नई दिल्ली: तृणमूल कांग्रेस नेता महुआ मोइत्रा के पूर्व साथी वकील जय अनंत देहाद्राई ने दिल्ली उच्च न्यायालय में उनके खिलाफ दायर मानहानि का मुकदमा वापस ले लिया है. इससे पहले देहाद्राई ने मोइत्रा पर सोशल मीडिया के साथ-साथ प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में उनके खिलाफ अपमानजनक बयान देने का आरोप लगाया था.
लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, वकील राघव अवस्थी देहाद्राई की ओर से पेश हुए और अदालत से मामला वापस लेने की अनुमति मांगी.
इस पर जस्टिस प्रतीक जालान ने कहा कि मुकदमा वापस लिया गया मानकर खारिज किया जाता है.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, महुआ के खिलाफ मुकदमा वापस लेने की कार्रवाई देहाद्राई द्वारा पीठ के समक्ष आश्वासन देने के एक दिन बाद हुई है कि वह 12 अगस्त तक बीजू जनता दल (बीजेडी) के सांसद पिनाकी मिश्रा के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपराधिक साजिश रचने में शामिल होने का कोई आरोप नहीं लगाएंगे.
मालूम हो कि पिछले साल देहाद्राई ने आरोप लगाया था कि मोइत्रा ने संसद में सवाल उठाने के लिए व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी से रिश्वत ली थी. उन्होंने अपने आरोप भाजपा सांसद निशिकांत दुबे तक पहुंचाए और इस मामले पर राजनीतिक हंगामा मच गया.
मोइत्रा ने आरोपों से इनकार किया है लेकिन लोकसभा एथिक्स कमेटी की सिफारिश के बाद उन्हें संसद से निष्कासित कर दिया गया. विपक्षी दल मोइत्रा के समर्थन में खड़े हो गए हैं और कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विवादास्पद व्यवसायी गौतम अडानी के बीच संबंधों के बारे में संसद में भाजपा से पूछे गए असहज सवालों के कारण उन्हें निष्कासित कर दिया गया था.
मोइत्रा इस साल फिर से कृष्णानगर लोकसभा क्षेत्र से टीएमसी उम्मीदवार हैं.