राजस्थान: भाजपा विधायक ने सरकारी स्कूल में मुस्लिम छात्राओं के हिजाब पहनने पर आपत्ति जताई

राजस्थान के हवा महल से भाजपा विधायक बालमुकुंद आचार्य ने एक शासकीय बालिका स्कूल का दौरा करने के दौरान हिजाब पहनने वालीं कुछ छात्राओं को देखकर स्कूल प्रशासक की खिंचाई की थी. इसके विरोध में मुस्लिम छात्रों ने थाने का घेराव किया. उनका कहना है कि वह भगवा वस्त्र पहनकर विधानसभा जाते हैं तो हिजाब के ख़िलाफ़ भेदभाव क्यों?

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भाजपा विधायक बालमुकुंद आचार्य. (फोटो साभार: फेसबुक/Dharmendra Meena)

राजस्थान के हवा महल से भाजपा विधायक बालमुकुंद आचार्य ने एक शासकीय बालिका स्कूल का दौरा करने के दौरान हिजाब पहनने वालीं कुछ छात्राओं को देखकर स्कूल प्रशासक की खिंचाई की थी. इसके विरोध में मुस्लिम छात्रों ने थाने का घेराव किया. उनका कहना है कि वह भगवा वस्त्र पहनकर विधानसभा जाते हैं तो हिजाब के ख़िलाफ़ भेदभाव क्यों?

(इलस्ट्रेशन: द वायर)                                                                        

नई दिल्ली: राजस्थान के हवा महल से भाजपा विधायक बालमुकुंद आचार्य ने एक सरकारी स्कूल में लड़कियों के हिजाब पहनने पर आपत्ति जताई है, जिसके बाद कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि वह राज्य में सभी सरकारी और निजी स्कूल में सिर ढंकने पर प्रतिबंध लगाने के लिए मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा से बात करेंगे.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, सोमवार (29 जनवरी) सुबह भाजपा विधायक ने जयपुर के गंगापोल इलाके में शासकीय बालिका माध्यमिक विद्यालय का दौरा किया. इसके बाद सामने आए एक वीडियो में उन्हें हिजाब पहनने वालीं कुछ छात्राओं को लेकर एक स्कूल प्रशासक की खिंचाई करते देखा जा सकता है.

एक अन्य वीडियो में वह स्कूल अधिकारियों से छात्राओं को हिजाब पहनने से रोकने के लिए कह रहे हैं. स्कूल में हिंदू और मुस्लिम, दोनों ही मजहबों के बच्चे पढ़ते हैं.

एक और वीडियो में वह मंच पर छात्रों का नेतृत्व करते हुए ‘भारत माता की जय’ और ‘सरस्वती माता की जय’ के नारे लगाते हुए दिखाई दे रहे हैं. उन्हें यह कहते हुए भी सुना जा सकता है, ‘कुछ बच्चे नहीं बोल रहे हैं, क्या बात है, मना किया क्या?’ उन्हें स्कूल में घूमते और छात्रों को ‘जय श्री राम’ के नारे लगवाते हुए भी देखा जाता है.

बाद में मुस्लिम छात्रों ने सुभाष चौक पुलिस थाने का घेराव किया और मांग की कि विधायक ‘स्कूलों में माहौल खराब करना बंद करें’ और अपने कार्यों के लिए माफी मांगें.

एक प्रदर्शनकारी छात्र ने कहा, ‘वह भगवा वस्त्र पहनकर विधानसभा जाते हैं तो हिजाब के खिलाफ यह भेदभाव क्यों?’

अपने दौरे के बाद एक अन्य वीडियो में भाजपा विधायक आचार्य ने कहा कि उन्होंने प्रिंसिपल और अन्य लोगों से पूछा था कि क्या सरकारी स्कूलों में दो अलग-अलग ड्रेसों का प्रावधान है और उन्हें बताया गया था कि ऐसा नहीं है.

घटना के बाद मुस्लिम और हिंदू छात्रों ने पुलिस को अलग-अलग शिकायतें सौंपीं. पुलिस उपायुक्त (जयपुर उत्तर) राशि डोगरा ने कहा कि शिकायतें जिला कलेक्टर को भेज दी गई हैं. उन्होंने कहा, ‘दोनों समूह आरोप लगा रहे हैं कि उन्हें स्कूल में अपनी धार्मिक प्रथाओं का पालन करने की अनुमति नहीं दी जा रही है.’

