मिजोरम: छात्रों को छात्रवृत्ति देने में देरी को लेकर तीन दिनों से विरोध प्रदर्शन जारी

मिजोरम के शीर्ष छात्र संगठन मिज़ो ज़िरलाई पावल (एमजेडपी) के नेतृत्व में प्रदर्शनकारी राज्य की राजधानी आइजोल के पश्चिमी भाग में डावरपुई वेंगथर में मिजोरम छात्रवृत्ति बोर्ड कार्यालय के सामने दो दिन से धरना दे रहे हैं. वे राज्य के भीतर और बाहर पढ़ रहे 19,495 छात्रों को छात्रवृत्ति राशि के तत्काल वितरण की मांग कर रहे हैं.

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(प्रतीकात्मक फोटो: X/@MizoZirlaiPawl)

मिज़ोरम के शीर्ष छात्र संगठन मिज़ो ज़िरलाई पॉल (एमजेडपी) के नेतृत्व में प्रदर्शनकारी राज्य की राजधानी आइज़ोल के पश्चिमी भाग में डावरपुई वेंगथर में मिज़ोरम छात्रवृत्ति बोर्ड कार्यालय के सामने तीन दिन से धरना दे रहे हैं. वे राज्य के भीतर और बाहर पढ़ रहे 19,495 छात्रों को छात्रवृत्ति राशि के तत्काल वितरण की मांग कर रहे हैं.

प्रतीकात्मक फोटो: X/@MizoZirlaiPawl)

नई दिल्ली: मिजोरम में सैकड़ों छात्रों ने गुरुवार (16 नवंबर) को लगातार तीसरे दिन प्रदर्शन किया और 19,000 से अधिक छात्रों को छात्रवृत्ति राशि के तत्काल वितरण की मांग की.

एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, शीर्ष छात्र संगठन मिजो जिरलाई पॉल (एमजेडपी) के तत्वावधान में प्रदर्शनकारी राज्य की राजधानी आइजोल के पश्चिमी भाग में डावरपुई वेंगथर में मिजोरम छात्रवृत्ति बोर्ड कार्यालय के सामने धरना दे रहे हैं.

वे राज्य के भीतर और बाहर पढ़ रहे 19,495 छात्रों को छात्रवृत्ति राशि के तत्काल वितरण की मांग कर रहे हैं.

विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाले एमजेडपी ने बुधवार (15 नवंबर) को कहा था कि वह गुरुवार से छात्रवृत्ति बोर्ड के अधिकारियों को कार्यालय में प्रवेश करने से रोककर आंदोलन तेज करेगा.

द प्रिंट की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों ने गुरुवार को छात्रवृत्ति बोर्ड के अधिकारियों को कार्यालय में प्रवेश करने से रोक दिया.

मुख्यमंत्री जोरामथांगा ने इस मामले पर छात्रवृत्ति बोर्ड के अधिकारियों और एमजेडपी के नेताओं के साथ बैठक की है. हालांकि, बैठक का नतीजा अभी तक पता नहीं चल पाया है.

एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, एमजेडपी के अध्यक्ष एच. लालथियानघलीमा ने आरोप लगाया कि छात्रवृत्ति के वितरण में देरी हुई है, क्योंकि अधिकारी अपने कर्तव्यों का पालन नहीं कर रहे हैं.

उन्होंने दावा किया कि मिजोरम सरकार को छात्रों को छात्रवृत्ति के वितरण के लिए 25 सितंबर को केंद्र से 17.87 करोड़ रुपये का फंड पहले ही मिल चुका है.

उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारियों ने छात्रवृत्ति राशि जारी करने के लिए ईमानदारी से प्रयास नहीं किए और उनकी ओर से लापरवाही का असर हजारों छात्रों पर पड़ा है.

छात्र संगठन के नेताओं ने बीते मंगलवार को राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) मधुप व्यास से मुलाकात कर चुनाव आयोग को एक पत्र लिखकर छात्रवृत्ति निधि के तत्काल वितरण की मांग की थी.

बोर्ड ने कहा कि उसे चुनाव आयोग से अनुमति लेनी होगी, क्योंकि 7 नवंबर को हुए विधानसभा चुनाव के कारण मिजोरम में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है. वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी.

सूत्रों ने बताया कि एमजेडपी नेताओं ने बुधवार को राज्य की मुख्य सचिव रेनू शर्मा से भी मुलाकात की और उन्हें छात्रों के सामने आने वाली चुनौतियों से अवगत कराया.