कोटा पुलिस के अनुसार, छात्रा निहारिका सोलंकी अपने माता-पिता के साथ रह रही थी और 31 जनवरी को होने वाली संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) की तैयारी कर रही थी. उसने एक कथित सुसाइड नोट छोड़ा है, जिसमें लिखा है कि वह अंतिम उपाय के रूप में यह क़दम उठा रही है, क्योंकि वह जेईई नहीं कर सकती.
नई दिल्ली: राजस्थान के कोटा में बीते सोमवार (29 जनवरी) तड़के एक 18 वर्षीय लड़की की आत्महत्या से मौत हो गई. उसने एक कथित सुसाइड नोट छोड़ा है, जिसमें लिखा था कि वह अंतिम उपाय के रूप में यह कदम उठा रही है, क्योंकि वह जेईई (JEE – इंजीनियरिंग के लिए होने वाली संयुक्त प्रवेश परीक्षा) नहीं कर सकती.
कोटा के पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) धर्मवीर सिंह ने कहा कि निहारिका सोलंकी अपने माता-पिता के साथ रह रही थी और 31 जनवरी को होने वाली जेईई की तैयारी कर रही थी.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, उसके द्वारा छोड़े गए एक कथित सुसाइड नोट में लिखा है, ‘मम्मी-पापा, मैं जेईई नहीं कर सकती इसलिए मैं आत्महत्या कर रही हूं. मैं असफल हूं. सबसे खराब बेटी हूं. सॉरी मम्मी पापा. यही आखिरी विकल्प है.’
पुलिस के अनुसार, उसके पिता एक बैंक में सुरक्षा गार्ड के रूप में काम करते हैं और वह तीन बेटियों में सबसे बड़ी थी. यह घटना कोटा के बोरखेड़ा पुलिस थाने के अंतर्गत हुई, जो प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वालों द्वारा बड़ी संख्या में आत्महत्याओं के लिए कुख्यात है.
पास में रहने वाले निहारिका के चचेरे भाई विक्रम सिंह ने अखबार को बताया कि घटना के समय उसके पिता काम पर गए थे. उन्होंने कहा, ‘वह, उसकी एक बहन, मां और दादी घर पर थीं.’
विक्रम के भाई हेमंत ने कहा कि सुबह 9-10 बजे के बीच उसकी मां ने उसे बुलाया, लेकिन उसने कोई जवाब नहीं दिया. जब उसकी बहन उसे देखने गई तो दरवाजा अंदर से बंद था.
दरवाजे के ऊपर रोशनदान खिड़की के दूसरी तरफ एक कपड़ा देखकर परिवार को अनहोनी की आशंका हुई.
परिवार के अन्य सदस्य और पड़ोसी दरवाजे के बाहर एकत्र हो गए. चचेरे भाई ने कहा, ‘हमने दरवाजे के ऊपर रोशनदान का शीशा तोड़ दिया और दरवाजा तोड़ दिया.’
उन्होंने कहा कि निहारिका ने आरबीएसई बोर्ड में 70 प्रतिशत अंक हासिल किए थे, लेकिन जेईई के लिए पात्र होने के लिए 75 प्रतिशत अंक की आवश्यकता थी, इसलिए वह 12वीं की परीक्षा के लिए दोबारा पढ़ाई कर रही थी.
राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी के अनुसार, जो उम्मीदवार नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एनआईटी), इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी (आईआईआईटी) और अन्य सेंट्रली फंडेड टेक्निकल इंस्टिट्यूट (सीएफटीआई) में प्रवेश जेईई मेन रैंक के आधार पर होता है. जेईई में पात्रता के लिए कक्षा 12 की परीक्षा में कम से कम 75 प्रतिशत अंक प्राप्त होने चाहिए या संबंधित बोर्ड द्वारा आयोजित कक्षा 12 की परीक्षा में शीर्ष 20 प्रतिशत में होना चाहिए.
हेमंत ने कहा, ‘वह अपना अधिकांश समय (प्रतिदिन लगभग 8-9 घंटे) पढ़ाई में बिताती थी, जिसमें लगभग छह घंटे की कोचिंग भी शामिल थी.’
डीएसपी ने कहा कि शव को पोस्टमॉर्टम के बाद परिवार को सौंप दिया गया है.
एक सप्ताह से भी कम समय में कोटा में यह दूसरा ऐसा मामला है. इससे पहले अखिल भारतीय प्री-मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहे उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद का एक 19 वर्षीय छात्र 23 जनवरी को शहर के अपने हॉस्टल के कमरे में मृत पाया गया था.
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, वर्ष 2023 में विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे 26 छात्रों ने आत्महत्या की थी, जो 2015 के बाद से सबसे अधिक है.
पुलिस आंकड़ों के मुताबिक, कोटा में 2022 में 15, 2019 में 18, 2018 में 20, 2017 में 7, 2016 में 17 और 2015 में 18 छात्रों की मौत आत्महत्या से हुई है. 2020 और 2021 में छात्रों की आत्महत्या का कोई मामला सामने नहीं आया था, क्योंकि कोविड-19 महामारी के कारण कोचिंग संस्थान बंद हो गए थे या ऑनलाइन मोड पर चल रहे थे.