बीएचयू छात्रा के यौन उत्पीड़न के तीन आरोपी दो महीने बाद गिरफ़्तार, भाजपा से जुड़े होने का आरोप

घटना 1 नवंबर की रात को वाराणसी में आईआईटी-बीएचयू कैंपस में हुई थी, जहां एक छात्रा ने आरोप लगाया था कि मोटरसाइकिल पर आए तीन अज्ञात लोगों ने उनका उत्पीड़न किया था और निर्वस्त्र कर उनका वीडियो रिकॉर्ड किया था. पुलिस के अनुसार, बाद में आरोपियों के ख़िलाफ़ गैंगरेप के आरोप भी जोड़े गए थे.

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय. (फोटो साभार: फेसबुक)

घटना 1 नवंबर की रात को वाराणसी में आईआईटी-बीएचयू कैंपस में हुई थी, जहां एक छात्रा ने आरोप लगाया था कि मोटरसाइकिल पर आए तीन अज्ञात लोगों ने उनका उत्पीड़न किया था और निर्वस्त्र कर उनका वीडियो रिकॉर्ड किया था. पुलिस के अनुसार, बाद में आरोपियों के ख़िलाफ़ गैंगरेप के आरोप भी जोड़े गए थे.

(इलस्ट्रेशनः द वायर)

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर स्थित आईआईटी-बीएचयू कैंपस के अंदर एक छात्रा को कथित तौर पर निर्वस्त्र करने और उसका यौन उत्पीड़न करने के लगभग दो महीने बाद पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है.

अधिकारियों ने आरोपियों की पहचान कुणाल पांडेय, आनंद चौहान और सक्षम पटेल के रूप में की. सभी वाराणसी के निवासी और उनकी उम्र 20 साल के आसपास होगी. विभिन्न ख़बरों के अनुसार, वे भाजपा से संबद्ध बताए जा रहे हैं.

रविवार सुबह इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है.’

घटना 1 नवंबर की देर रात को आईआईटी-बीएचयू कैंपस के अंदर हुई थी, जब छात्रा ने आरोप लगाया था कि मोटरसाइकिल पर आए तीन अज्ञात लोगों ने उन्हें जबरन किस किया और कपड़े उतारने के बाद उनका वीडियो रिकॉर्ड किया था.

इस घटना के अगले दिन कैंपस में बेहतर सुरक्षा की मांग को लेकर आईआईटी-बीएचयू के सैकड़ों छात्रों ने संस्थान निदेशक के कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया था.

छात्रा ने 2 नवंबर को अपनी पुलिस शिकायत में कहा था, ‘मैं आईआईटी-बीएचयू के एक हॉस्टल की निवासी हूं. 2 नवंबर की रात करीब 1:30 बजे मैं अपने हॉस्टल से टहलने के लिए निकली तो मेरा एक दोस्त मिला. हम साथ-साथ चल रहे थे तभी पीछे से तीन मोटरसाइकिल सवार हमारे पास आए गए. उन्होंने अपनी मोटरसाइकिल वहीं खड़ी कर दी और मेरे दोस्त और मुझे अलग कर दिया.’

छात्रा ने कहा था, ‘उन्होंने मेरा मुंह कसकर बंद कर दिया और मुझे एक कोने में ले गए, मुझे जबरन चूमा, मेरे कपड़े उतार दिए और तस्वीरें और वीडियो रिकॉर्ड किए. जब मैं मदद के लिए चिल्लाई तो उन्होंने मुझे जान से मारने की धमकी दी. 10-15 मिनट बाद उन्होंने मुझे जाने दिया. जब मैं अपने हॉस्टल की ओर भागी तो मुझे मोटरसाइकिल की आवाज सुनाई दी. फिर, मैं एक प्रोफेसर के आवास पर छिप गई, जो मुझे सुरक्षा अधिकारियों के पास ले गए.’

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, मामले में शुरुआती एफआईआर अज्ञात पुरुषों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 354बी (महिला को निर्वस्त्र करने के इरादे से हमला या आपराधिक बल का प्रयोग), 506 (आपराधिक धमकी) और आईटी एक्ट के तहत दर्ज की गई थी.

घटना के कुछ दिनों बाद पुलिस ने बताया था कि छात्रा द्वारा नया बयान देने के बाद उन्होंने एफआईआर में सामूहिक बलात्कार के आरोप जोड़े गए हैं. इसके अलावा आईपीसी की धारा 341 (गलत तरीके से रोकना), 342 (गलत तरीके से कारावास में डालना), 507 (गुमनाम संचार द्वारा आपराधिक धमकी) और 509 (किसी महिला की गरिमा का अपमान करने के इरादे से शब्द, इशारा या कार्य करना) भी जोड़ी गई हैं.

