भारत से विवाद: मालदीव राष्ट्रपति बोले- हमारा देश छोटा है, इससे हमें धमकाने का लाइसेंस नहीं मिलता

हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लक्षद्वीप यात्रा के बाद मालदीव की जगह देश के द्वीपीय स्थानों पर पर्यटन को बढ़ावा देने का अभियान शुरू हो गया था. इस दौरान मालदीव के नेताओं और अन्य का भारतीयों के साथ सोशल मीडिया पर विवाद हो गया था, जिसके बाद पीएम मोदी पर टिप्पणी के लिए मालदीव ने अपने तीन मंत्रियों को निलंबित कर दिया था.

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मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू. (फोटो साभार: X/@presidencymv)

हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लक्षद्वीप यात्रा के बाद मालदीव की जगह देश के द्वीपीय स्थानों पर पर्यटन को बढ़ावा देने का अभियान शुरू हो गया था. इस दौरान मालदीव के नेताओं और अन्य का भारतीयों के साथ सोशल मीडिया पर विवाद हो गया था, जिसके बाद पीएम मोदी पर टिप्पणी के लिए मालदीव ने अपने तीन मंत्रियों को निलंबित कर दिया था.

मालदीव के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़्ज़ु. (फोटो साभार: X/@MMuizzu)

नई दिल्ली: कूटनीतिक विवाद के बीच भारत पर स्पष्ट रूप से कटाक्ष करते हुए मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने बीते शनिवार (13 जनवरी) को कहा कि उनका देश छोटा हो सकता है, लेकिन यह ‘उन्हें हमें डराने-धमकाने का लाइसेंस नहीं देता’. उन्होंने चीन की अपनी पहली पांच दिवसीय राजकीय यात्रा पूरी करने के बाद यह बयान दिया.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, चीन समर्थक नेता माने जाने वाले मुइज्जू ने विशेष रूप से किसी देश का नाम लिए बिना कहा, ‘हम छोटे हो सकते हैं, लेकिन इससे उन्हें हमें डराने-धमकाने का लाइसेंस नहीं मिल जाता है.’

मुइज्जू की टिप्पणियां ऐसे समय में आई हैं, जब उनके नेतृत्व वाला मालदीव, भारत के साथ राजनयिक विवाद में उलझा हुआ है, जो मालदीव के तीन मंत्रियों द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ दिए गए अपमानजनक बयानों के बाद शुरू हुआ था. उन्होंने यह बयान तब दिए थे जब मोदी ने घरेलू पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए लक्षद्वीप की अपनी यात्रा की तस्वीरें शेयर की थीं.

पिछले साल नवंबर में पदभार संभालने के बाद अपनी पहली राजकीय यात्रा समाप्त करके चीन से लौटे मुइज्जू ने कहा, ‘हालांकि इस महासागर में हमारे पास छोटे द्वीप हैं, लेकिन हमारे पास 9,00,000 वर्ग किलोमीटर का एक विशाल विशेष आर्थिक क्षेत्र है. मालदीव इस महासागर का सबसे बड़ा हिस्सा रखने वाले देशों में से एक है.’

यह कहते हुए कि हिंद महासागर ‘किसी विशिष्ट देश का नहीं है’, मुइज्जू ने कहा, ‘यह (हिंद) महासागर इसमें स्थित सभी देशों का भी है.’

राजकीय यात्रा के दौरान चीन और मालदीव ने मुइज्जू और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच वार्ता के बाद 20 समझौतों पर हस्ताक्षर किए. दोनों देशों ने मालदीव की राष्ट्रीय एयरलाइन को चीन में घरेलू उड़ान संचालन की अनुमति देने के लिए भी एक समझौते पर हस्ताक्षर किए.

चीनी नेताओं के साथ मुइज्जू की वार्ता के अंत में जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया, ‘दोनों पक्ष अपने-अपने मूल हितों की रक्षा के लिए एक-दूसरे का दृढ़ता से समर्थन करना जारी रखने पर सहमत हैं.’

