आईआईएम कलकत्ता ने यौन उत्पीड़न की शिकायत पर प्रभारी निदेशक सहदेव सरकार को हटाया

सहदेव सरकार के बाद अगले वरिष्ठतम फैकल्टी सदस्य प्रोफेसर सैबल चट्टोपाध्याय को आईआईएम कलकत्ता का प्रभारी निदेशक नियुक्त किया गया है. सहदेव सरकार तीन साल में अपना कार्यकाल पूरा होने से पहले छोड़ने वाले तीसरे आईआईएम निदेशक हैं. उन्होंने अपने ख़िलाफ़ लगाए गए आरोपों को निराधार बताया है.

आईआईएम कलकत्ता का सभागार. (फोटो साभार: विकिमीडिया कॉमन्स)

सहदेव सरकार के बाद अगले वरिष्ठतम फैकल्टी सदस्य प्रोफेसर सैबल चट्टोपाध्याय को आईआईएम कलकत्ता का प्रभारी निदेशक नियुक्त किया गया है. सहदेव सरकार तीन साल में अपना कार्यकाल पूरा होने से पहले छोड़ने वाले तीसरे आईआईएम निदेशक हैं. उन्होंने अपने ख़िलाफ़ लगाए गए आरोपों को निराधार बताया है.

आईआईएम कलकत्ता में सभागार. (फोटो साभार: विकिमीडिया कॉमन्स)

नई दिल्ली: भारतीय प्रबंधन संस्थान कलकत्ता (आईआईएम-सी) ने अपने प्रभारी निदेशक सहदेव सरकार को उनके खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप के कारण हटा दिया है. संस्थान ने मंगलवार (16 जनवरी) को एक बयान में इस फैसले की घोषणा की.

आईआईएम कलकत्ता ने एक बयान में कहा है, ‘संस्थान की आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) को तत्कालीन प्रभारी निदेशक प्रोफेसर सहदेव सरकार के खिलाफ कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 के तहत एक लिखित शिकायत मिली है. आईसीसी ने यह सुनिश्चित कर लिया है कि प्रथमदृष्टया शिकायत औपचारिक जांच की मांग करती है और उसने बोर्ड ऑफ गवर्नर्स को इसकी जानकारी दे दी है.’

बयान के अनुसार, ‘आईआईएम कलकत्ता बोर्ड ऑफ गवर्नर्स ने 6 जनवरी 2024 को एक विशेष बैठक की और आईसीसी की सिफारिश को स्वीकार कर लिया कि आईसीसी के समक्ष औपचारिक जांच के लंबित रहने और उससे उत्पन्न होने वाली या उससे संबंधित किसी भी कार्यवाही के दौरान प्रोफेसर सहदेव सरकार प्रभारी निदेशक के पद पर बने नहीं रहेंगे. उन्हें उक्त पद और किसी अन्य पद जो उनके पास है, से हटा दिया जाएगा.’

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, अगले वरिष्ठतम फैकल्टी सदस्य प्रोफेसर सैबल चट्टोपाध्याय को प्रभारी निदेशक नियुक्त किया गया है.

सहदेव सरकार तीन साल में अपना कार्यकाल पूरा होने से पहले छोड़ने वाले तीसरे आईआईएम निदेशक हैं.

द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार, सहदेव सरकार ने आरोपों को ‘निराधार’ बताया है. उन्होंने कहा, ‘मैं अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों से पुरजोर इनकार करता हूं. मैं बेबुनियाद आरोपों से हैरान हूं.’

उन्होंने कहा, ‘किसी भी स्थिति में यह प्रबंधन द्वारा एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति प्रतीत होती है और मुझे संस्थान के पीओएसएच नियम 17(6) द्वारा प्रेस से बात करने से रोका गया है. मैं इसे उचित मंच पर उचित रूप से संबोधित करूंगा.’

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