भारतीय निर्वाचन आयोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किए जाने संबंधी शिकायतों पर भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को नोटिस जारी कर पार्टी से जवाब मांगा है. द हिंदू के मुताबिक, आयोग ने भाजपा से 29 अप्रैल तक जवाब देने के लिए कहा है. बता दें कि भाजपा द्वारा राहुल गांधी के खिलाफ की गई शिकायतों पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को भी इसी तरह का नोटिस जारी किया गया है. चुनाव आयोग की ओर से दोनों पार्टी अध्यक्षों को लिखे पत्रों में सीधे तौर पर मोदी, गांधी या खड़गे का नाम नहीं था, लेकिन आयोग को प्राप्त अभ्यावेदन के साथ संबंधित पत्र संलग्न थे जिनमें तीनों नेताओं के खिलाफ आरोपों का विवरण था. आयोग ने जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 77 को लागू किया है और स्टार प्रचारकों पर लगाम लगाने के लिए पहले कदम के रूप में पार्टी अध्यक्षों को जिम्मेदार ठहराया है. बता दें कि आयोग ने 23 अप्रैल को कहा था कि वह राजस्थान की एक रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए उस भाषण के खिलाफ की गई शिकायत की जांच करेगा, जिसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस अगर सरकार में आती है तो लोगों की संपत्ति, जमीन और सोना मुसलमानों के बीच बांट देगी. दूसरी ओर, भाजपा ने भी आयोग को लिखा था कि राहुल गांधी ने तमिलनाडु के कोयंबटूर में एक भाषण के दौरान मोदी के खिलाफ दुर्भावनापूर्ण और बेहद भयावह आरोप लगाए थे. भाजपा ने खरगे पर भी आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए कहा था कि खरगे ने दावा किया था कि उन्हें एससी और एसटी के खिलाफ भेदभाव के कारण राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में आमंत्रित नहीं किया गया था.
बिहार के यूट्यूबर मनीष कश्यप, जिन्हें पिछले साल तमिलनाडु में बिहार के प्रवासियों को प्रताड़ित किए जाने के फर्जी वीडियो प्रसारित करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, गुरुवार को भाजपा में शामिल हो गए. अभी वह जमानत पर बाहर हैं. यूट्बूर मनीष कश्यप उर्फ त्रिपुरारी कुमार तिवारी स्वयं को पत्रकार बताते हैं और ‘सच तक न्यूज’ नाम से एक यूट्यूब चैनल चलाते हैं. बीते साल मार्च के पहले सप्ताह में उन्होंने फर्जी खबरों के वीडियो बनाए और अपलोड किए थे, जिनमें दिखाया गया था कि बिहार के प्रवासी श्रमिकों पर तमिलनाडु में हमला किया जा रहा है. पत्रकारिता के नाम पर फैलाए गए मनीष के झूठ और अफवाहों के असर ने देश भर में ‘बिहारी बनाम तमिल’ और ‘हिंदी बनाम तमिल’ की बहस खड़ी कर दी थी. जिसके बाद मनीष के खिलाफ बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओडब्ल्यू) ने दस दिनों के भीतर तीन मामले दर्ज किए थे. उन पर आरोप हैं कि उन्होंने तमिलनाडु में बिहार के प्रवासी मज़दूरों पर हमलों से संबंधित गलत सूचनाएं प्रसारित कीं; फर्जी वीडियो चलाए और इतना ही नहीं, बिहार पुलिस द्वारा अपनी गिरफ़्तारी की झूठी बात भी सोशल मीडिया के माध्यम से फैलाई. उनके द्वारा सोशल मीडिया पर ऐसे स्क्रिप्टेड वीडियो शेयर किए गए थे, जिन्हें बिहार में ही एक कमरे में दो लोगों की झूठी मरहम-पट्टी करके शूट किया गया था और दावा किया गया था कि वे तमिलनाडु में हमला झेलने वाले बिहारी मज़दूर हैं जो एक कमरे में छिपे बैठे हैं और बिहार लौटने की इच्छा रखते हैं. इसके अतिरिक्त, मनीष पर और भी कई आपराधिक मुकदमे रहे, जिनमें हत्या के प्रयास और दंगे भड़काने जैसी गंभीर धाराएं शामिल हैं. वहीं, पुलिस ने अदालत में मनीष को ‘आदतन अपराधी’ भी बताया था, जो पुलिस पर कई बार हमला कर चुका है और सांप्रदायिक गतिविधियों में संलिप्तता के चलते जेल भी जा चुका है.
