आईआईटी दिल्ली के छात्र ने घर पर आत्महत्या की, तीन महीने में तीसरा मामला

आईआईटी दिल्ली के कपड़ा और फाइबर इंजीनियरिंग विभाग में बीटेक कर रहे 23 वर्षीय छात्र ने शाहदरा स्थित अपने घर पर कथित तौर पर फांसी लगा ली. पुलिस ने कहा कि प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि वह पिछले कुछ महीनों से तनाव और अवसाद से पीड़ित थे और उसका इलाज भी चल रहा था.

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आईआईटी दिल्ली. (फोटो साभार: फेसबुक)

आईआईटी दिल्ली के कपड़ा और फाइबर इंजीनियरिंग विभाग में बीटेक कर रहे 23 वर्षीय छात्र ने शाहदरा स्थित अपने घर पर कथित तौर पर फांसी लगा ली. पुलिस ने कहा कि प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि वह पिछले कुछ महीनों से तनाव और अवसाद से पीड़ित थे और उसका इलाज भी चल रहा था.

आईआईटी दिल्ली. (फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्ली: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-दिल्ली (आईआईटी-दिल्ली) के कपड़ा और फाइबर इंजीनियरिंग विभाग से बीटेक कर रहे 23 वर्षीय छात्र ने शाहदरा स्थित अपने घर पर कथित तौर पर फांसी लगा ली. छात्र द्वारा आत्महत्या का यह तीसरा मामला है.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने बुधवार (1 नवंबर) को कहा कि प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि वह पिछले कुछ महीनों से तनाव और अवसाद से पीड़ित थे और उसका मेडिकल उपचार भी चल रहा था.

पुलिस को घटना की जानकारी एक अस्पताल से मिली, जहां छात्र को मृत लाया गया था. एक पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘अपराध और फोरेंसिक टीम को निरीक्षण के लिए घटनास्थल पर भेजा गया, लेकिन कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला.’

एक अधिकारी ने कहा कि मंगलवार (31 अक्टूबर) की रात छात्र के माता-पिता टहलने गए थे. उनके लौटने पर जब वह कमरे से बाहर नहीं आया, तो उन्होंने दरवाजा तोड़ दिया और उसे वेटलिफ्टिंग रॉड से लटका हुआ पाया.

डीन ऑफ स्टूडेंट्स के ईमेल के अनुसार, ‘आपको हमारे बीटेक छात्र के बेहद दुखद और असामयिक निधन के बारे में सूचित किया जाता है. हमें इस अप्रत्याशित त्रासदी से निपटने के लिए एक-दूसरे को अपना पूरा समर्थन देने की जरूरत है. आईआईटी दिल्ली समुदाय के सदस्यों को जरूरत पड़ने पर मदद के लिए हमारी परामर्श सेवाओं से संपर्क करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है.’

द प्रिंट की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस सूत्रों ने बताया कि प्रथमदृष्टया जांच से पता चलता है कि छात्र सितंबर में अपने दोस्त की आत्महत्या से मौत के बाद से अवसाद से पीड़ित था.

उन्होंने बताया कि उनके परिवार को उनकी स्थिति के बारे में पता था.

पिछले तीन महीनों में आईआईटी-दिल्ली परिसर में आत्महत्या की यह तीसरी घटना है.

इस साल सितंबर में अनिल कुमार (20 वर्ष) ने आईआईटी-दिल्ली में अपने छात्रावास के कमरे में आत्महत्या कर ली थी. अनिल गणित और कंप्यूटिंग में बीटेक कर रहे थे. अधिकारियों ने बताया था कि वह एक्सटेंशन पर थे, क्योंकि उन्होंने कुछ विषयों को पूरा नहीं किया था और छह महीने के एक्सटेंशन पर हॉस्टल में रह रहे थे.

इससे पहले 10 जुलाई को आयुष आशना नामक छात्र, जो बीटेक (गणित) की पढ़ाई कर रहे थे, ने आत्महत्या कर ली थी.

अनिल और आयुष दोनों अनुसूचित जाति (एससी) समुदाय से थे. उनकी मृत्यु के समय पुलिस ने कहा था कि आयुष अपने शैक्षणिक प्रदर्शन से परेशान थे.