महाराष्ट्र: सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की सफाई के दौरान दम घुटने से चार लोगों की मौत

घटना महाराष्ट्र के विरार की है. एक 25-30 फीट गहरे सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में 4 मज़दूर सफाई के लिए उतरे थे, लेकिन इस दौरान दम घुटने से उनकी मौत हो गई. प्रारंभिक जांच में पता चला है कि कर्मचारियों को मास्क समेत किसी भी प्रकार के सुरक्षा उपकरण उपलब्ध नहीं कराए गए थे.

(प्रतीकात्मक फोटो: pixabay)

नई दिल्ली: महाराष्ट्र के विरार में एक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के अंदर सफाई कार्य करते समय दम घुटने से चार मजदूरों की मौत हो गई.

एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, पीड़ितों की पहचान 28 वर्षीय शुभम पाराकर, 27 वर्षीय अमोल घाटाले, 24 वर्षीय निखिल घाटाले और 29 वर्षीय सागर तेंदुलकर के रूप में की गई है.

अर्नाला पुलिस थाने के अधिकारियों के अनुसार, चारों मजदूर सफाई के लिए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की गहराई में उतरे थे, जो लगभग 25-30 फीट गहरा था. दुर्भाग्यवश, सफाई प्रक्रिया के दौरान दम घुटने से उनकी मृत्यु हो गई.

घटना की जानकारी होने पर स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस और फायर ब्रिगेड को सूचित किया. मजदूरों को बचाने के लिए अग्निशमन दल तुरंत ही घटनास्थल पर पहुंचे.

हालांकि, जब तक उन्हें सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से निकाला गया, तब तक बहुत देर हो चुकी थी. उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां उपस्थित डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

अर्नाला पुलिस ने आकस्मिक मौत के तहत मामला दर्ज किया है और घटना के सटीक कारण का पता लगाने के लिए मामले की आगे की जांच शुरू कर दी है.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, दो अन्य कर्मचारी जो उन्हें ढूंढने के लिए प्लांट के पास गए थे, उन्होंने बेचैनी की शिकायत की थी और उन्हें अस्पताल में इलाज की जरूरत पड़ी.

काम कराने वाली एजेंसी के सुपरवाइजर महादेव कुपाटे को लापरवाही के चलते हुईं मौतों के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है. प्रारंभिक जांच से पता चला है कि कर्मचारी मास्क समेत किसी भी सुरक्षा उपकरण के बिना संयंत्र में दाखिल हुए थे.

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट बताती है कि पुलिस के अनुसार, निजी एजेंसी प्लॉयकॉम को विरार पश्चिम की ग्लोबल सिटी में संदीपनी परियोजना के तहत 142 इमारतों के लिए सीवेज प्लांट के रखरखाव का ठेका दिया गया था.

अर्नाला पुलिस थाने के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक विजय पाटिल ने कहा, ‘सीवेज प्लांट में रसायनों के कारण दम घुटने से लोगों की मौत हो गई होगी.’

पाटिल ने कहा, ‘हम आगे की जांच कर रहे हैं कि क्या ठेकेदार ने सभी आवश्यक प्रोटोकॉल का पालन किया था.’

पीड़ितों में से एक के पिता ने आरोप लगाया कि उनके इलेक्ट्रीशियन बेटे की मौत दम घुटने से नहीं बल्कि करंट लगने से हुई है और उन्होंने घटना की निष्पक्ष जांच की मांग की. मृतक सागर तेंदुलकर के पिता सुनील तेंदुलकर ने बताया कि चारों मृतक दोस्त थे और वे विरार पूर्व के भावखालपाड़ा और डोंगरपाड़ा में रहते थे. उन्होंने कहा, ‘मेरा बेटा इलेक्ट्रीशियन था. उसने नवंबर में अपनी नौकरी छोड़ दी थी, लेकिन अपने दोस्तों का फोन आने पर वह मंगलवार को साइट पर गया था.’

उन्होंने आगे कहा कि, सागर को बताया गया कि साइट पर बिजली की समस्या है लेकिन आसपास कोई इलेक्ट्रीशियन नहीं था. वह अपने दोस्तों की मदद करने के लिए तुरंत घर से निकला लेकिन वापस नहीं लौटा.

सुनील तेंदुलकर ने कहा, ‘वे कह रहे हैं कि उसकी दम घुटने से मौत हो गई. लेकिन उसके शरीर पर निशान स्पष्ट रूप से संकेत देते हैं कि उसे बिजली का झटका लगा था.’

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