भारतीय माइक्रोब्लॉगिंग ऐप कू, जिसे एक्स (पूर्व में ट्विटर) के विकल्प के रूप में देखा जाता है, ने वित्तीय बाधाओं का हवाला देते हुए अपने सभी कर्मचारियों को वेतन का भुगतान रोक दिया है. कंपनी ने आईएनसी42 को यह जानकारी दी. यह ऐप 2020 में तब सुर्खियों में आया था जब भारत सरकार एक्स के साथ विवाद में घिर गई थी, जिसके बाद कई केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता रातों-रात कू पर चले गए थे. कू के एक प्रवक्ता ने कहा कि हम कू के लिए रणनीतिक साझेदारों के साथ बातचीत कर रहे हैं. इसमें अपेक्षा से अधिक समय लग रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक, कर्मचारियों को इस महीने की शुरुआत में जूम कॉल पर बदलावों की जानकारी दी गई थी. कू के एक कर्मचारी ने आरोप लगाया है कि उनके प्रबंधकों और एचआर अधिकारियों ने घोषणा के बाद से उनके सवालों का जवाब देना बंद कर दिया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपनी ने जून 2022 से अपने कर्मचारियों की संख्या में 80% की कटौती की है और कई कर्मचारियों के वेतन में 40% तक की कटौती की गई है.
सीबीआई ने पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में वहां के पांच प्रभावशाली लोगों के खिलाफ जमीन हड़पने और यौन उत्पीड़न के आरोप से जुड़ा पहला मामला दर्ज किया है. अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि मामला भूमि विवाद से जुड़ा है जहां पीड़ित परिवार की महिलाओं को इलाके के प्रभावशाली लोगों द्वारा कथित तौर पर यौन उत्पीड़न का सामना करना पड़ा था. द टेलीग्राफ के मुताबिक, सीबीआई ने अभी तक पांचों आरोपियों और पीड़ितों की पहचान उजागर नहीं की है. बता दें कि कलकत्ता हाईकोर्ट ने 10 अप्रैल को पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में महिलाओं के खिलाफ अपराध और जमीन हड़पने के आरोपों की अदालत की निगरानी में सीबीआई जांच का आदेश दिया था और कहा था कि न्याय और निष्पक्षता के हित में निष्पक्ष जांच की आवश्यकता है. सीबीआई ने ऐसे मामलों में शिकायत करने के लिए लोगों के लिए एक ईमेल आईडी जारी की थी, जिस पर बड़ी संख्या में शिकायतें प्राप्त हुई थीं.
झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) ने गुरुवार (25 अप्रैल) को घोषणा की कि जेल में बंद पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन गांडेय विधानसभा सीट से उपचुनाव लड़ेंगी. गिरिडीह जिले की सीट जेएमएम विधायक सरफराज अहमद के इस्तीफे के बाद खाली हुई है. गांडेय विधानसभा सीट पर उपचुनाव राज्य में संसदीय चुनाव के साथ 20 मई को होना है. एमटेक और एमबीए योग्यता रखने वाली कल्पना ने अपनी स्कूली शिक्षा ओडिशा के मयूरभंज जिले के बारीपदा से पूरी की और भुवनेश्वर में अलग-अलग संस्थानों से इंजीनियरिंग और एमबीए की डिग्री प्राप्त की है. उनके पति हेमंत सोरेन को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 31 जनवरी को कथित भूमि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था.