महाराष्ट्र के पुणे शहर की घटना. भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किए जाने के बाद उनके और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ख़िलाफ़ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद वागले निशाने पर आ गए हैं. वागले ने सोशल साइट एक्स पर इस संबंध में टिप्पणी की थी. इसके लेकर उनके ख़िलाफ़ केस दर्ज किया गया है.
नई दिल्ली: पत्रकार निखिल वागले के वाहन पर बीते शुक्रवार (9 फरवरी) की रात भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पुणे इकाई के कार्यकर्ताओं द्वारा कथित तौर पर हमला किया गया, जब वह साथी कार्यकर्ताओं के साथ पुणे में एक रैली स्थल पर जा रहे थे.
भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किए जाने के बाद उनके और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद वागले निशाने पर आ गए हैं.
पुलिस के अनुसार, भाजपा कार्यकर्ताओं ने उस कार पर स्याही फेंकी, जिसमें वागले, मानवाधिकार वकील असीम सरोदे और कार्यकर्ता विश्वंभर चौधरी, राष्ट्र सेवा दल द्वारा आयोजित ‘निर्भय बनो’ कार्यक्रम के लिए पुलिस सुरक्षा के तहत यात्रा कर रहे थे.
प्रदर्शनकारियों के अनियंत्रित होने, मारपीट करने और विभिन्न वस्तुओं के साथ-साथ अंडे और स्याही फेंकने से कार की खिड़की के शीशे टूट गए.
यह कार्यक्रम पुणे के साने गुरुजी स्मारक में था. इस दौरान भाजपा की पुणे इकाई ने कार्यक्रम में वागले की उपस्थिति का हवाला देते हुए इसका विरोध किया, जबकि कांग्रेस, राकांपा और आप सहित विपक्षी दलों ने अपना समर्थन दिया था.
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, घटना के बाद वागले ने कहा, ‘मैं उन सभी को माफ करता हूं जिन्होंने मुझ पर हमला किया. मुझ पर पहले छह बार हमला हो चुका है और यह सातवां था.’
वागले के बेटे पार्थ ने द वायर से बात करते हुए कहा कि उनके पिता पुणे में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में जा रहे थे, जब उनकी कार पर हमला हुआ. कार में पुणे के वकील असीम सरोदे समेत दो अन्य लोग सवार थे.
उन्होंने कहा, ‘हमलावरों ने कार में तोड़फोड़ की, लेकिन सौभाग्य से तीनों कार से सुरक्षित बाहर निकल आए.’
वागले, जो एक कार्यक्रम में बोलने वाले थे, कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने और अपना भाषण देने में कामयाब रहे.
इससे पहले लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न से सम्मानित करने के नरेंद्र मोदी सरकार के फैसले की आलोचना करने के कारण भाजपा नेता सुनील देवधर द्वारा की शिकायत के आधार पर पत्रकार निखिल वागले के खिलाफ पुणे के विश्रामबाग पुलिस स्टेशन में एक एफआईआर दर्ज की गई थी.
वागले ने सोशल साइट एक्स पर इस संबंध में टिप्पणी की थी.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, वागले के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153ए (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 500 (मानहानि की सजा) और 505 (सार्वजनिक रूप से शरारत करने वाले बयान) के तहत मामला दर्ज किया गया था.
बीते 4 फरवरी को वागले द्वारा किए गए पोस्टों में भारत भर में आडवाणी की रथ यात्रा को दर्शाने वाले मानचित्र को शेयर किया गया था, जिसकी परिणति बाबरी मस्जिद विध्वंस के साथ हुई थी. पुलिस ने एफआईआर में निम्नलिखित ट्वीट का उल्लेख किया है.
अडवाणींना भारतरत्न म्हंजे एका दंगलखोराने दुसऱ्या दंगेखोराला दिलेली शाबासकी! 🤪#Modi #Advani
— nikhil wagle (@waglenikhil) February 4, 2024
बहरहाल मुंबई प्रेस क्लब और प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने वागले पर किए गए हमले की निंदा की है.
मुंबई प्रेस क्लब ने एक्स पर कहा, ‘हम शुक्रवार को पुणे में भाजपा कार्यकर्ता होने का दावा करने वाले व्यक्तियों के एक समूह द्वारा पत्रकार निखिल वागले और अन्य पर हमले की कड़ी निंदा करते हैं. वागले की कार पर उस समय हमला किया गया, जब वह लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न पुरस्कार मिलने के विरोध को उजागर करने के लिए एक बैठक को संबोधित करने जा रहे थे.’
The protest meeting was also to oppose the filing of an FIR against Wagle for tweeting on the LK Advani matter. All have the right to express their opinions. However, disagreement is a matter of debate and not the trigger to unleash violence on one's political opponents.
