एपीजे अब्दुल कलाम को लेकर अपमानजनक टिप्पणी के लिए यति नरसिंहानंद के ख़िलाफ़ केस दर्ज

ग़ाज़ियाबाद पुलिस ने बताया कि 16 सेकंड के वीडियो क्लिप में यति नरसिंहानंद पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के बारे में अप्रिय टिप्पणी करने के अलावा मुसलमानों के लिए आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करते हुए दिखाई दे रहे हैं, जिससे नफ़रत भड़क सकती है और सांप्रदायिक सद्भाव में बाधा आ सकती है.

यति नरसिंहानंद. (फोटो साभार: फेसबुक)

ग़ाज़ियाबाद पुलिस ने बताया कि 16 सेकंड के वीडियो क्लिप में यति नरसिंहानंद पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के बारे में अप्रिय टिप्पणी करने के अलावा मुसलमानों के लिए आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करते हुए दिखाई दे रहे हैं, जिससे नफ़रत भड़क सकती है और सांप्रदायिक सद्भाव में बाधा आ सकती है.

यति नरसिंहानंद. (फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्ली: कट्टर हिंदुत्ववादी नेता और उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद स्थित डासना देवी मंदिर के पुजारी यति नरसिंहानंद के खिलाफ बीते शनिवार (8 सितंबर) को पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के बारे में कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए केस दर्ज किया गया है.

पुलिस कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा ने बताया कि शुक्रवार (8 सितंबर) रात सोशल मीडिया पर वायरल हुई एक वीडियो क्लिप के आधार पर एफआईआर दर्ज की गई है.

एनडीटीवी में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, मिश्रा ने कहा, ‘16 सेकंड के वीडियो क्लिप में नरसिंहानंद, पूर्व राष्ट्रपति कलाम के बारे में अप्रिय टिप्पणी करने के अलावा मुसलमानों के लिए आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करते दिखाई दे रहे हैं, जिससे नफरत भड़क सकती है और सांप्रदायिक सद्भाव में बाधा आ सकती है.’

पुलिस ने कहा कि क्लिप के आधार पर सब-इंस्पेक्टर प्रशांत कुमार गौतम ने गाजियाबाद के वेव सिटी पुलिस स्टेशन में नरसिंहानंद के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद शनिवार को एक एफआईआर दर्ज की गई.

नरसिंहानंद ने अपने बचाव में कहा कि उक्त वीडियो क्लिप पुरानी है. उन्होंने पुलिस पर एक ही मुद्दे पर बार-बार एफआईआर दर्ज करने का आरोप लगाया है.

मालूम हो कि कट्टर हिंदुत्ववादी नेता यति नरसिंहानंद अपने बयानों को लेकर पहले भी विवादों में रहे हैं.

सितंबर 2022 में एक धार्मिक समारोह में मुस्लिम समुदाय के खिलाफ भड़काऊ बयान देने के आरोप में पुलिस ने यति नरसिंहानंद, अखिल भारतीय हिंदू महासभा की राष्ट्रीय महासचिव पूजा शकुन पांडे और उनके पति अशोक पांडे के खिलाफ केस दर्ज किया था.

अलीगढ़ में हुए इस कार्यक्रम में उन्होंने कहा था कि मदरसों और अलीगढ़ मुस्ल्मि विश्वविद्यालय (एएमयू) को बम से उड़ा देना चाहिए. नरसिंहानंद ने अलीगढ़ को उस स्थान के रूप में पारिभाषित किया था, जहां से ‘भारत के विभाजन का बीज’ बोया गया था.

अप्रैल 2022 में ही उन्होंने मथुरा में हिंदुओं से अधिक संतान पैदा करने की अपील की थी, ताकि भारत को आने वाले दशकों में ‘हिन्दू विहीन’ राष्ट्र बनने से रोका जा सके.

इसी महीने में नरसिंहानंद के एक संगठन ने भारत को इस्लामिक देश बनने से बचाने के लिए हिंदुओं से अधिक बच्चों को जन्म देने का आह्वान किया था. संगठन ने हिमाचल प्रदेश के ऊना में तीन दिवसीय धर्म संसद का आयोजन किया था. कार्यक्रम में नरसिंहानंद ने दावा किया था कि मुस्लिम योजनाबद्ध तरीके से कई बच्चों को जन्म देकर अपनी आबादी बढ़ा रहे हैं.

इससे पहले उत्तर दिल्ली के बुराड़ी में 3 अप्रैल 2022 को आयोजित ‘हिंदू महापंचायत’ कार्यक्रम में नरसिंहानंद ने फिर मुस्लिमों के खिलाफ हिंसा का आह्वान करते पाए गए थे. इस संबंध में उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया था.

हरिद्वार धर्म संसद मामले में गिरफ्तारी के बाद जमानत पर रिहा हुए नरसिंहानंद ने जमानत शर्तों का उल्लंघन करते हुए मुस्लिमों पर निशाना साधते हुए ये नफरती भाषण दिए थे.

इस मामले में नरसिंहानंद और अन्य वक्ताओं के खिलाफ दिल्ली के मुखर्जी नगर पुलिस थाने में नफरती भाषण देने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई थी.

यति नरसिंहानंद हरिद्वार धर्म संसद के आयोजकों में से एक थे. दिसंबर 2021 में उत्तराखंड के हरिद्वार शहर में आयोजित ‘धर्म संसद’ में मुसलमान एवं अल्पसंख्यकों के खिलाफ खुलकर नफरत भरे भाषण देने के साथ उनके नरसंहार का आह्वान भी किया गया था.

धर्म संसद में यति नरसिंहानंद ने मुस्लिम समाज के खिलाफ भड़काऊ बयानबाजी करते हुए कहा था कि वह ‘हिंदू प्रभाकरण’ बनने वाले व्यक्ति को एक करोड़ रुपये देंगे.

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