कोटा में विज्ञान नगर इलाके में नीट की तैयारी कर रही एक 16 वर्षीय छात्रा ने सोमवार को अपने छात्रावास के कमरे में कथित तौर पर ज़हर खाकर आत्महत्या कर ली. इस साल राज्य के कोचिंग हब में ऐसे मामलों की संख्या 25 हो गई है. यह संख्या 2015 के बाद से अब तक का सर्वाधिक आंकड़ा है.
नई दिल्ली: राजस्थान के कोटा में विज्ञान नगर इलाके में राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा (नीट) की तैयारी कर रही एक 16 वर्षीय छात्रा ने सोमवार को अपने छात्रावास के कमरे में कथित तौर पर जहर खाकर आत्महत्या कर ली.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने कहा कि इस साल राज्य के कोचिंग हब में ऐसे मामलों की संख्या 25 हो गई है. पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, यह संख्या 2015 के बाद से अब तक सबसे ज्यादा है.
कोटा पंचम के सर्किल अधिकारी धर्मवीर सिंह ने कहा, ‘लड़की उत्तर प्रदेश की रहने वाली थी और पिछले डेढ़ साल से कोटा में रह रही थी. वह पहले एक छात्रावास में रहती थी लेकिन तीन महीने पहले विज्ञान नगर इलाके में किराए के मकान में रहने लगी थी.’
सिंह ने बताया कि नीट अभ्यर्थी ने सोमवार दोपहर को कथित तौर पर जहरीला पदार्थ खा लिया.
अधिकारी ने कहा, ‘पदार्थ का सेवन करने के बाद वह बीमार पड़ गई और बाहर जाकर उल्टी करने लगी. उसकी हालत देखकर इलाके से गुजर रहे कुछ छात्र उसे तुरंत नजदीकी अस्पताल ले गए, जहां कुछ घंटों के इलाज के बाद उसकी मौत हो गई.’
पुलिस ने कहा कि प्रारंभिक जांच के अनुसार, छात्र ने पिछले कुछ महीनों में कोचिंग सेंटर में कई कक्षाओं में भाग नहीं लिया था. विज्ञान नगर की एसएचओ कौशल्या गालौर ने कहा, ‘उसके यह कदम उठाने का कारण अभी तक पता नहीं चला है.’
उन्होंने कहा, ‘अभी तक कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है. उसके माता-पिता के शहर पहुंचने के बाद हम उसके कमरे की तलाशी ले सकेंगे. शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेज दिया गया है.’
उल्लेखनीय है कि बीते 13 सितंबर को झारखंड के एक और 16 वर्षीय छात्रा की विज्ञान नगर में आत्महत्या से मृत्यु हो गई थी. इससे पहले 27 अगस्त को बिहार और महाराष्ट्र के दो अन्य नीट छात्रों की भी कोचिंग संस्थान में साप्ताहिक परीक्षा देने के छह घंटे के भीतर आत्महत्या से मौत हो गई थी.
15 अगस्त को बिहार का एक 18 वर्षीय छात्र, जो इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए जेईई की तैयारी कर रहा था, जिले के महावीर नगर इलाके में अपने पेइंग गेस्ट (पीजी) आवास में कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी.
11 अगस्त को बिहार के एक 17 वर्षीय जेईई अभ्यर्थी की महावीर नगर के एक छात्रावास में आत्महत्या से मृत्यु हो गई. 4 अगस्त को बिहार के एक और 17 वर्षीय इंजीनियरिंग अभ्यर्थी की महावीर नगर में आत्महत्या से मृत्यु हो गई. एक दिन पहले 3 अगस्त को उत्तर प्रदेश के एक नीट अभ्यर्थी की विज्ञान नगर में आत्महत्या से मृत्यु हो गई.
पुलिस आंकड़ों के मुताबिक, कोटा में 2022 में 15, 2019 में 18, 2018 में 20, 2017 में सात, 2016 में 17 और 2015 में 18 छात्रों की मौत हुई. 2020 और 2021 में कोई आत्महत्या नहीं हुई.
ऐसे मामलों में तेजी से बढ़ोतरी को देखते हुए कोटा जिला प्रशासन ने 27 अगस्त को एक आदेश जारी कर कोचिंग सेंटरों को अगले दो महीने के लिए सभी परीक्षाएं स्थगित करने का निर्देश दिया हुआ है.
बीते 18 अगस्त को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोटा जिले में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के बीच आत्महत्या की बढ़ती घटनाओं पर चिंता व्यक्त की थी और अधिकारियों को ऐसे मामलों पर नज़र रखने के उपाय सुझाने के लिए एक समिति बनाने का निर्देश दिया था.
इससे पहले कोटा जिला प्रशासन ने सभी छात्रावासों और पीजी आवासों को छात्रों को मानसिक सहायता और सुरक्षा प्रदान करने के लिए सभी कमरों में स्प्रिंग-लोडेड पंखे लगाने का आदेश दिया था.
राज्य पुलिस विभाग ने 22 जून को एक छात्र प्रकोष्ठ की स्थापना की थी, जिसमें कोचिंग सेंटरों में नियमित बातचीत करने और छात्रों पर नजर रखने के लिए एक अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी), तीन इंस्पेक्टर या सब-इंस्पेक्टर या असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर और महिला पुलिसकर्मियों सहित छह कांस्टेबल शामिल हैं.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, राजस्थान सरकार की एक शीर्ष समिति कक्षा 8 से कम उम्र के छात्रों को कोटा में कोचिंग संस्थानों में प्रवेश लेने से रोकने, छात्रों को संस्थान छोड़ने पर धन वापसी का दावा करने की अनुमति देने और शिक्षकों और छात्रावास मालिकों के लिए प्रशिक्षण मॉड्यूल लागू करने की सिफारिश करने के लिए तैयार है. इस वर्ष बढ़ती आत्महत्याओं की घटनाओं से लड़ने के उद्देश्य से कई सिफ़ारिशें की गईं.