द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
संसद के विशेष सत्र के दौरान भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी ने गुरुवार को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के दानिश अली के खिलाफ मुस्लिम विरोधी अपशब्दों का इस्तेमाल किया. रिपोर्ट के अनुसार, चंद्रयान-3 पर हो रही चर्चा के दौरान दक्षिण दिल्ली से लोकसभा सांसद बिधूड़ी ने अली को संबोधित करते हुए कहा, ‘ये उग्रवादी, ये आतंकवादी है, उग्रवादी है, ये आतंकवादी है.’ घटना के वीडियो में वे अली को ‘मुल्ला आतंकवादी, भ*वा (दलाल) और कटुआ’ भी कहते नज़र आते हैं. बिधूड़ी की टिप्पणियों को रिकॉर्ड से हटा दिया और स्पीकर ओम बिरला ने बिधूड़ी ऐसा बर्ताव दोहराने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है. हालांकि, विपक्षी सांसदों की मांग है कि बिधूड़ी को लोकसभा से निलंबित किया जाए. केंद्रीय रक्षा मंत्री और लोकसभा के उप-नेता राजनाथ सिंह ने उनकी टिप्पणी पर ‘खेद व्यक्त किया’ है और पार्टी ने बिधूड़ी को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है. उधर, दानिश अली ने स्वयं लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर बिधूड़ी की टिप्पणियों को लोकसभा विशेषाधिकार समिति के पास भेजने का निवेदन किया है.
बीते साल भारत ने चीन के चेंगदू में अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय खेलों से अपनी पूरी वुशु (कुंग फू) टीम को वापस ले लिया था क्योंकि उन्हें स्टेपल वीज़ा जारी किया गया था. रिपोर्ट के अनुसार, इस साल अरुणाचल प्रदेश से तीन प्रमुख महिला वुशु खिलाड़ियों को हांग्जो में होने वाले एशियाई खेलों के लिए यात्रा का वीज़ा पाने के लिए जरूरी मान्यता (accreditation) कार्ड नहीं मिले. बीजिंग में दैनिक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इशारा किया कि चीन अरुणाचल की तीन खिलाड़ियों को प्रवेश की इजाज़त देने को तैयार नहीं है. इसके कुछ समय बाद भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत ने इसका ‘कड़ा विरोध’ दर्ज करवाया है और विरोध जताने के लिए एशियाई खेलों के लिए केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर की निर्धारित यात्रा रद्द कर दी है.
मणिपुर सरकार ने टेलीकॉम सर्विस प्रदाता एयरटेल पर राज्य के कुछ हिस्सों में इंटरनेट सेवाओं को कथित तौर पर ‘लीक’ करने का आरोप लगाया है. मई महीने से जातीय हिंसा से जूझ रहे राज्य में 25 जुलाई को इंटरनेट सेवाओं पर से आंशिक रूप से प्रतिबंध हटाया गया था, जबकि मोबाइल इंटरनेट पर प्रतिबंध जारी है. द हिंदू के अनुसार, मणिपुर के गृह विभाग के कमिश्नर टी. रंजीत ने एयरटेल प्राधिकरण को लिखे एक पत्र में स्पष्टीकरण मांगा है कि मणिपुर सरकार के इंटरनेट बैन संबंधी निर्देशों का उल्लंघन करते हुए इंटरनेट सेवा ‘लीक’ करने के लिए उचित कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए. सूत्रों का कहना है कि इंटरनेट लीक की घटना हिंसा में सर्वाधिक प्रभावित रहे चूड़ाचांदपुर जिले में सामने आई है.
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से कहा कि जोशीमठ भूस्खलन पर रिपोर्ट को ‘गुप्त’ रखने की कोई वजह नहीं है. टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, अदालत ने यह टिप्पणी तब की, जब जोशीमठ के भूस्खलन का अध्ययन करने वाले केंद्र सरकार के आठ संस्थानों द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट को सीलबंद लिफाफे में उसके सामने रखा गया. मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई वाली पीठ ने कहा, ‘हमें कोई कारण नहीं दिखता कि राज्य को विशेषज्ञों द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट को गुप्त रखना चाहिए और जनता के सामने इसका खुलासा नहीं करना चाहिए. उक्त रिपोर्टों के प्रसार से जनता को महत्वपूर्ण जानकारी मिलेगी और जनता को यह भरोसा होगा कि राज्य ऐसी स्थिति से निपटने के लिए गंभीर है.’ इस साल जनवरी महीने में जोशीमठ में घरों और इमारतों में दरारों की सूचना मिलने के तुरंत बाद आठ केंद्रीय सरकारी संस्थानों ने शहर की भूमि धंसने के कारणों का विश्लेषण करना शुरू किया था.
आगामी लोकसभा चुनाव से पहले जनता दल (सेकुलर) ने एनडीए में शामिल होने की घोषणा की है. द हिंदू के अनुसार, शुक्रवार को नई दिल्ली में कर्नाटक के पूर्व सीएम एचडी कुमारस्वामी ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी. इसके बाद नड्डा ने सोशल मीडिया पर गठबंधन की घोषणा की, लेकिन यह नहीं बताया कि जेडीएस कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी. बैठक के बाद कुमारस्वामी ने पत्रकारों को बताया कि भाजपा नेताओं ने उन्हें सीट बंटवारे के उचित फॉर्मूले का आश्वासन दिया है और उनकी पार्टी के नेताओं से सीटों को लेकर चिंता न करने को कहा गया है.
सुप्रीम कोर्ट ने मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह परिसर के सर्वेक्षण की याचिका खारिज कर दी है. हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति निर्माण ट्रस्ट ने सर्वे के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. ट्रस्ट के वकील ने कहा कि 31 मार्च को मथुरा की एक अदालत ने सर्वे का निर्देश देने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद वे हाईकोर्ट गए, जिसने भी उनकी अपील खारिज कर दी. शीर्ष अदालत ने उनकी अपील ख़ारिज करते हुए कहा कि पीठ ने कहा कि अब यह फैसला हाईकोर्ट पर है कि वे किस रास्ते पर आगे बढ़ना चाहते हैं. इलाहाबाद हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि इसी विवाद पर लगभग 10 मुकदमे दायर किए गए हैं.
मणिपुर में चार महीनों से अधिक समय से जारी जातीय हिंसा के बीच इंफाल में मेईतेई महिलाओं के प्रभावशाली संगठन मीरा पाइबीस ने अत्याधुनिक हथियार रखने और गैर-क़ानूनी तरह से पुलिस की वर्दी पहनकर घूमने के आरोप में गिरफ्तार पांच लोगों को छुड़ाने के लिए कई थानों को निशाना बनाने का प्रयास किया. रिपोर्ट के अनुसार, इसके बाद इंफाल पूर्व और पश्चिम ज़िलों में कर्फ्यू प्रतिबंध बहाल कर दिया गया. महिलाओं ने दावा किया है कि वे लोग ‘सशस्त्र बदमाश’ नहीं बल्कि ‘ग्राम रक्षा वालंटियर’ थे, जो कुकी ‘नार्को आतंकियों’ के हमलों से मेईतेई गांवों को बचाने की कोशिश कर रहे थे. उधर, कुकी समूहों का दावा है कि पुलिस और मीरा पाइबीस द्वारा समर्थित ऐसे ‘सशस्त्र उपद्रवी’ कुकी समुदाय को निशाना बना रहे हैं.