मणिपुर की राजधानी इंफाल के एक दैनिक अख़बार के संपादक धनबीर माईबाम को मोरेह शहर में बिगड़ती क़ानून व्यवस्था पर एक लेख प्रकाशित करने के लिए समुदायों के बीच दुश्मनी पैदा करने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया है. इससे पहले 29 दिसंबर 2023 को स्थानीय भाषा के एक सांध्य दैनिक के प्रधान संपादक को गिरफ़्तार किया गया था.
नई दिल्ली: मणिपुर के मोरेह शहर में बिगड़ती कानून व्यवस्था पर एक लेख प्रकाशित करने के कुछ दिनों बाद बीते शुक्रवार (6 जनवरी) एक स्थानीय दैनिक अखबार के संपादक को समुदायों के बीच दुश्मनी पैदा करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.
संपादक धनबीर मईबम को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया और तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया. पुलिस ने अपनी शिकायत में कहा है कि दैनिक अखबार में प्रकाशित खबरें डर या चिंता पैदा करने वाली थीं.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस अधीक्षक (इंफाल पश्चिम) केएसएच शिवकांत ने कहा, ‘हां, उन्हें गिरफ्तार किया गया है और पेशी के बाद अदालत ने उन्हें पुलिस हिरासत में भेज दिया है.’
इंफाल के ह्यूयेन लानपाओ (Hueiyen Lanpao) नामक अखबार के संपादक धनबीर मईबाम पर आपराधिक साजिश रचने और आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम, 1923 की विभिन्न धाराओं का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है.
अखबार में संबंधित लेख 31 अक्टूबर 2023 के बाद से म्यांमार की सीमा से लगे मोरेह शहर में हुए हमलों में एक एसडीपीओ की मौत और नौ कमांडो के घायल होने की पृष्ठभूमि में लिखा गया था.
इससे पहले 29 दिसंबर 2023 को स्थानीय भाषा के सांध्य दैनिक कांगलेइपक्की मीरा (Kangleipakki Meira) के प्रधान संपादक वांगखेमचा श्यामजई को गिरफ्तारी किया गया था. श्यामजई के खिलाफ आरोपों में दंगा भड़काने का इरादा और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना शामिल हैं.
टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, श्यामजई पर शांति भंग करने की संभावना वाली ‘भड़काऊ’ रिपोर्ट प्रकाशित करने का भी आरोप लगाया गया था. उन्हें बीते रविवार (31 दिसंबर 2023) को जमानत दे दी गई थी.
वह ऑल मणिपुर वर्किंग जर्नलिस्ट्स यूनियन (एएमडब्ल्यूजेयू) के पूर्व अध्यक्ष हैं. पुलिस सूत्रों का कहना है कि उनकी गिरफ्तारी मोरेह की स्थिति पर रिपोर्ट से जुड़ी थी.
पुलिस द्वारा सात दिनों में स्थानीय भाषा के दो संपादकों को गिरफ्तार किए जाने की घटना से नागरिक समाज और मीडिया बिरादरी नाराज हो गई है. एएमडब्ल्यूजेयू, एडिटर्स गिल्ड मणिपुर (ईजीएम) और पाओमी वेलफेयर फाउंडेशन, राजनीतिक नेताओं के साथ-साथ कुछ परोपकारी संगठनों ने इन गिरफ्तारियों की निंदा की है.
इंफाल स्थित एलीट टीवी के संपादक जीत निंगोम्बम ने कहा, ‘मैं एक वरिष्ठ संपादक की गिरफ्तारी का समर्थन नहीं करता हूं. अगर उन्होंने अपनी रिपोर्ट में कोई गलती की है तो उनसे स्पष्टीकरण देने के लिए कहा जा सकता था.’
मालूम हो कि बीते 30 दिसंबर 2023 को मोरेह शहर में एक चौकी पर रॉकेट चालित ग्रेनेड (आरपीजी) हमले में मणिपुर पुलिस के तीन कमांडो घायल हो गए थे. अधिकारियों ने बताया कि हमले के पीछे संदिग्ध आतंकवादियों का हाथ माना जा रहा है.
मोरेह कुकी प्रभुत्व वले तेंगनौपाल जिले में स्थित है, जो 3 मई को राज्य में कुकी-ज़ो जनजाति और बहुसंख्यक मेईतेई समुदायों के बीच भड़के जातीय संघर्ष से प्रभावित जिलों में से एक है.
मालूम हो कि 3 मई को मणिपुर में मेईतेई और कुकी-ज़ो समुदायों के बीच जातीय हिंसा भड़कने के बाद से पिछले 8 महीनों में अब तक लगभग 200 लोग मारे गए हैं, सैंकड़ों की संख्या में लोग घायल हुए हैं और 60,000 लोग विस्थापित हुए हैं.
3 मई को बहुसंख्यक मेईतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) दर्जे की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बीच दोनों समुदायों के बीच यह हिंसा भड़की थी.
मणिपुर की आबादी में मेईतेई लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं, जबकि आदिवासी, जिनमें नगा और कुकी समुदाय शामिल हैं, 40 प्रतिशत हैं और ज्यादातर पहाड़ी जिलों में रहते हैं.