— Mumbai Press Club (@mumbaipressclub) February 9, 2024
आगे कहा गया, ‘यह विरोध सभा लाल कृष्ण आडवाणी मामले पर ट्वीट करने के लिए वागले के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के विरोध में भी थी. सभी को अपनी राय व्यक्त करने का अधिकार है. हालांकि, असहमति बहस का विषय है न कि किसी के राजनीतिक विरोधियों पर हिंसा करने का.’
प्रेस क्लब ने कहा, ‘हम निखिल वागले पर हमले से बेहद परेशान हैं और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज होने की खबर से भी निराश हैं. पत्रकारों को चुप कराने के लिए उन्हें निशाना बनाना या उनके विचारों के लिए धमकाना निंदनीय और अस्वीकार्य है. हम महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और पुणे शहर पुलिस से जांच करने और दोषियों को दंडित करने का आग्रह करते हैं.
We are deeply disturbed by attack on @waglenikhil and also dismayed to know an FIR filed against him. Targeting journalists to silence them or to threaten for their views are condemnable and unacceptable. We urge @CMOMaharashtra, @PuneCityPolice to inquire and punish the culprits
— Press Club of India (@PCITweets) February 9, 2024
विपक्षी दलों ने भी इस घटना को लेकर महाराष्ट्र सरकार पर हमला बोला. शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने आरोप लगाया कि महा विकास अघाड़ी (एमवीए) की कई महिला कार्यकर्ताओं को ‘भाजपा के गुंडों’ ने पीटा और उन पर अंडे, पत्थर और ईंटें फेंकी गईं, जबकि पुणे पुलिस दर्शक बनी रही.
संजय राउत ने एक्स पर लिखा, ‘वरिष्ठ पत्रकार निखिल वागले की कार तोड़ दी गई, उनकी कार पर स्याही और अंडे फेंके गए. पुणे में भाजपा द्वारा लोकतंत्र की हत्या करने का बेशर्म प्रयास… एमवीए को रोका नहीं जाएगा, आपको शर्म आनी चाहिए, देवेंद्र फडणवीस, आप अपने कैडर को महाराष्ट्र की असहाय बेटियों को नुकसान पहुंचाने और घायल करने का आदेश दे रहे हैं… महाराष्ट्र आपको माफ नहीं करेगा.’
Several MVA women karyakartas beaten up by BJP goons, eggs, stones, bricks hurled at them, Pune police remain spectators,
senior journalist Nikhil Wagle's car smashed, ink, eggs thrown at his car..Brazen Bid to murder democracy by BJP in Pune…MVA will not be deterred, Shame on… https://t.co/7HlLGL7IPJ— Sanjay Raut (@rautsanjay61) February 9, 2024
शिवसेना (यूबीटी) की एक अन्य सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने एक्स पर कहा, ‘हमारे पूर्व नगरसेवक अभिषेक घोसालकर की असामयिक और दुर्भाग्यपूर्ण हत्या के 24 घंटे से भी कम समय में यह हमला उन कार्यकर्ताओं पर है, जो भाजपा के आलोचक हैं. गुंडाराज में गुंडागर्दी…’
Less than 24 hours since the untimely and unfortunate killing of our former corporator, Abhishek Ghosalkar and now we have this attack on activists who are critical of the BJP.
Goondagardi under the gundaraj. https://t.co/8ZkgKdRu7r— Priyanka Chaturvedi🇮🇳 (@priyankac19) February 9, 2024
राकांपा के शरद पवार गुट की नेता सुप्रिया सुले ने कहा कि वह निखिल वागले पर हमले की ‘कड़ी’ निंदा करती हैं. सुले उन्हें ‘सच्चाई की आवाज और पत्रकारिता का प्रतीक’ बताती हैं.
उन्होंने लिखा, ‘यह सिर्फ एक व्यक्ति पर हमला नहीं है, बल्कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर भी हमला है. भाजपा शासन के तहत महाराष्ट्र में कानून और व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति, जो चुपचाप ऐसे कृत्यों को बढ़ावा दे रही है, चिंताजनक है और सख्त जवाबदेही की आवश्यकता है. #गुंडाराज.’
ज्येष्ठ पत्रकार निखिल वागळे (@waglenikhil) यांच्या गाडीवर भाजपाच्या कार्यकर्त्यांनी भ्याड हल्ला करीत दगडफेक केली. या संतापजनक घटनेत रस्त्यावरुन जाणाऱ्या काही मुली जखमी झाल्या. हा प्रकार घडत असताना पोलीस केवळ बघ्याची भूमिका घेत होते. याप्रसंगी कारवाई न करण्याचे आदेश पोलीसांना कुणी… pic.twitter.com/eVlPYN41wt
— Supriya Sule (@supriya_sule) February 9, 2024
महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि पुलिस उन सभी के खिलाफ कार्रवाई करेगी – चाहे वह भाजपा कार्यकर्ता ही क्यों न हो – जो कानून अपने हाथ में लेगा. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि वरिष्ठ नेता (आडवाणी) के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करना गलत है.
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