केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने निजी टेलीविजन चैनलों को एक एडवाइज़री जारी करते हुए कहा है कि वे ऐसे व्यक्तियों का इंटरव्यू लेने से परहेज़ करें, जिनके ख़िलाफ़ गंभीर अपराध या आतंकवाद के आरोप हैं. एडवाइज़री में मंत्रालय ने किसी व्यक्ति या संगठन का ज़िक्र नहीं किया है.
नई दिल्ली: कनाडा-भारत के बीच चल रहे राजनयिक संकट के बीच केंद्र सरकार ने गुरुवार (21 सितंबर) को निजी टेलीविजन चैनलों को एक परामर्श जारी करते हुए कहा कि वे ऐसे व्यक्तियों का साक्षात्कार लेने से बचें जिनके खिलाफ गंभीर अपराध या आतंकवाद के आरोप हैं.
रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा जारी एडवाइजरी में कहा गया है, ‘इस मंत्रालय के संज्ञान में आया है कि विदेश वाले एक व्यक्ति, जिसके खिलाफ आतंकवाद सहित अपराध के गंभीर मामले हैं, जो एक ऐसे संगठन से संबंधित है जिसे भारत में कानून द्वारा प्रतिबंधित किया गया है, को एक टीवी चैनल पर चर्चा के लिए बुलाया गया था. उक्त व्यक्ति ने कई टिप्पणियां कीं जो देश की संप्रभुता/अखंडता, भारत की सुरक्षा, एक विदेशी राष्ट्र के साथ भारत के मैत्रीपूर्ण संबंधों के लिए हानिकारक थीं और इनमें देश में सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ने की भी संभावना थी. सरकार मीडिया की स्वतंत्रता को बरकरार रखती है और संविधान के तहत उसके अधिकारों का सम्मान करती है, लेकिन टीवी चैनलों द्वारा प्रसारित सामग्री धारा 20 की उपधारा (2) सहित सीटीएन अधिनियम, 1995 के प्रावधानों के अनुपालन में होनी चाहिए.’
आगे कहा गया, ‘इसके मद्देनजर टेलीविजन चैनलों को सलाह दी जाती है कि वे संविधान के अनुच्छेद 19(2) के तहत निर्धारित और सीटीएन अधिनियम की धारा 20 की उप-धारा (2) के तहत उल्लिखित उचित प्रतिबंधों को ध्यान में रखते हुए ऐसी पृष्ठभूमि के व्यक्तियों, जिनमें वे लोग भी शामिल हैं जिनके खिलाफ गंभीर अपराध/आतंकवाद के आरोप हैं और जो ऐसे संगठनों से संबंधित हैं जिन्हें कानूनन प्रतिबंधित किया गया है, के बारे में रिपोर्ट/रेफेरेंस और विचारों/एजेंडा को कोई मंच देने से बचें.’
Centre’s advisory to pr… by Taniya Roy
हालांकि, एडवाइजरी में यह उल्लेख नहीं किया गया है कि यह किस चैनल या व्यक्ति के बारे में है.
द हिंदू ने एक ट्वीट में बताया है कि एक न्यूज़ चैनल ने वांछित आतंकवादी (अमेरिका में रह रहे गुरपतवंत सिंह पन्नू) को मंच दिया था, जिसके बाद सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने टीवी चैनलों को ऐसी पृष्ठभूमि के व्यक्तियों को लेकर परामर्श जारी किया है.
Noting that a news channel had given platform to a wanted terrorist (US-based Gurpatwant Singh Pannu), I&B Ministry has advised television channels to refrain from giving any platform to reports/references about and views/agenda of persons of such background.@deveshpd
— The Hindu (@the_hindu) September 21, 2023
गुरपतवंत सिंह पन्नू अमेरिका में रहने वाले सिख चरमपंथी हैं जो सिख फॉर जस्टिस ग्रुप के प्रमुख हैं. खालिस्तान समर्थक इस समूह को साल 2019 में भारत में प्रतिबंधित कर दिया गया था. पन्नू को भारत में आतंकवादी के तौर पर नामजद किया गया था.
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के खालिस्तान समर्थक नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत का हाथ होने के आरोप के बाद सिख फॉर जस्टिस ने भारतीय मूल के हिंदुओं को धमकी दी थी.
संगठन ने एक वीडियो जारी करते हुए कहा था कि भारतीय मूल के हिंदू कनाडा छोड़कर चले जाएं. वे अपने भारतीय होने का जश्न मनाते हैं और उन्होंने खालिस्तानी ‘नेता’ हरदीप सिंह निज्जर की हत्या पर जश्न मनाकर हिंसा को बढ़ावा दिया है. गुरुवार को इस वीडियो को यूट्यूब ने हटा दिया.
ज्ञात हो कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने बीते 18 सितंबर को कनाडाई संसद में एक सनसनीखेज बयान में दावा किया था कि उनके देश की सुरक्षा एजेंसियों के पास ‘विश्वसनीय’ खुफिया जानकारी है कि जून 2023 में ब्रिटिश कोलंबिया में खालिस्तान समर्थक नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के पीछे भारत सरकार का हाथ था. निज्जर की इस साल 19 जून को ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में एक गुरुद्वारे के बाहर अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी.
इसके बाद कनाडा ने एक वरिष्ठ भारतीय राजनयिक को भी निष्कासित कर दिया, जिनकी पहचान उन्होंने भारत की खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के कनाडा प्रमुख के रूप में की. भारत ने भी एक कनाडाई राजनयिक के खिलाफ समान कार्रवाई करते हुए इन आरोपों को ‘हास्यास्पद और प्रायोजित’ करार दिया था.
गुरुवार को सुरक्षा खतरों का हवाला देते हुए भारत ने कनाडा में वीजा सेवाएं निलंबित कर दीं. कनाडा को आतंकवादियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह बताते हुए विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत ने कनाडा से भारत में अपनी राजनयिक उपस्थिति घटाने को कहा है.