गुजरात: घोड़ी पर बैठकर बारात ले जा रहे दलित शख़्स को उतारने का प्रयास, मारपीट

घटना गांधीनगर के एक गांव की है. पुलिस में दर्ज शिकायत के मुताबिक़, हमलावरों ने बारात में दूल्हे को घोड़ी से नीचे खींच लिया, उसके साथ मारपीट की और जातिसूचक गालियां देते हुए कहा कि केवल 'ऊंची' जाति के लोग ही घोड़ी चढ़ सकते हैं.

(वीडियोग्रैब साभार: सोशल मीडिया)

घटना गांधीनगर के एक गांव की है. पुलिस में दर्ज शिकायत के मुताबिक़, हमलावरों ने बारात में दूल्हे को घोड़ी से नीचे खींच लिया, उसके साथ मारपीट की और जातिसूचक गालियां देते हुए कहा कि केवल ‘ऊंची’ जाति के लोग ही घोड़ी चढ़ सकते हैं.

(वीडियोग्रैब साभार: सोशल मीडिया)

नई दिल्ली: गुजरात की राजधानी गांधीनगर के एक गांव में अपनी बारात के दौरान घोड़ी चढ़ने को लेकर एक दलित युवक पर हमला कर दिया गया.

टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, दूल्हे पर हमला कलोल स्थित चदासन गांव के निवासियों ने किया, उनकी पहचान अज्ञात बनी हुई है. हमले के दौरान उन्होंने कथित तौर पर कहा कि घोड़ी पर बारात निकालने से पहले अनुमति लेनी होती है.

गांधीनगर पुलिस ने दलित दूल्हे पर हमला करने के आरोप में चार लोगों को गिरफ्तार किया है.

यह घटना सोमवार दोपहर चदासन गांव में हुई जब आरोपियों ने दलित दूल्हे को उस समय जातिसूचक गालियां दीं जब वह अपनी बारात में घोड़ी पर सवार था.

अहमदाबाद के चांदखेड़ा में रहने वाले दूल्हे के चचेरे भाई की शिकायत में कहा गया है कि दूल्हा करीब 100 लोगों के साथ बारात में घोड़ी पर सवार था और गांव में दुल्हन के घर जा रहा था, तभी मोटरसाइकिल पर सवार एक व्यक्ति ने उसे रोक लिया और घोड़ी से नीचे खींचकर थप्पड़ मारा.

शिकायत में कहा गया है कि आरोपी ने दूल्हे को जातिसूचक गालियां भी दीं और उसके घोड़ी पर चढ़ने पर आपत्ति जताते हुए कहा कि केवल ‘ऊंची’ जाति के लोग ही घोड़ी चढ़ सकते हैं. शिकायतकर्ता ने एफआईआर में बताया कि तीन और लोग उसका साथ देने आ गए और सभी चारों ने पीड़ित को गाली और धमकी देना शुरू कर दिया.

शिकायत में कहा गया है कि दूल्हे को अपनी शादी के लिए दुल्हन के घर चारपहिया वाहन में जाने के लिए मजबूर होना पड़ा.

गिरफ्तार किए गए चारों आरोपियों के नाम शैलेश ठाकोर, जयेश ठाकोर, समीर ठाकोर और अश्विन ठाकोर हैं. उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 341 (गलत तरीके से रोकना), 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 504 (जानबूझकर अपमान करना), 114, 506(2) (आपराधिक धमकी) और अत्याचार निवारण अधिनियम की प्रासंगिक धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.