इंडियन एक्सप्रेस ने पहले बताया था कि घटना से दो दिन पहले एक अन्य छात्रा को 30 अक्टूबर की रात को इसी तरह की परेशानी का सामना करना पड़ा था. प्रॉक्टर कार्यालय को इसके बारे में सूचित किया गया था. संस्थान के डीन ने पुष्टि की थी कि 30 अक्टूबर की घटना के संबंध में प्रॉक्टर कार्यालय को एक शिकायत मिली है और कार्रवाई की जा रही है.

आईआईटी-बीएचयू छात्र संसद के कई सदस्यों ने कहा था कि ‘पिछली घटना में कार्रवाई करने में देरी हुई थी’. दोनों घटनाएं परिसर में अपेक्षाकृत एकांत स्थान पर हुई थीं.

आरोपियों के भाजपा से जुड़े होने की खबरों पर विपक्ष ने साधा निशाना

ऐसी खबरें आ रही हैं कि तीनों आरोपी भाजपा के पदाधिकारी हैं. कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने इसे लेकर योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार पर हमला बोला है. दोनों दलों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा भाजपा के बड़े नेताओं के साथ आरोपियों की तस्वीरें भी साझा की हैं.

सोशल साइट एक्स पर कांग्रेस ने लिखा, ‘दो महीने पहले बीएचयू के कैंपस में एक छात्रा का गैंगरेप हुआ. इस मामले को पहले दबाने की कोशिश की गई, जब दबाव बना तो जैसे-तैसे यूपी पुलिस ने एफआईआर लिखी. अब 60 दिन बाद इस घटना में शामिल 3 लोग पकड़े गए हैं. ये सभी भाजपा के पदाधिकारी हैं.’

कांग्रेस ने आगे कहा, ‘गिरफ्तारी में देरी शायद इन वजहों से हुई होगी – ये सभी आरोपी भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के बेहद करीबी हैं. भाजपा में इतनी अच्छी पकड़ है कि प्रधानमंत्री मोदी से सीधे मिलते हैं. भाजपा आईटी सेल में इनकी अच्छी पोजिशन पर हैं. – यही भाजपा का चाल, चरित्र और चेहरा है.’

मध्य प्रदेश कांग्रेस ने एक ट्वीट में कहा कि आईआईटी-बीएचयू कैंपस में छात्रा के साथ गैंगरेप के सभी आरोपी भाजपाई हैं.

पार्टी ने राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कुछ सवाल भी पूछे हैं. ट्वीट में कहा गया, ‘योगी आदित्यनाथ जी, दरिंदों का एनकाउंटर क्यों नही हुआ? 60 दिनों तक बुलडोजर क्यों नही चला? पुलिस क्यों मामला दबाती रही? बीजेपी के गुंडे इतने निरंकुश क्यों?’

पार्टी ने तंज कसते हुए आगे कहा, ‘हर अपराधी पर हाथ है, यही बीजेपी का विकास है.’

समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने भी घटना को लेकर भाजपा पर निशाना साधा है.

उन्होंने एक्स पर लिखा, ‘ये हैं भाजपा के दिग्गज नेताओं की छत्रछाया में सरेआम पनपते और घूमते भाजपाइयों की वो नई फसल, जिनकी ‘तथाकथित जीरो टॉलरेंस सरकार’ में दिखावटी तलाश जारी थी, लेकिन पुख्ता सबूतों और जनता के बीच बढ़ते गुस्से के दबाव में भाजपा सरकार को आखिरकार इन दुष्कर्मियों को गिरफ्तार करना ही पड़ा. ये वही भाजपाई हैं, जिन्होंने बीएचयू की एक छात्रा के साथ अभद्रता की सभी सीमाएं तोड़ दी थीं.’

उन्होंने आगे कहा, ‘देशभर की एक-एक नारी देख रही है कि भाजपा नारी सम्मान के साथ कैसा मनमाना खिलवाड़ कर रही है और महिला अत्याचार, उत्पीड़न और बलात्कार के आरोपियों को बचा रही है. आगामी चुनाव में महिलाएं भाजपा को एक भी वोट नहीं देंगी. महिलाएं ही भाजपा की हार का कारण बनेंगी.’

अखिलेश ने कहा, ‘भाजपा का सच आज जनता के सामने है. जनता आगामी चुनाव में भाजपा को हराकर अपना फैसला भी देगी और महिलाओं के साथ इंसाफ करेगी.’

सपा ने एक ट्वीट में कहा, ‘बीजेपी की गारंटी : सत्ता की हनक में भाजपाई करेंगे शोषण! आईआईटी-बीएचयू में गनपॉइंट पर छात्रा के कपड़े उतरवाकर वीडियो बनाने एवं गैंगरेप करने वाले आरोपी भाजपा सोशल मीडिया टीम के सदस्य हैं. शर्मनाक. प्रदेश में बहन-बेटियां असुरक्षित, भाजपा वाले ही खतरा हैं. इन आरोपियों को सख्त से सख्त सज़ा मिले, सरकार इन्हें संरक्षण न दे.’