आईआईटी-बॉम्बे के मेस ने शाकाहारी खाना खाने वाले लोगों के लिए अलग जगह को मंज़ूरी दी

आईआईटी बॉम्बे द्वारा छात्रों को भेजे गए ईमेल के अनुसार, 12, 13 और 14 नंबर हॉस्टल के वार्डन और मेस काउंसलर्स के बीच एक बैठक आयोजित की गई थी. इसमें एक ‘सर्वसम्मत’ निर्णय लिया गया, जिसमें केवल शाकाहारी भोजन खाने वाले लोगों के लिए मेस में छह टेबल आरक्षित करने का नया नियम बनाया गया है.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: फेसबुक)

आईआईटी बॉम्बे द्वारा छात्रों को भेजे गए ईमेल के अनुसार, 12, 13 और 14 नंबर हॉस्टल के वार्डन और मेस काउंसलर्स के बीच एक बैठक आयोजित की गई थी. इसमें एक ‘सर्वसम्मत’ निर्णय लिया गया, जिसमें केवल शाकाहारी भोजन खाने वाले लोगों के लिए मेस में छह टेबल आरक्षित करने का नया नियम बनाया गया है.

आईआईटी-बॉम्बे परिसर. (फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्ली: कुछ महीने पहले छात्रों द्वारा मेस के कुछ हिस्सों को अनधिकृत रूप से ‘केवल शाकाहारियों’ के लिए चिह्नित करने के कारण आईआईटी-बॉम्बे जातिगत भेदभाव के आरोपों में घिर गया था.

इस घटना के महीनों बाद कैंपस हॉस्टल और मेस प्रशासन ने अब आधिकारिक तौर पर 12, 13 और 14 नंबर हॉस्टल के निवासियों के लिए सामान्य मेस स्थान में एक अलग जगह को मंजूरी दे दी है, जहां केवल शाकाहारी भोजन खाने वाले लोग बैठ सकते हैं. कहा गया है कि यह एक ऐसा नियम है जिसके लिए ‘अनुपालन महत्वपूर्ण है’.

द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, इस साल जुलाई महीने में मेस के एक हिस्से को ‘केवल शाकाहारी’ के रूप में चिह्नित करने पर विवाद के बाद हॉस्टल मेस के महासचिव ने एक ईमेल भेजकर सूचित किया था कि मेस में कोई भी स्थान किसी के लिए आरक्षित नहीं किया जा सकता या किसी को बाहर करने का प्रयास नहीं किया जा सकता.

हालांकि इस घटना के बाद हॉस्टल और मेस प्रशासकों को मांस या अंडे खाने वाले व्यक्ति के साथ मेज साझा करने से संबंधित समस्याओं की शिकायत करने का सिलसिला शुरू हो गया था. इसके बाद हॉस्टल 12, 13 और 14 के वार्डन और मेस काउंसलर के साथ बैठकों का सिलसिला शुरू हुआ, जो मेस स्थान साझा करते हैं.

जहां शुरुआती पेपर नोटिस को कड़े प्रतिरोध के बीच लगभग तीन सप्ताह पहले ही हटा दिया गया था, संबंधित हॉस्टल के छात्रों को बीते बुधवार (27 सितंबर) को नए नियम के बारे में अपने संबंधित मेस काउंसलर्स से एक ईमेल प्राप्त हुआ.

छात्रों द्वारा प्राप्त ईमेल के अनुसार, उपरोक्त छात्रावासों के छात्रावास वार्डन और मेस काउंसलर्स के बीच एक बैठक आयोजित की गई थी. प्रशासन के एक सूत्र के अनुसार, इसमें एक ‘सर्वसम्मत’ निर्णय लिया गया, जिसमें केवल शाकाहारी भोजन खाने वाले लोगों के लिए मेस में छह टेबल आरक्षित करने का नया नियम बनाया गया है.

ईमेल में कहा गया है, ‘इसमें कोई संदेह नहीं है कि कुछ लोग ऐसे हैं, जो अपने भोजन के दौरान मांसाहारी भोजन के दृश्य और गंध से खुद को रोक नहीं पाते हैं, इससे स्वास्थ्य संबंधी समस्या भी पैदा हो सकती है.’ शाकाहारी छात्रों द्वारा अपनी शिकायतों में उद्धृत ‘स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं’ में भोजन करते समय मांस या अंडे देखने या सूंघने पर ‘उबकाई’ या ‘उल्टी’ की भावनाएं शामिल हैं.

