नरेंद्र मोदी सरकार से फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर क़ानूनी गारंटी और ऋण माफ़ी सहित अन्य मांगों की अपील के साथ सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शनकारी किसान पंजाब और हरियाणा के बीच अंबाला के पास शंभू सीमा पर एकत्र हुए हैं. साल 2020 के आंदोलन को दोहराते हुए उन्होंने बीते 13 फरवरी को ‘दिल्ली चलो मार्च’ का आह्वान किया है.
नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने अपने स्टॉक को फिर से भरने के लिए 30,000 से अधिक आंसू गैस के गोले का ऑर्डर दिया है, ताकि ‘दिल्ली चलो मार्च’ के तहत आंदोलन कर रहे किसानों को राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करने से रोका जा सके.
पुलिस अधिकारियों के हवाले से समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि तैयारी के तहत दिल्ली पुलिस ने ‘पहले से ही बड़ी संख्या में आंसू गैस के गोले जमा कर लिए हैं और मध्य प्रदेश के ग्वालियर के टेकनपुर स्थित बीएसएफ के टियर स्मोक यूनिट से आंसू गैस के 30,000 और गोलों का ऑर्डर दिया है.’
केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत आने वाला दिल्ली पुलिस बल ‘प्रदर्शनकारियों को राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश नहीं करने देने’ के प्रति दृढ़ है. रिपोर्ट के अनुसार, ‘ताजा ऑर्डर किए गए गोले ग्वालियर से दिल्ली लाए जा रहे हैं.’
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नरेंद्र मोदी सरकार से फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी और ऋण माफी सहित अन्य मांगों की अपील के साथ सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शनकारी किसान पंजाब और हरियाणा के बीच अंबाला के पास शंभू सीमा पर एकत्र हुए हैं.
यह सुनिश्चित करने के लिए कि वे अपने गंतव्य दिल्ली तक न पहुंच सकें हरियाणा पुलिस द्वारा उन पर आंसू गैस के गोले छोड़ने की सूचना है. समाचार रिपोर्टों में कहा गया है कि प्रदर्शनकारियों पर ड्रोन के जरिये भी कुछ गोले गिराए गए है.
रिपोर्टों में कहा गया है कि कई किसानों और विरोध प्रदर्शन को कवर करने वाले पत्रकारों को लाठीचार्ज से घायल होने के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया है. किसानों ने पत्रकारों को बताया है कि हरियाणा पुलिस ने उन पर पैलेट गन का भी इस्तेमाल किया है, जिससे चोटें आई हैं.
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पीटीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली पुलिस ने सिंघू (सोनीपत की तरफ), टिकरी (बहादुरगढ़ की तरफ) और गाजीपुर (गाजियाबाद की तरफ) सीमाओं पर किसानों को रोकने के लिए सभी व्यवस्थाएं की हैं.
पहले से ही आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा आदेश पूरे राष्ट्रीय राजधानी में एक महीने के लिए लागू कर दिया गया है, जिसके तहत पांच या अधिक लोगों के इकट्ठा होने, रैलियों और प्रदर्शन, लोगों को ले जाने वाले ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.
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