नीतीश कुमार के भाजपा से गठबंधन करने पर विपक्षी नेता बोले- गिरगिट तो बस ऐसे ही बदनाम है

लालू प्रसाद यादव की राजद से गठबंधन तोड़ने के बाद जदयू नेता नीतीश कुमार ने 9वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है. उनके साथ दो उप-मुख्यमंत्री और 6 मंत्रियों ने भी शपथ ली है. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि बार-बार राजनीतिक साझेदार बदलने वाले नीतीश कुमार रंग बदलने में गिरगिटों को कड़ी टक्कर दे रहे हैं.

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार. (फोटो साभार: फेसबुक)

लालू प्रसाद यादव की राजद से गठबंधन तोड़ने के बाद जदयू नेता नीतीश कुमार ने 9वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है. उनके साथ दो उप-मुख्यमंत्री और 6 मंत्रियों ने भी शपथ ली है. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि बार-बार राजनीतिक साझेदार बदलने वाले नीतीश कुमार रंग बदलने में गिरगिटों को कड़ी टक्कर दे रहे हैं.

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार. (फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्ली: जदयू नेता नीतीश कुमार ने लालू प्रसाद यादव की राजद से गठनबंधन तोड़ने के बाद भाजपा के साथ मिलकर बिहार में एक फिर नई सरकार बना ली ​है. रविवार (28 जनवरी) को उन्होंने 9वीं बार राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली.

नीतीश के इस कदम की विपक्षी नेताओं ने व्यापक तौर पर आलोचना की है.

राजद से गठबंधन तोड़ने को लेकर पार्टी ने राजद नेता तेज प्रताप यादव ने कहा, ‘गिरगिट तो बस यूं ही बदनाम है..! रंग बदलने की रफ्तार से तो पलटिस कुमार को भी ‘गिरगिट रत्न’ से सम्मानित करना चाहिए.’

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा कि तुम्हारा ‘17साल’ पर हमारा ‘17महीना’ भारी रहा.

राजद नेता तेजस्वी यादव ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘हम लोगों ने सरकार बड़े उम्मीदों के साथ बनाया था और किस उद्देश्य के साथ बनाया था, वो उस समय नीतीश कुमार जी ने आपको बताने का भी काम किया था. ये गए हैं, इन्होंने इसकी हत्या की है तो जनता इसका जवाब देगी.’

उन्होंने आगे कहा, ‘हम अब आगे का सोच रहे हैं. आगे खेला अभी बाकी है. हम लोग मिलकर जिस विजन के साथ आए हैं. उस विजन को हम लोग पूरा करेंगे. जनता के साथ खड़े रहेंगे.’

उन्होंने कहा, ‘मैं जो कहता हूं, वो करता हूं. और आप लिखकर ले लीजिए, जनता दल यूनाइटेड नामक जो पार्टी है 2024 में ही खत्म हो जाएगी. ये निश्चित रूप से लिख लीजिए. और अभी तो खेल शुरू हुआ है, खेल अभी बाकी है. अभी ये लोग जो भी करें, लेकिन मेरा स्पष्ट रूप से मानना है कि जनता हमारे साथ है और हमारा साथ देगी. हम तो भाजपा के लोगों को भी धन्यवाद और शुभकामनाएं देते हैं कि चलो जनता दल यूनाइटेड को अपने साथ लिया.’

नीतीश के पाला बदलने से विपक्ष के इंडिया गठबंधन को भी झटका लगा है.

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, ‘देश में ‘आया राम-गया राम’ जैसे कई लोग हैं. पहले वो और हम मिलकर लड़ रहे थे. जब मैंने लालू जी और तेजश्वी जी से बात की तो उन्होंने भी कहा कि नीतीश जा रहे हैं. अगर वह रुकना चाहते तो रुक जाते लेकिन वह जाना चाहते हैं. इसलिए ये बात हमें पहले से ही पता थी, लेकिन इंडिया गठबंधन को बरकरार रखने के लिए हमने कुछ नहीं कहा. इसकी जानकारी हमें लालू प्रसाद यादव जी और तेजश्वी यादव जी ने पहले ही दे दी थी. आज वह सच हो गया.’