बिना किसी देश का जिक्र किए बयान में कहा गया है, ‘चीन मालदीव की राष्ट्रीय संप्रभुता, स्वतंत्रता और राष्ट्रीय गरिमा को बनाए रखने में मालदीव का दृढ़ता से समर्थन करता है, मालदीव की राष्ट्रीय परिस्थितियों के अनुकूल विकास के मार्ग की मालदीव की खोज का सम्मान और समर्थन करता है और मालदीव के आंतरिक मामलों में बाहरी हस्तक्षेप का दृढ़ता से विरोध करता है.’

ऐसा कहा जा रहा है कि मुइज्जू की चीन यात्रा को उनके मंत्रियों द्वारा प्रधानमंत्री मोदी पर की गईं अपमानजनक टिप्पणियों से उपजे भारत के साथ राजनयिक विवाद और यूरोपियन यूनियन (ईयू) इलेक्शन ऑब्जर्वेशन मिशन ऑफ मालदीव द्वारा जारी एक रिपोर्ट से नुकसान पहुंचा है.

यूरोपियन यूनियन की रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रोग्रेसिव पार्टी ऑफ मालदीव (पीपीएम) और पीपुल्स नेशनल कांग्रेस (पीएनसी) के सत्तारूढ़ गठबंधन ने 2023 के राष्ट्रपति चुनावों, जिसमें मुइज्जू ने जीत हासिल की, में भारत विरोधी भावनाओं को फैलाया और गलत सूचना फैलाने का प्रयास किया था.

मालूम हो कि बीते 4 जनवरी को प्रधानमंत्री मोदी ने लक्षद्वीप की अपनी यात्रा की तस्वीरें सोशल साइट एक्स पर साझा की थीं.

साझा किए जाने के साथ ही ये तस्वीरें सोशल मीडिया और इंटरनेट पर छा गईं और कई लोगों ने मालदीव की जगह भारतीय द्वीपों की श्रृंखला (लक्षद्वीप) को एक पर्यटन स्थल के रूप में प्रचारित किया.

इसके बाद मालदीव के राजनेताओं, सरकारी अधिकारियों और भारतीय सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं के बीच सोशल मीडिया पर विवाद छिड़ गया था.

इस दौरान मालदीव के तीन मंत्री मरियम शिउना, मालशा शरीफ और महज़ूम माजिद ने प्रधानमंत्री मोदी पर कथित तौर पर अपमानजनक टिप्पणियां कर दी थीं.

कूटनीतिक विवाद में तेजी से बदल रही स्थिति को देखते हुए राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की मालदीव सरकार ने बीते 7 जनवरी को तीनों मंत्रियों को निलंबित कर दिया था. इसके साथ ही मालदीव सरकार ने उन मंत्रियों और सांसदों द्वारा की गईं टिप्पणियों से भी खुद को अलग कर लिया था.

मालूम हो कि मोहम्मद मुइज्जू की पार्टी पिछले साल ‘इंडिया आउट’ चुनाव अभियान के जरिये मालदीव की सत्ता में आई थी.

दिसंबर 2023 में मालदीव सरकार ने भारत के साथ हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण (तटीय जल क्षेत्र का मानचित्रण) समझौता समाप्त करने की बात कही थी. मालदीव में राष्ट्रपति कार्यालय के अवर सचिव ने कहा था कि मालदीव के क्षेत्रीय जल के हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण में भारत को सहयोग करने की अनुमति देने वाले द्विपक्षीय समझौते को नई सरकार ने नवीनीकृत नहीं करने का फैसला किया है. यह समझौता 7 जून 2024 को समाप्त होने वाला है.

नवंबर 2023 में राष्ट्रपति मुइज्जू ने सत्ता संभालने के अगले ही दिन औपचारिक रूप से भारत से हेलीकॉप्टर और डोर्नियर विमान के साथ तैनात भारतीय सैनिकों को वापस लौटने के लिए कह दिया था. यह उनके चुनाव अभियान के वादे का हिस्सा था.

उन्होंने सीओपी शिखर सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के दौरान भी भारतीय सेना की वापसी का मुद्दा उठाया था. दोनों पक्षों ने कहा था कि वे इस मामले पर चर्चा करने जा रहे हैं.

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