अंकिता भंडारी केस में आवाज़ उठाने वाले पत्रकार गिरफ़्तार, पुलिस का अराजकता फैलाने का आरोप

उत्तराखंड पुलिस ने अंकिता भंडारी हत्या मामले में न्याय के लिए आवाज़ उठाने वाले स्वतंत्र पत्रकार और 'जागो उत्तराखंड' के संपादक आशुतोष नेगी को गिरफ़्तार करते हुए कहा है कि उसे उन जैसे तथाकथित एक्टिविस्ट की मंशा पर संदेह है. उनका एजेंडा न्याय मांगना नहीं समाज में अराजकता और कलह पैदा करना है.

(फोटो साभार: विकिमीडिया कॉमन्स)

उत्तराखंड पुलिस ने अंकिता भंडारी हत्या मामले में न्याय के लिए आवाज़ उठाने वाले स्वतंत्र पत्रकार और ‘जागो उत्तराखंड’ के संपादक आशुतोष नेगी को गिरफ़्तार करते हुए कहा है कि उसे उन जैसे तथाकथित एक्टिविस्ट की मंशा पर संदेह है. उनका एजेंडा न्याय मांगना नहीं समाज में अराजकता और कलह पैदा करना है.

(फोटो साभार: विकिमीडिया कॉमन्स)

नई दिल्ली: उत्तराखंड पुलिस ने मंगलवार को स्वतंत्र पत्रकार और ‘जागो उत्तराखंड’ के संपादक आशुतोष नेगी को एक पौढ़ी गढ़वाल निवासी की शिकायत के आधार पर गिरफ्तार कर लिया. कांग्रेस ने इसकी आलोचना करते हुए इसे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार द्वारा आम आदमी की आवाज को दबाने का प्रयास बताया.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, अंकिता भंडारी को ‘न्याय’ के लिए अक्सर आवाज उठाने वाले पत्रकार नेगी के खिलाफ एफआईआर में एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम की धाराएं शामिल हैं. मामले की जांच कोटद्वार सीओ को सौंपी गई है.

उत्तराखंड के डीजीपी अभिनव कुमार ने बुधवार को एक बयान में कहा, ‘आशुतोष नेगी जैसे तथाकथित सामाजिक कार्यकर्ताओं की मंशा पर संदेह है. उनका एजेंडा हमारी बेटी के लिए न्याय मांगने से मेल नहीं खाता, बल्कि उनका मकसद समाज में अराजकता और कलह पैदा करना है. हम नेगी की गतिविधियों की भी जांच कर रहे हैं, जो एक साजिश का हिस्सा प्रतीत होती हैं और अगर हमें कोई सबूत मिलता है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी.’

बता दें कि 19 वर्षीय अंकिता भंडारी पौड़ी गढ़वाल के एक रिजॉर्ट में काम करती थीं और 18 सितंबर 2022 में उनकी इसलिए हत्या कर दी गई थी, क्योंकि कथित तौर पर उन्होंने किसी वीआईपी मेहमान को ‘विशेष सेवाएं’ (सेक्स वर्क के लिए इस्तेमाल होने वाला शब्द) देने से इनकार कर दिया था.

रिसॉर्ट के मालिक और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के निष्कासित नेता विनोद आर्य के बेटे पुलकित आर्य और उनके स्टाफ सदस्यों- सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को अंकिता की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. अंकिता की हत्या के छह दिन बाद उसका शव एक नहर से बरामद किया गया था.

इसी बीच, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा, ‘सरकार और पुलिस के दम पर भाजपा अपनी पार्टी के नेताओं के अपराधों पर पर्दा डालने का काम कर रही है. उत्तराखंड की बेटी अंकिता भंडारी की हत्या में भाजपा नेता के बेटे की संलिप्तता जगजाहिर है. लेकिन उन्हें सज़ा मिलने की बजाय पीड़िता की आवाज़ उठाने वालों को सज़ा मिल रही है.’

उन्होंने कहा, ‘जब पत्रकार आशुतोष नेगी ने उन्हें लगातार मिल रही धमकियों के बारे में शिकायत की, तो पुलिस ने उन्हें सुरक्षा प्रदान करने के बजाय उन्हें गिरफ्तार कर लिया. यह भाजपा की असली प्रकृति को दर्शाता है.’

उधर, कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए भाजपा के राज्य मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने दोहराया कि गिरफ्तारी का हत्या के मामले से कोई संबंध नहीं है और कहा कि लोगों ने मामले का राजनीतिकरण करने के कांग्रेस के कथित प्रयासों को पहले ही खारिज कर दिया है. जांच एजेंसियों ने ‘निष्पक्ष’ तरीके से काम किया है.