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, ‘बार-बार राजनीतिक साझेदार बदलने वाले नीतीश कुमार रंग बदलने में गिरगिटों को कड़ी टक्कर दे रहे हैं. इस विश्वासघात के विशेषज्ञ और उन्हें इशारों पर नचाने वालों को बिहार की जनता माफ नहीं करेगी. बिलकुल साफ है की भारत जोड़ो न्याय यात्रा से प्रधानमंत्री और भाजपा घबराए हुए हैं और उससे ध्यान हटाने के लिए यह राजनीतिक ड्रामा रचा गया है.’

समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, ये भाजपा का लोकसभा चुनाव हारने की हताशा का नतीजा है, जिसने साजिश करके एक भावी प्रधानमंत्री (नीतीश कुमार) को अपने साथ मिलाकर मुख्यमंत्री के पद तक ही सीमित कर दिया.

उन्होंने कहा, ‘भाजपा ने बिहार की जनता का अपमान किया है और जनमत का भी. जनता इस अपमान का जवाब भाजपा गठबंधन को लोकसभा का चुनाव हराकर देगी. बिहार का हर निवासी अपना अगला वोट, बिहार के सम्मान को बचाने और भाजपा को हराने के लिए के लिए डालेगा.’

एक अन्य ट्वीट में अखिलेश ने कहा, ‘भाजपा अपने जीवनकाल में इतनी कमजोर कभी नहीं थी, जितनी आज हो गई. आज विश्वासघात का नया कीर्तिमान बना है. जनता इसका करारा जवाब देगी. कोई आप पर विश्वास न करे, एक व्यक्ति के रूप में किसी की इससे बड़ी हार और कुछ नहीं हो सकती.’

शिवसेना (यूबीटी) की नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, ‘मर जाना कबूल है, उनके साथ जाना कबूल नहीं है. ये अच्छी तरह जान लीजिये! नीतीश कुमार: पलटूराम ने जनादेश का अपमान किया है. अरे पलटू बाबू, कुछ तो लिहाज रखो. छठ मैया से प्रार्थना करती हूं कि पलटू राम से मुक्त हो बिहार.’

शिवसेना (यूबीटी) के प्रवक्ता आनंद दुबे ने कहा, ‘क्या भाजपा ऐसा ही रामराज्य लाना चाहती है. अगर भाजपा इंडिया गठबंधन को कमजोर करना चाहती है तो उनकी यह बहुत बड़ी भूल है. नीतीश कुमार जी ने बिहार और देश से धोखा किया है.’

मालूम हो कि अगस्त 2022 में नीतीश कुमार ने भाजपा के साथ गठबंधन तोड़कर राजद के साथ महागठबंधन सरकार के मुखिया के तौर पर फिर से मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. थी. उनके साथ राजद के तेजस्वी यादव ने उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी.

तब नीतीश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा था, ‘वे 2014 में जीत गए, लेकिन अब 2024 को लेकर उन्हें चिंतित होना चाहिए.’

लालू प्रसाद यादव की राजद वर्तमान में 79 विधायकों के साथ 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी है – लेकिन अपने दम पर आधे के आंकड़े (122) से बहुत पीछे है. भाजपा 78 विधायकों के साथ दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है और जदयू के पास 45 विधायक हैं.

इसके अलावा कांग्रेस के पास 19, सीपीआई (एम-एल) के पास 12, माकपा और सीपीआई के पास 2-2, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) के पास 4 और एआईएमआईएम के पास एक सीट है. एक सीट निर्दलीय के पास है.

पिछले सप्ताह नीतीश के राजद के साथ गठबंधन तोड़ने को लेकर अटकलों का बाजार गर्म था. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विचारधारा के बावजूद गठबंधनों के बीच नियमित बदलाव के लिए प्रसिद्ध हैं. जैसा कि द वायर ने रिपोर्ट किया है कि नीतीश को अपने सहयोगियों के प्रति अस्थिर रहने की आदत है.

2017 में जब नीतीश ने अचानक महागठबंधन छोड़ने के अपने फैसले की घोषणा की, तो राजद मुश्किल में पड़ गया था. फिर, जब दो साल पहले उन्होंने भाजपा का साथ छोड़ा, तो भाजपा नेताओं को तब तक कोई सुराग नहीं लगा था, जब तक कि उन्होंने फिर से पाला बदलने के अपने फैसले की घोषणा नहीं की थी.

अब रिपोर्टों से पता चलता है कि लालू प्रसाद यादव, जिनके साथ नीतीश लंबे समय से दोस्त और दुश्मन दोनों के रूप में जुड़े हुए हैं, को भी नीतीश के किसी भी नए कदम के बारे में जानकारी नहीं थी.