बाद में राजस्थान के कृषि मंत्री (कैबिनेट) किरोड़ी लाल मीणा ने कहा, ‘मुस्लिम समुदाय में धार्मिक कट्टरता के कारण और कांग्रेस की तुष्टिकरण की राजनीति के कारण समुदाय प्रगति नहीं कर पा रहा है. उनके पास शिक्षा का अभाव है इसलिए शिक्षा का प्रचार-प्रसार होना चाहिए और मुस्लिम समुदाय को प्रगतिशील सोच रखनी चाहिए. इसके बजाय, उनकी सोच अपराध की ओर ज्यादा है. स्कूलों में ड्रेस कोड का पालन किया जाना चाहिए.’

मीणा ने कहा, ‘अगर कोई लड़की हिजाब पहनकर स्कूल जाती है तो स्कूल में अनुशासन नहीं रहेगा और छात्र किसी भी ड्रेस में स्कूल पहुंचेंगे. ड्रेस कोड का पालन करना चाहिए. कई देशों में हिजाब पर प्रतिबंध है, इसलिए इसे किसी भी परिस्थिति में स्कूलों में अनुमति नहीं दी जा सकती है.’

उन्होंने कहा कि वह इस बारे में मुख्यमंत्री से बात करेंगे क्योंकि ‘हमारे विधायक ने यह मुद्दा उठाया है.’

उन्होंने कहा, ‘यह (हिजाब) गलत है. पुलिस में, स्कूलों में एक ड्रेस कोड है. अन्यथा एक स्टेशन हाउस ऑफिसर कुर्ता-पायजामा, धोती-कुर्ता, सूट-बूट पहनेगा.’ उन्होंने साथ ही कहा कि हिजाब न केवल सरकारी स्कूलों में, बल्कि निजी स्कूलों में भी प्रतिबंधित किया जाना चाहिए.

इस विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए जयपुर के आदर्श नगर से कांग्रेस विधायक रफीक खान ने कहा, ‘ बालमुकुंद आचार्य सस्ती लोकप्रियता और सुर्खियों में बने रहने के लिए यह सब कर रहे हैं. उन्हें समझना चाहिए कि वह किसी एक राजनीतिक दल के विधायक नहीं हैं, बल्कि सभी जाति, धर्म और घटकों के विधायक है.’

खान ने कहा, ‘राजस्थान गंगा-जमुनी तहजीब (सांप्रदायिक सद्भाव) के लिए जाना जाता है और ऐसी चीजें यहां काम नहीं करेंगी और बर्दाश्त नहीं की जाएंगी.’

दिसंबर 2021 में कर्नाटक में भी शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब को लेकर विवाद खड़ा हो गया था, जब उडुपी जिले में छह मुस्लिम छात्राओं को इसे पहनने के कारण कॉलेज में प्रवेश से करने से रोक दिया गया था. तत्कालीन भाजपा सरकार ने एक सर्कुलर भी जारी किया था कि प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेजों को ड्रेस कोड का पालन करना होगा.

सभी छह छात्राओं ने कर्नाटक हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिसने राज्य सरकार के आदेश को बरकरार रखा. मामले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी. दिसंबर 2023 में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने कहा था कि उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि हिजाब पहनने पर प्रतिबंध नहीं होगा.

मालूम हो कि दिसंबर 2023 में भाजपा विधायक बालमुकुंद आचार्य पर पीथावास गांव में अनुसूचित जाति (एससी) समुदाय के एक व्यक्ति पर हमला करने और उस पर थूकने के आरोप में केस दर्ज किया गया था.

पीड़ित सूरजमल रैगर का आरोप था कि भाजपा विधायक बालमुकुंद आचार्य उर्फ संजय शर्मा ने उनकी जमीन पर अवैध कब्जा करने का प्रयास करते हुए उनके साथ मारपीट की थी.

संबंधित मामले में स्ट्रीट वेंडर कानूनों का उल्लंघन करने के आरोप में बालमुकुंद आचार्य के खिलाफ राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में भी शिकायत दर्ज कराई गई थी. यह घटना तब हुई थी, जब विधायक ने हवामहल इलाके का दौरा किया और मुस्लिम विक्रेताओं को अपनी दुकानें बंद करने का निर्देश दिया था.