इंटरनेट बैन ग़लती थी, हिंसा के दौरान मणिपुर मीडिया ‘मेईतेई मीडिया’ बन गया था: एडिटर्स गिल्ड

एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया की एक फैक्ट-फाइंडिंग टीम ने पिछले महीने हिंसाग्रस्त मणिपुर का दौरा किया था. टीम द्वारा जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि मणिपुर सरकार द्वारा इंटरनेट बैन का पत्रकारिता पर हानिकारक प्रभाव पड़ा, क्योंकि बिना किसी संचार के एकत्र की गईं स्थानीय ख़बरें स्थिति का संतुलित दृष्टिकोण देने के लिए पर्याप्त नहीं थीं.

/
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह. (फोटो साभार: फेसबुक)

एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया की एक फैक्ट-फाइंडिंग टीम ने पिछले महीने हिंसाग्रस्त मणिपुर का दौरा किया था. टीम द्वारा जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि मणिपुर सरकार द्वारा इंटरनेट बैन का पत्रकारिता पर हानिकारक प्रभाव पड़ा, क्योंकि बिना किसी संचार के एकत्र की गईं स्थानीय ख़बरें स्थिति का संतुलित दृष्टिकोण देने के लिए पर्याप्त नहीं थीं.

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह. (फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्ली: एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया की एक फैक्ट-फाइंडिंग टीम ने मणिपुर से संबंधित मीडिया रिपोर्टों की जांच के लिए राज्य का दौरा किया है. टीम ने एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें यह उल्लेख किया गया है कि जातीय हिंसा के दौरान ‘एकतरफा’ रिपोर्ट प्रकाशित की गईं और इंटरनेट प्रतिबंध ने ‘मामलों को और भी बदतर’ बना दिया.

सीमा गुहा, भारत भूषण और संजय कपूर की तीन सदस्यीय टीम 7 से 10 अगस्त तक मणिपुर में थी. उनकी 24 पेज की ‘मणिपुर में जातीय हिंसा की मीडिया रिपोर्टों पर फैक्ट-फाइंडिंग मिशन की रिपोर्ट’ यह भी बताती है कि कैसे कुछ खबरों के कारण सुरक्षा बलों की बदनामी हुई.

उदाहरण के लिए अपनी सिफारिशों में इसने कहा, ‘मेइतेई मीडिया सुरक्षा बलों, विशेषकर असम राइफल्स की निंदा करने में एक पक्षकार बन गया. असम राइफल्स के खिलाफ लगातार दुष्प्रचार करके वह अपने कर्तव्य में विफल रहा. यह दावा करता रहा कि यह केवल जनता के विचारों को प्रसारित कर रहा था. यह तथ्यों को सत्यापित करने और फिर अपने रिपोर्ट में उनका उपयोग करने में विफल रहा.’

रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य सरकार ने भी मणिपुर पुलिस को असम राइफल्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की अनुमति देकर इस बदनामी का मौन समर्थन किया, ‘यह दर्शाता है कि राज्य के एक हाथ को नहीं पता था कि दूसरा क्या कर रहा है या यह जान-बूझकर की गई कार्रवाई थी’.

देश के सबसे पुराने अर्धसैनिक बलों में से एक असम राइफल्स और मणिपुर पुलिस के बीच संघर्ष अभूतपूर्व रहा है. इसके खिलाफ मणिपुर पुलिस की एफआईआर कथित तौर पर ‘कुकी उग्रवादियों को भागने की अनुमति देने’ के लिए दर्ज की गई थी. असम राइफल्स के महानिदेशक (डीजी) लेफ्टिनेंट जनरल पीसी नायर ने बीते 1 सितंबर को कहा है कि मणिपुर में स्थितियां अभूतपूर्व है.

उन्होंने कहा है, ‘मणिपुर में हम जिस स्थिति का सामना कर रहे हैं, वह अभूतपूर्व है. हमने इतिहास में कभी भी इस तरह की किसी स्थिति का सामना नहीं किया है. यह हमारे लिए नया है, यह मणिपुर के लिए भी नया है.’

इंटरनेट बैन ने समाचारों के सत्यापन को प्रभावित किया

एडिटर्स गिल्ड की रिपोर्ट ने समाचारों की क्रॉस-चेकिंग और निगरानी को प्रभावित करने में इंटरनेट प्रतिबंध की भूमिका का उल्लेख किया और इसे सीधे तौर पर ‘गलती’ और अफवाहों को फैलने देने का एक तरीका बताया है .

मणिपुर में पहली बार बीते 3 मई को इंटरनेट पर प्रतिबंध लगाया गया था. इसी दिन राज्य में जातीय हिंसा की शुरुआत हुई थी, जो पिछले चार महीनों से जारी है. तब से कई सरकारी आदेशों में इसे जारी रखा गया था, जब तक कि जून के अंत में इसके प्रतिबंधित उपयोग की अनुमति नहीं दी गई.

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘सरकार द्वारा इंटरनेट बैन का पत्रकारिता पर हानिकारक प्रभाव पड़ा, क्योंकि इसका सीधा असर पत्रकारों की एक-दूसरे, उनके संपादकों और उनके सोर्स के साथ बातचीत करने की क्षमता पर पड़ा. इसका असर मीडिया पर भी पड़ा, क्योंकि बिना किसी संचार के एकत्र की गईं स्थानीय खबरें स्थिति का संतुलित दृष्टिकोण देने के लिए पर्याप्त नहीं थीं.’

रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर इंटरनेट पर प्रतिबंध बिल्कुल जरूरी हो जाता है, तो समाचार प्लेटफार्मों को प्रतिबंध से छूट दी जानी चाहिए और मीडिया प्रतिनिधियों, नागरिक समाज संगठनों और सरकारी प्रतिनिधियों की एक समिति को प्रतिबंध और इसकी अवधि की निगरानी करनी चाहिए.

इसमें जोर देकर कहा गया, ‘किसी भी परिस्थिति में राज्य सरकार को अनुराधा भसीन मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों के खिलाफ नहीं जाना चाहिए.’

विशेष रूप से रिपोर्ट में कहा गया है कि संघर्ष के दौरान मणिपुर मीडिया प्रभावी रूप से बहुसंख्यक मेईतेई समुदाय का मीडिया बन गया था.

इसके अनुसार, ‘मेईतेई मीडिया जैसा कि मणिपुर मीडिया संघर्ष के दौरान बन गया था, ने संपादकों के साथ सामूहिक रूप से एक-दूसरे से परामर्श करने और एक ही कहानी (Narrative) पर सहमति व्यक्त करने लिए के साथ काम किया. उदाहरण के लिए किसी घटना की रिपोर्ट करने के लिए आम भाषा पर सहमति, भाषा के कुछ उपयोग का जिक्र करना या यहां तक ​​कि किसी घटना की रिपोर्ट नहीं करना. एडिटर्स गिल्ट की टीम को यह इसलिए बताया गया, क्योंकि वे पहले से ही अस्थिर स्थिति को और अधिक भड़काना नहीं चाहते थे.’

रिपोर्ट में कहा गया है कि यह चलन स्पष्ट रूप से उन दिनों से शुरू हुआ, जब घाटी में उग्रवादी समूह सक्रिय थे और किसी भी प्रतिकूल रिपोर्टिंग के लिए अखबार के संपादकों को धमकी देते थे.

रिपोर्ट के अनुसार, ‘हालांकि जातीय हिंसा के दौरान इस तरह के दृष्टिकोण का नकारात्मक पक्ष यह है कि यह आसानी से एक सामान्य जातीय कहानी गढ़ सकता है. क्या रिपोर्ट करना है और क्या सेंसर करना है, यह तय करके पत्रकारिता के सिद्धांतों के सामूहिक पतन का कारण बन सकता है. ऐसा कुछ हद तक मेइतेई और कुकी समुदाया के बीच जातीय हिंसा के वर्तमान चक्र के दौरान भी हुआ है.’

एडिटर्स गिल्ड की टीम ने यह भी कहा कि ‘स्पष्ट संकेत हैं कि राज्य का नेतृत्व संघर्ष के दौरान पक्षपातपूर्ण हो गया’. टीम ने एक लोकतांत्रिक सरकार के रूप में कर्तव्य निभाने में इसे राज्य की विफलता करार दिया.

इसमें कहा गया है, ‘इंफाल में मेईतेई सरकार, मेईतेई पुलिस और मेईतेई नौकरशाही है और पहाड़ियों में रहने वाले आदिवासी लोगों को उन पर कोई भरोसा नहीं है.’

एडिटर्स गिल्ड की पूरी रिपोर्ट:

Report of the fact-finding … by The Wire

इस रिपोर्ट को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

pkv games bandarqq dominoqq pkv games bandarqq dominoqq pkv games bandarqq dominoqq pkv games pkv games bandarqq dominoqq judi bola judi parlay pkv games bandarqq dominoqq pkv games pkv games pkv games bandarqq pkv games bandarqq dominoqq bandarqq slot gacor slot thailand slot gacor pkv games bandarqq dominoqq pkv games bandarqq dominoqq bandarqq dominoqq pkv games bandarqq dominoqq slot gacor slot gacor bonus new member bonus new member bandarqq domoniqq slot gacor slot telkomsel slot77 slot77 bandarqq pkv games bandarqq pkv games pkv games rtpbet bandarqq pkv games dominoqq pokerqq bandarqq pkv games dominoqq pokerqq pkv games bandarqq dominoqq pokerqq bandarqq pkv games rtpbet bandarqq pkv games dominoqq bandarqq pkv games dominoqq pkv games bandarqq pkv games dominoqq slot bca slot bni bandarqq pkv games dominoqq bandarqq pkv games dominoqq pkv games bandarqq dominoqq slot bca slot telkomsel slot77 slot pulsa slot thailand bocoran admin jarwo depo 50 bonus 50 slot bca slot telkomsel slot77 slot pulsa slot thailand bocoran admin jarwo depo 50 bonus 50 slot bri slot mandiri slot telkomsel slot xl depo 50 bonus 50 depo 25 bonus 25 slot gacor slot thailand sbobet pkv games bandarqq dominoqq slot77 slot telkomsel slot zeus judi bola slot thailand slot pulsa slot demo depo 50 bonus 50 slot bca slot telkomsel slot mahjong slot bonanza slot x500 pkv games slot telkomsel slot bca slot77 bocoran admin jarwo pkv games slot thailand bandarqq pkv games dominoqq bandarqq dominoqq bandarqq pkv games dominoqq pkv games bandarqq dominoqq bandarqq pkv games bandarqq bandarqq pkv games pkv games pkv games bandarqq dominoqq pkv games bandarqq dominoqq bandarqq pkv games dominoqq pkv games dominoqq bandarqq