बुधवार रात बिहार के बक्सर जिले के रघुनाथपुर स्टेशन पर दिल्ली-कामाख्या नॉर्थईस्ट एक्सप्रेस के छह डिब्बे पटरी से उतर गए. भारतीय रेल ने घटना की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए है. हादसे के बाद दो ट्रेनों को रद्द कर दिया गया और 21 का मार्ग बदल दिया गया था.
नई दिल्ली: बिहार के बक्सर जिले के रघुनाथपुर स्टेशन पर बुधवार (11 अक्टूबर) रात 12506 आनंद विहार टर्मिनल-कामाख्या नॉर्थ-ईस्ट सुपरफास्ट एक्सप्रेस के छह डिब्बे पटरी से उतर गए, जिससे चार लोगों की मौत हो गई और 60 से अधिक घायल हो गए.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने कहा कि यह घटना बुधवार रात करीब 9:50 बजे हुई जब दिल्ली के आनंद विहार टर्मिनल से गुवाहाटी के कामाख्या जंक्शन तक जाने वाली 12506 नॉर्थईस्ट एक्सप्रेस बक्सर स्टेशन से निकली थी. ट्रेन जब बक्सर से लगभग 40 किमी और पटना से 160 किमी दूर रघुनाथपुर रेलवे स्टेशन के पास थी तो इसके छह डिब्बे पटरी से उतर गए. ट्रेन में 23 डिब्बे थे.
#WATCH | Bihar: Visuals from the Raghunathpur station in Buxar, where 21 coaches of the North East Express train derailed last night
Restoration work is underway. pic.twitter.com/xcbXyA2MyG
— ANI (@ANI) October 12, 2023
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, कम से कम दो एसी थ्री-टीयर डिब्बे पलट गए, जबकि चार अन्य पटरी से उतर गए.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, भारतीय रेल ने गुरुवार (12 अक्टूबर) को बिहार के बक्सर जिले में दिल्ली-कामाख्या नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस के पटरी से उतरने की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं. नॉर्थ-ईस्ट एक्सप्रेस के छह डिब्बे पटरी से उतर जाने के बाद दो ट्रेनों को रद्द कर दिया गया और 21 का मार्ग बदल दिया गया है.
पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी बीरेंद्र कुमार ने एक बयान में कहा, ‘घटना के पीछे के कारण की जांच के लिए उच्चस्तरीय जांच का आदेश दिया गया है.’ उन्होंने कहा कि प्रत्येक मृतक के परिजनों को 10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी और घायलों को 50,000 रुपये दिए जाएंगे.
यह घटना ओडिशा के बालासोर में ट्रिपल ट्रेन दुर्घटना के चार महीने बाद हुई है, जिसमें 296 लोगों की जान चली गई थी. बीते जून महीने में बालासोर जिले के बहनागा बाजार रेलवे स्टेशन के पास हुई थी, जब चेन्नई जाने वाली कोरोमंडल एक्सप्रेस एक खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई और उसके कुछ पटरी से उतरे डिब्बे कुछ मिनट बाद हावड़ा जा रही यशवंतपुर एक्सप्रेस से टकरा गए थे.
एक दिन पहले खबर आई थी कि इस दुर्घटना से संबंधित 28 लावारिस शवों का अंतिम संस्कार कर दिया गया है.
इस दुर्घटना की जांच कुछ हद तक विवादों में घिरी हुई है. द वायर ने रिपोर्ट किया था कि कैसे पांच रेलवे अधिकारियों ने संभावित कारण के रूप में दोषपूर्ण सिग्नल की ओर इशारा करते हुए एक प्रारंभिक रिपोर्ट प्रस्तुत की थी, पांच में से एक ने एक ‘असहमति नोट’ भी प्रस्तुत किया था, जो दुर्घटना की ओर ले जाने वाली घटनाओं के क्रम को छिपाने के उद्देश्य से रिकॉर्ड से छेड़छाड़ की संभावना का संकेत देता है.