राजस्थान: कोटा में नीट की तैयारी कर रही छात्रा ने आत्महत्या की, इस साल का 24वां मामला

राजस्थान के कोचिंग हब कोटा में आत्महत्या करने वाली 16 वर्षीय छात्रा मूलत: रांची की रहने वाली थी और नीट परीक्षा की तैयारी कर रही थी.  

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: India Rail Info)

राजस्थान के कोचिंग हब कोटा में आत्महत्या करने वाली 16 वर्षीय छात्रा मूलत: रांची की रहने वाली थी और नीट परीक्षा की तैयारी कर रही थी.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: India Rail Info)

नई दिल्ली: राजस्थान के कोटा में राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) की तैयारी कर रही एक 16 वर्षीय छात्रा ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.

इस साल केवल आठ महीनों में राजस्थान के कोचिंग हब कोटा में चौबीस छात्रों की आत्महत्या से मौत हो गई है.

इंडिया टुडे के मुताबिक, परीक्षा की तैयारी के लिए आई रांची निवासी छात्रा वर्तमान में शहर के ब्लेज़ हॉस्टल में रह रही थी.

संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) और राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (नीट) जैसी प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में सफलता पाने की आस में लगभग दो लाख छात्र हर साल कोटा आते हैं. इस साल, अधिकारियों ने जिले में प्रतियोगी परीक्षाओं के दबाव से संबंधित 24 छात्रों की आत्महत्या की जानकारी दी है, जो कि कोटा में अब तक किसी भी वर्ष में छात्रों द्वारा की गई आत्महत्या की सबसे अधिक संख्या है.

राजस्थान पुलिस के आंकड़ों के अनुसार यह आंकड़ा 2022 में 15, 2019 में 18, 2018 में 20, 2017 में 7, 2016 में 17 और 2015 में 18 था. 2020 और 2021 में कोविड-19 महामारी के कारण कोटा में कोचिंग संस्थानों के बंद होने के कारण आत्महत्या की कोई सूचना नहीं मिली थी.

इस बीच, राजस्थान हाईकोर्ट राज्य के कोचिंग संस्थानों, विशेषकर कोटा, में छात्रों द्वारा आत्महत्या को रोकने के लिए सिफारिशें मांग चुका है.

अदालत ने बच्चों की मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया और विशेष रूप से कोचिंग संस्थानों के लिए तैयार राजस्थान कोचिंग संस्थान (नियंत्रण और विनियमन) विधेयक-2023 पेश करने पर विचार कर रही है.

इससे पहले, बीते माह प्रशासन ने एक आदेश जारी कर कोचिंग संस्थानों को दो महीने के लिए किसी भी टेस्ट को रोकने का निर्देश दिया.

बीते 18 अगस्त को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोटा जिले में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के बीच आत्महत्या की बढ़ती घटनाओं पर चिंता व्यक्त की थी और अधिकारियों को ऐसे मामलों पर नज़र रखने के उपाय सुझाने के लिए एक समिति बनाने का निर्देश दिया था.

इससे पहले कोटा जिला प्रशासन ने सभी छात्रावासों और पीजी आवासों को छात्रों को मानसिक सहायता और सुरक्षा प्रदान करने के लिए सभी कमरों में स्प्रिंग-लोडेड पंखे लगाने का आदेश दिया था.

राज्य पुलिस विभाग ने 22 जून को एक छात्र प्रकोष्ठ की स्थापना की थी, जिसमें कोचिंग सेंटरों में नियमित बातचीत करने और छात्रों पर नजर रखने के लिए एक अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी), तीन इंस्पेक्टर या सब-इंस्पेक्टर या असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर और महिला पुलिसकर्मियों सहित छह कांस्टेबल शामिल हैं.