माकपा कार्यकर्ता की हत्या के दोषी 6 आरएसएस कार्यकर्ताओं को उम्र क़ैद

माकपा कार्यकर्ता अशरफ़ 2002 में एक दुकान पर वाहन ख़रीदने गए थे तभी आरएसएस के 6 कार्यकर्ताओं ने उनकी हत्या कर दी थी.

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मृत माकपा कार्यकर्ता अशरफ (फोटो: माकपा फेसबुक)

माकपा कार्यकर्ता अशरफ़ 2002 में एक दुकान पर वाहन ख़रीदने गए थे तभी आरएसएस के 6 कार्यकर्ताओं ने उनकी हत्या कर दी थी.

मृत माकपा कार्यकर्ता अशरफ (फोटो: माकपा फेसबुक)
मृत माकपा कार्यकर्ता अशरफ (फोटो: माकपा/फेसबुक)

नई दिल्ली/कन्नूर: केरल में गुरुवार को एक अदालत ने 2002 में जिले के पन्नूर में माकपा के एक कार्यकर्ता की हत्या के आरोप में आरएसएस और भाजपा के छह कार्यकर्ताओं को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

अंग्रेजी अख़बार द हिंदू के मुताबिक आजीवन कारावास की सजा पाने वालों में टीके. सबिन ऊर्फ जिथु (37), पी अनेश (39), ईपी राजीव उर्फ पूचा राजीवन (41), पीपी. पुरुषोत्तमन (37), एनके. राजेश उर्फ रेजु (44) और के रथेशन (39) शामिल है.

थालासेरी ज़िले की अतिरिक्त जिला सत्र अदालत ने सभी पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. न्यायमूर्ति जीपी एन विनोद ने उन्हें मृतक अशरफ के कानूनी उत्तराधिकारियों को जुर्माना राशि देने का निर्देश दिया.

अशरफ जिस दुकान में वाहन खरीदने गया था, उस दुकान में जबरन घुसने के चलते 10 साल की सजा और 20 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है. अदालत ने यह भी कहा है कि अगर दोषी जुर्माना नहीं भरते हैं, तो उनकी सजा को एक साल बढ़ा दिया जाएगा.

अभियोजन के अनुसार, छह आरोपियों ने एक आटोमोबाइल शॉप में घुसकर अशरफ की उस समय हत्या कर दी थी, जब वह दुकान में एक वाहन खरीदने गया था.

टाइम्स ऑफ़ इंडिया की खबर के मुताबिक 5 फरवरी, 2002 को अशरफ वाहन खरीदने एक दुकान में था अभियोजन के अनुसार एक जीप में 12 लोग आए, लेकिन सिर्फ 6 दुकान में घुस और अशरफ की हत्या कर दी.

2002 में जब अशरफ की हत्या हुई थी, तब उस इलाके में किसी भी प्रकार के तनाव की स्थिति नहीं थी. यह अंदेशा लगाया गया है कि माकपा कार्यकर्ता को राजनीतिक रंजिश के तहत शिकार बनाया गया है.

अशरफ की हत्या के मामले की सुनवाई 2011 में शुरू हुई, लगभग घटना से 9 साल बाद और लगभग 15 साल के बाद अब 6 दोषियों को सजा सुनाई गई है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)