जादवपुर यूनिवर्सिटी के छात्रों को कपड़े उतारने, दीवार पर चेहरा रगड़ने को मजबूर किया गया: समिति

पश्चिम बंगाल के जादवपुर विश्वविद्यालय के प्रथम वर्ष के छात्र की कथित तौर पर रैगिंग के कारण मौत के बाद परिसर में ऐसी घटनाओं की जांच के लिए संस्थान द्वारा गठित एक समिति ने पाया कि लड़कों के छात्रावास में रहने वाले प्रथम वर्ष के छात्रों को कथित तौर पर अपने अंडरगार्मेंट उतारने,  दीवार पर अपना चेहरा रगड़ने, मेंढक की तरह कूदने के लिए मजबूर किया जाता है.

जादवपुर विश्वविद्यालय. (फोटो साभार: विकिपीडिया)

पश्चिम बंगाल के जादवपुर विश्वविद्यालय के प्रथम वर्ष के छात्र की कथित तौर पर रैगिंग के कारण मौत के बाद परिसर में ऐसी घटनाओं की जांच के लिए संस्थान द्वारा गठित एक समिति ने पाया कि लड़कों के छात्रावास में रहने वाले प्रथम वर्ष के छात्रों को कथित तौर पर अपने अंडरगार्मेंट उतारने,  दीवार पर अपना चेहरा रगड़ने, मेंढक की तरह कूदने के लिए मजबूर किया जाता है.

(फोटो साभार: फेसबुक/Jadavpur University Research Scholars’ Association)

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल के जादवपुर विश्वविद्यालय के लड़कों के छात्रावास में रहने वाले प्रथम वर्ष के छात्रों को कथित तौर पर दीवार पर अपना चेहरा रगड़ने और अनिश्चित काल तक अलमारियों के ऊपर रहने के लिए मजबूर किया गया. कैंपस में रैगिंग की घटनाओं की जांच के लिए विश्वविद्यालय द्वारा गठित एक समिति ने अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी दी है.

समिति का गठन 10 अगस्त को कथित तौर पर परिसर में रैगिंग के कारण एक स्नातक छात्र की मौत के बाद किया गया था.

एनडीटीवी के मुताबिक, हॉस्टल में रहने वाले सैकड़ों छात्रों के साक्षात्कार के बाद तैयार की गई रिपोर्ट में कहा गया है, ‘उन्हें अपने अंडरगार्मेंट उतारने के लिए मजबूर किया गया और फिर अलमारी के ऊपर खड़े होने, दीवार के खिलाफ अपना चेहरा रगड़ने, मेंढक की तरह कूदने और खाट के नीचे रेंगने जैसी गतिविधियां करने के लिए मजबूर किया गया.’

इसमें दावा किया गया है कि फ्रेशर छात्रों, जिन्हें ‘बच्चा’ कहा जाता है, को अपने वरिष्ठों के कपड़े धोने, उनके लिए असाइनमेंट लिखने और देर रात पास के बाजारों से शराब, सिगरेट और भोजन लाने सहित अन्य काम करने के लिए मजबूर किया जाता है.

यह भी कहा गया है कि फ्रेशर छात्रों को बगल के पुलिस क्वार्टर में रहने वाली महिलाओं के बारे में अपशब्द कहने के लिए भी मजबूर किया गया और इनकार करने पर सजा के तौर पर उनकी पिटाई भी की जाती है.

मालूम हो कि प्रथम वर्ष के छात्र की बीते 9 अगस्त की रात को परिसर के पास लड़कों के छात्रावास की दूसरी मंजिल की बालकनी से कथित तौर पर गिरने के बाद मौत हो गई थी. उनके परिवार ने आरोप लगाया कि वह रैगिंग और यौन उत्पीड़न का शिकार थे. प्रारंभिक जांच में छात्र के यौन उत्पीड़न और रैगिंग की बात सामने आई थी.

ताजा रिपोर्ट में दावा किया गया है कि उस शाम जो कुछ हुआ, वह महज रैगिंग की केवल एक घटना नहीं थी, बल्कि एक नियमित प्रथा थी.

इसमें कहा गया है, ‘9 अगस्त की आधी रात के आसपास बालकनी से गिरे छात्र को पीली टैक्सी में अस्पताल ले जाने के बाद एक सीनियर छात्र के निर्देश के बाद छात्रावास के छात्रों के एक समूह ने दुर्घटना स्थल को पानी से धोया था.’

इसमें कहा गया है, ‘उनके घातक रूप से गिरने से ठीक पहले की गतिविधियों के बारे में जानकारी अनिश्चित और अस्पष्ट है, क्योंकि किसी भी गवाह ने घटना का स्पष्ट विवरण नहीं दिया, जो दुर्घटना के कारण और क्रम का पता लगाने में मदद कर सकता है.’

समिति ने आरोप लगाया कि छात्र की गंभीर तौर पर पूर्व नियोजित रैगिंग की गई थी, जिसमें संभावित यौन शोषण भी शामिल था. छात्र की मौत के मामले में 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया, सभी पूर्व या वर्तमान छात्र हैं.

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