1 नवंबर को आयात प्रबंधन प्रणाली की शुरुआत के बाद से आयातकों को खुद को पंजीकृत करना होता है और यह बताना होता है कि कितने लैपटॉप और कंप्यूटर आयात किए जा रहे हैं और किन स्रोतों से आयात किए जा रहे हैं.
नई दिल्ली: इलेक्ट्रॉनिक हार्डवेयर आयात के लिए सरकार की ऑनलाइन निगरानी प्रणाली 1 नवंबर, 2023 को शुरू हुई थी. बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट बताती है कि इसके बाद नवंबर में लैपटॉप और टैबलेट का आयात घटकर नौ महीने के निचले स्तर 225 मिलियन डॉलर पर आ गया.
अख़बार ने वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि सिंगापुर से आयात में 43.7%, हांगकांग (27.4%) और चीन (14%) की गिरावट आई है. बताया गया है कि इस तरह के आयात का 83% चीन से होता है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि आईटी हार्डवेयर मॉनिटरिंग सूची में एक और महत्वपूर्ण आइटम – डेटा प्रोसेसिंग यूनिट या सर्वर है, जिसके इनबाउंड शिपमेंट में 31.8% की गिरावट दर्ज की गई है.
चीन और अमेरिका जैसे प्रमुख स्रोतों से आयात में क्रमशः 8.8% और 3.6% की गिरावट आई है.
3 अगस्त 2023 को सरकार ने ‘सुरक्षा कारणों’ और घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने की जरूरत का हवाला देते हुए तत्काल प्रभाव से लैपटॉप, टैबलेट और कुछ प्रकार के कंप्यूटरों पर आयात प्रतिबंध लगा दिया था.
इस कदम से इन वस्तुओं के आयातकों को अपने आने वाले शिपमेंट के लिए सरकार से अनुमति या लाइसेंस लेना अनिवार्य हो गया था. हालांकि इसे लेकर आलोचना का सामना करने के बाद केंद्र सरकार ने कुछ दिनों बाद इन सामान से आयात प्रतिबंध हटा दिया था.
इसी बीच 26 सितंबर को एक नए नियम की घोषणा की गई थी जिसमें आयातकों को विनियमित उत्पादों को आयात करने के लिए ‘आयात प्रबंधन प्रणाली’ पर पंजीकरण करना जरूरी बनाया गया था.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, इस प्रणाली के तहत कंपनियों को खुद को पंजीकृत करना होगा और यह साझा करना होगा कि कितने लैपटॉप और कंप्यूटर आयात किए जा रहे हैं और किन स्रोतों से आयात किए जा रहे हैं.
लाइसेंसिंग से जुड़े डर के बीच लैपटॉप और टैबलेट का आयात सितंबर (41.8%) और अक्टूबर (29.7%) में बढ़ गया था.