कनाडाई प्रधानमंत्री ने सिख नेता की हत्या में भारत की भूमिका के आरोप को फिर दोहराया

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत सरकार से एक बार फिर हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की आधिकारिक जांच में सहयोग करने का आह्वान किया है. निज्जर को कनाडा अपने देश का नागरिक बता रहा है, ज​बकि भारत में वह खालिस्तान समर्थक के तौर पर वांछित थे. ट्रूडो ने कहा कि उनकी सुरक्षा एजेंसियों के पास यह मानने के ‘विश्वसनीय’ कारण हैं कि भारत सरकार के एजेंट इस हत्या में शामिल थे.

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो. (फोटो साभार: फेसबुक)

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत सरकार से एक बार फिर हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की आधिकारिक जांच में सहयोग करने का आह्वान किया है. निज्जर को कनाडा अपने देश का नागरिक बता रहा है, ज​बकि भारत में वह खालिस्तान समर्थक के तौर पर वांछित थे. ट्रूडो ने कहा कि उनकी सुरक्षा एजेंसियों के पास यह मानने के ‘विश्वसनीय’ कारण हैं कि भारत सरकार के एजेंट इस हत्या में शामिल थे.

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो. (फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्ली: कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने बीते गुरुवार (21 सितंबर) को दोहराया कि उनके देश की सुरक्षा एजेंसियों के पास यह मानने के ‘विश्वसनीय’ कारण हैं कि भारत सरकार के एजेंट एक कनाडाई नागरिक की हत्या में शामिल थे. वह जून 2023 में ब्रिटिश कोलंबिया में खालिस्तान समर्थक नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का जिक्र कर रहे थे.

ट्रूडो ने कहा, ‘जैसा कि मैंने सोमवार (18 सितंबर) को कहा था कि यह मानने के विश्वसनीय कारण हैं कि कनाडा की धरती पर एक कनाडाई की हत्या में भारत सरकार के एजेंट शामिल थे. कानून के शासन वाले देश में, ऐसी दुनिया में जहां अंतरराष्ट्रीय नियम-आधारित आदेश मायने रखते हैं, यह अत्यंत मूलभूत महत्व की चीज है.’

वह संयुक्त राष्ट्र महासभा से इतर न्यूयॉर्क में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान बोल रहे थे. उन्होंने भारत सरकार से निज्जर की हत्या की आधिकारिक जांच में सहयोग करने का आह्वान किया.

उन्होंने कहा, ‘हमारे पास स्वतंत्र न्याय प्रणाली और मजबूत प्रक्रियाएं हैं, जो अपनी प्रक्रियाओं का पालन करेंगी और हम भारत सरकार से इस मामले की सच्चाई जानने के लिए आगे बढ़ने के लिए हमारे साथ जुड़ने का आह्वान करते हैं.’

कनाडा के प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हम कानून के शासन वाले देश हैं. हम कनाडाई लोगों को सुरक्षित रखने और अपने मूल्यों और अंतरराष्ट्रीय नियम-आधारित व्यवस्था को बनाए रखने के लिए आवश्यक कार्य करना जारी रखेंगे. अभी हमारा ध्यान इसी पर है.’

उन्होंने ये टिप्पणी तब की है जब भारत ने कनाडा सरकार पर आतंकवादियों को सुरक्षित पनाहगाह मुहैया कराने का आरोप लगाया है, यह बात अब तक केवल पाकिस्तान के लिए इस्तेमाल की जाती थी.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार को कहा, ‘अगर आप प्रतिष्ठित मुद्दों और प्रतिष्ठा की क्षति के बारे में बात कर रहे हैं और अगर कोई देश है जिसे इस पर ध्यान देने की ज़रूरत है तो मुझे लगता है कि यह कनाडा है. एक जगह के रूप में, आतंकवादियों, चरमपंथियों और संगठित अपराध के लिए एक सुरक्षित पनाहगाह के रूप में इसकी प्रतिष्ठा बढ़ रही है. मुझे लगता है कि यह एक ऐसा देश है, जिसे अपनी अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा के बारे में चिंता करने की जरूरत है.’

कनाडा ने पहले कहा था कि वह सोशल मीडिया की धमकियों के कारण लोगों को वापस भेज रहा है. हालांकि, भारत ने कहा था कि उसने कनाडा से ‘पारस्परिक राजनयिक उपस्थिति में राजनयिक समकक्षता की रैंक और ताकत में समानता’ रखने के लिए कहा था.

ज्ञात हो कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने बीते 18 सितंबर को कनाडाई संसद (हाउस ऑफ कॉमन्स) में एक सनसनीखेज बयान में दावा किया था कि उनके देश की सुरक्षा एजेंसियों के पास ‘विश्वसनीय’ खुफिया जानकारी है कि जून 2023 में ब्रिटिश कोलंबिया में खालिस्तान समर्थक नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के पीछे भारत सरकार का हाथ था. निज्जर की इस साल 19 जून को ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में एक गुरुद्वारे के बाहर अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी.

उन्होंने कहा था कि उन्होंने इस मुद्दे को भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ‘स्पष्ट रूप से’ उठाया था.

खालिस्तान समर्थक संगठन खालिस्तान टाइगर फोर्स और सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) की कनाडाई शाखा के प्रमुख 46 वर्षीय निज्जर भारत में वांछित था और इस साल जून में ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में एक गुरुद्वारे के बाहर उसकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.

कनाडाई प्रधानमंत्री के आरोपों का भारत ने खंडन किया था. साथ ही दोनों देशों ने अपने राजनयिकों को निष्कासित कर दिया था.

अब तक कनाडा सरकार ने निज्जर की हत्या में भारत सरकार का हाथ होने के अपने दावे के लिए अपने पास मौजूद कोई भी सबूत सार्वजनिक नहीं किया है.

भारत और कनाडा के बीच बढ़ते तनाव के बीच गुरुवार सुबह भारत ने अस्थायी रूप से कनाडाई नागरिकों के लिए वीज़ा सेवाओं को अनिश्चितकाल के लिए निलंबित कर दिया था, जबकि कनाडा ने कहा था कि वह वह सोशल मीडिया पर मिली धमकियों के बाद राजनयिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भारत में कर्मचारियों की उपस्थिति को अस्थायी रूप से ‘एडजस्ट’ कर रहा है.

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