नई दिल्ली: मुंबई के कांदिवली में ठाकुर कॉलेज ऑफ साइंस एंड कॉमर्स में आयोजित एक कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता पीयूष गोयल के बेटे ध्रुव गोयल शुक्रवार (22 मार्च) को पहली बार के मतदाताओं को संबोधित करने के लिए पहुंचे थे, लेकिन मतदान जागरुकता पर आयोजित यह कार्यक्रम तब विवादों में घिर गया जब छात्रों ने आरोप लगाया कि कॉलेज अधिकारियों ने उन पर कार्यक्रम में शामिल होने के लिए जबरन दबाव बनाया था.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, छात्रों का कार्यक्रम में बैठना सुनिश्चित करने के लिए कॉलेज अधिकारियों ने कथित तौर पर उनके आईडी कार्ड जब्त कर लिए. इसके चलते सोशल मीडिया पर राजनीतिक बहस छिड़ गई.
कार्यक्रम के एक वायरल वीडियो में एक छात्र को गोयल से यह स्पष्टीकरण मांगते हुए देखा जा सकता है कि परीक्षाओं के समय में उन्हें कार्यक्रम में भाग लेने के लिए क्यों मजबूर किया गया?
छात्र गोयल से पूछते हैं, ‘क्या ठाकुर कॉलेज प्रशासन की यह प्रणाली पर्याप्त लोकतांत्रिक है कि छात्रों की आईडी जब्त कर ली जाए और उन्हें अनिवार्य रूप से यहां आने के लिए बाध्य किया जाए?’
छात्र के यह सवाल करते ही उपस्थित सभी छात्र चिल्लाकर उसका उत्साहवर्धन करने लगे. कार्यक्रम की एक वीडियो क्लिप में कॉलेज की प्रधानाध्यापक डॉ. चैताली चक्रवर्ती मंच पर ध्रुव गोयल का स्वागत करते हुए परीक्षाओं के बारे में जिक्र करती भी नजर आ रही हैं.
देशात लोकशाहीचा गळा घोटू पाहणाऱ्या भाजपचा बुरखा ठाकूर कॉलेजच्या विद्यार्थ्यांनी टराटरा फाडला. विद्यार्थ्यांची ओळखपत्रे जप्त करुन परीक्षेच्या आदल्या दिवशी त्यांना हजेरीची सक्ती करणाऱ्या या पक्षाच्या हाती देशाचे भवितव्य कसे सुरक्षित असेल? pic.twitter.com/QvMU6TblNb
— ShivSena – शिवसेना Uddhav Balasaheb Thackeray (@ShivSenaUBT_) March 23, 2024
कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में ध्रुव गोयल ने कहा, ‘मैं यहां आपको यह बताने के लिए नहीं आया हूं कि किसे वोट देना है. जाहिर तौर पर मेरे मन में पक्षपात होगा. आपका पहला वोट वास्तव में सच्चे दिल से आपका होना चाहिए. अपने माता-पिता, भाई-बहन या किसी अन्य को आप पर प्रभाव न डालने दें.’
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, द्वितीय वर्ष के छात्रों की अंतिम परीक्षा शनिवार को थी और आयोजन शुक्रवार को उनकी उस दिन की परीक्षा के बाद सुबह 10:30 बजे के करीब रखा गया था.
शनिवार शाम को भाजपा प्रतिनिधियों द्वारा शेयर किए गए उसी आयोजन के एक अन्य वीडियो में ध्रुव गोयल छात्र को धन्यवाद कहते हैं और अपनी बात रखने का साहस दिखाने के लिए छात्र को बधाई देते हैं.
उन्होंने कहा कि उन्हें इसके बारे में जानकारी नहीं थी और वह ऐसी घटना दोबारा न हो, इसके लिए (कॉलेज) प्रशासन से बात करेंगे. उन्होंने इसके लिए छात्रों से माफी भी मांगी.
यह वीडियो कॉलेज प्रशासन ने भी अपने सोशल मीडिया पर डाला है और साथ में अपना पक्ष रखते हुए एक बयान जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि प्रियंका चतुर्वेदी द्वारा राजनीतिक मकसदों से ‘एक छेड़छाड़ किया हुआ वीडियो’ फैलाया जा रहा है.
कॉलेज के बयान में आगे कहा गया है, ‘इसने एक अवांछित विवाद को जन्म दे दिया है, जिससे कार्यक्रम की सफलता दब गई है, जिसे सभी ने सराहा था. छात्रों का ध्रुव गोयल के साथ सकारात्मक संवाद हुआ था, और यह अफसोसजनक है कि चतुर्वेदी की हरकत ने हमारे कॉलेज के माहौल में अनावश्यक कलह पैदा किया है और अनुचित तरीके से हमारे छात्रों को उस विवाद में शामिल कर रही हैं जो होना ही नहीं चाहिए था.’
Important Press Release Date 23/03/2024 pic.twitter.com/6XJa08hIGA
— Thakur College of Science & Commerce (@tcscmumbai) March 23, 2024
हालांकि, टाइम्स ऑफ इंडिया को एक छात्र ने बताया कि शुक्रवार को दो सत्र थे. द्वितीय वर्ष के छात्रों को सुबह 10.30 बजे वाले सत्र में शामिल होने के लिए कहा गया था और अगला सत्र दोपहर 1 बजे तृतीय वर्ष के छात्रों के लिए था. हालांकि, दूसरा सत्र सही से संपन्न हो गया, लेकिन पहले सत्र में एक छात्र ने यह मुद्दा उठा दिया.
छात्र ने कहा, ‘परीक्षा के दौरान हमारी आईडी ले ली गईं थीं और हमसे सत्र में शामिल होने के लिए कहा गया. परीक्षा के बाद, छठी मंजिल से बाहर जाने का रास्ता, जो सीढ़ियों से नीचे की तरफ जाता है, बंद कर दिया गया था और जो रास्ता सीढ़ियों से ऊपर सातवीं मंजिल पर ऑडिटोरियम की ओर जाता है, जहां कार्यक्रम था, उसी को खुला रखा गया था.’
इस बीच, शिवसेना (यूबीटी) के नेता आदित्य ठाकरे, प्रियंका चतुर्वेदी, कांग्रेस नेता वर्षा गायकवाड़ और राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) नेता जितेंद्र अव्हाड ने भाजपा और कॉलेज प्रबंधन की आलोचना की है. गायकवाड़ ने तो चुनाव आयोग से इस पर कार्रवाई करने के लिए भी कहा है.
लोकसभा चुनाव से पहले मुंबई के कई कॉलेज केंद्र द्वारा शुरू किए गए अभियान ‘मेरा पहला वोट देश के लिए’ के तहत खासकर पहली बार मतदाताओं के बीच चुनावी प्रक्रिया के बारे में जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं.
हालांकि छात्रों के अनुसार, परीक्षाओं के समय यह आयोजन करना ठीक नहीं है.