ईमेल में कहा गया है कि यह अलगाव ‘अधिक समावेशी’ होने के प्रयास में किया जा रहा है. इसमें आगे कहा गया है कि इन छह टेबलों के लिए जगह को निम्नलिखित लाइन के साथ चिह्नित किया जाएगा, ‘यह जगह केवल शाकाहारी भोजन के लिए निर्दिष्ट है’.

इसके अनुसार, ‘मेस टीम (परिषद) द्वारा पहचाने गए किसी भी उल्लंघन के मामले में वे उचित कार्रवाई करेंगे और उचित दंड लगाएंगे. इस तरह के उल्लंघनों को अनुशासनात्मक कार्रवाई में भी माना जाएगा, क्योंकि वे सद्भाव को बाधित करते हैं. हमारा लक्ष्य हमारी भोजन सुविधाओं को बनाए रखना है.’

हालांकि इसमें यह उल्लेख नहीं किया गया कि ऐसे उल्लंघनों पर क्या दंड या कार्रवाई की जाएगी.

द हिंदू ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि आईआईटी-बॉम्बे प्रशासन ने अभी तक इस मुद्दे पर टिप्पणी के लिए उसके अनुरोध का जवाब नहीं दिया है.

हॉस्टल के निवासियों के अनुसार, छात्रों के उत्पीड़न के एक से अधिक मामले सामने आए हैं, जो गलती से शाकाहारियों के लिए आरक्षित सीट पर अंडा खाने चले गए होंगे. कुछ छात्रों ने नाम न छापने की शर्त पर द हिंदू को बताया कि ऐसे ही एक मामले में छात्र की रिकॉर्डिंग भी की गई और उसे अपमानित किया गया था.

बहरहाल देश भर में आईआईटी मेस में अनकहे अलगाव को छात्रों और पूर्व छात्रों ने जाति-भेदभाव की अभिव्यक्ति का रूप कहा है. उनके अनुसार, यह पहली बार है कि इस तरह के अलगाव को हॉस्टल और मेस अधिकारियों द्वारा आधिकारिक तौर पर मंजूरी दी गई है.

आईआईटी-बॉम्बे के एक छात्र समूह ‘अंबेडकर पेरियार फुले स्टडी सर्कल’ ने सर्कुलर (ईमेल) की निंदा करते हुए सोशल मीडिया पर कहा, ‘भोजन पृथक्करण नीति पर हफ्तों तक अस्पष्ट और अजीब बातें करने के बाद प्रबंधन ने आखिरकार खुलासा कर दिया है कि उसका क्या रुख है. हम इस पिछड़ी नीति की निंदा करते हैं.’

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq bandarqq dominoqq pkv games slot pulsa pkv games pkv games bandarqq bandarqq dominoqq dominoqq bandarqq pkv games dominoqq bandarqq pkv games pkv games bandarqq dominoqq dominoqq pkv games bandarqq dominoqq https://sayalab.com.mx/lab/pkv-games/ https://sayalab.com.mx/lab/dominoqq/ https://sayalab.com.mx/lab/bandarqq/ https://blog.penatrilha.com.br/penatri/pkv-games/ https://blog.penatrilha.com.br/penatri/bandarqq/ https://blog.penatrilha.com.br/penatri/dominoqq/ http://dierenartsgeerens-mechelen.be/fileman/Uploads/logs/bocoran-admin-jarwo/ https://www.bumiwisata-indonesia.com/site/bocoran-admin-jarwo/ http://dierenartsgeerens-mechelen.be/fileman/Uploads/logs/depo-25-bonus-25/ http://dierenartsgeerens-mechelen.be/fileman/Uploads/logs/depo-50-bonus-50/ https://www.bumiwisata-indonesia.com/site/slot77/ https://www.bumiwisata-indonesia.com/site/kakek-merah-slot/ https://kis.kemas.gov.my/kemas/kakek-merah-slot/