चाल’ क़रार दिया और आरोप लगाया कि सरकार धीरे-धीरे भारत में लोकतंत्र की जगह तानाशाही लाना चाहती है. इस कवायद की व्यवहार्यता की जांच के लिए मोदी सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नेतृत्व में एक समिति का गठन किया है, जिसमें शामिल होने से लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने इनकार कर दिया है. माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ की अवधारणा अलोकतांत्रिक और अव्यवहार्य है, जिससे और जटिलताएं पैदा होंगी.

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भारत में 9-10 सितंबर को आयोजित हो रहे जी-20 सम्मलेन में हिस्सा नहीं लेंगे. द हिंदू के अनुसार, इसकी कोई वजह न बताते हुए बताया गया है कि उनकी जगह चीनी प्रधानमंत्री और दूसरेसबसे बड़े नेता ली कियांग को नई दिल्ली में होने वाले सम्मलेन में रहेंगे. इससे पहले रूस और मेक्सिको के राष्ट्र प्रमुख भी जी-20 में न आने की घोषणा कर चुके हैं. उनके स्थान पर उनके मंत्री देश का प्रतिनिधित्व करेंगे.

महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग का मसला उठने और इसके लिए जालना में प्रदर्शन कर रहे लोगों पर शुक्रवार को हुए पुलिस लाठीचार्ज हुआ था. अब बढ़ते आक्रोश के बीच उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने लाठीचार्ज के लिए माफ़ी मांगी है. समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, उन्होंने कहा  कि ‘पुलिस द्वारा लाठीचार्ज सही नहीं था… मैं सरकार की ओर से माफी मांग रहा हूं.’ सीएम ने कहा है कि जो भी इसके लिए जिम्मेदार हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.’ इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, जालना जिले के अंतरवाली सराती गांव में भूख हड़ताल पर बैठे मनोज जारांगे-पाटिल के नेतृत्व में मराठा समुदाय के कुछ संगठनों ने रविवार को फडणवीस की आलोचना की और उनके इस्तीफे की मांग की है. पाटिल ने कहा, ‘न सिर्फ फड़णवीस को इस्तीफा देना चाहिए, बल्कि उन्हें भाजपा में भी नहीं रहने देना चाहिए. सीएम शिंदे को उन्हें अपने मंत्रालय में नहीं रखना चाहिए या फिर शिंदे को खुद मंत्रालय छोड़ देना चाहिए. ज्ञात हो कि राज्य के गृह विभाग का जिम्मा फडणवीस के पास है.

मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा द्वारा हरी झंडी दिखाकर रवाना की गई ‘जन आशीर्वाद यात्रा’ में आमंत्रित न किए जाने पर निराशा व्यक्त की है. द ट्रिब्यून के मुताबिक, उन्होंने किसी भी पार्टी नेता का नाम लिए बिना कहा, ‘हो सकता है कि मेरी उपस्थिति से भाजपा नेताओं को घबराहट महसूस हो. अगर मैं वहां होती, तो पूरी जनता का ध्यान मुझ पर होता.’