नई दिल्ली: शुक्रवार (31 मई) की सुबह हासन के सांसद और जनता दल (सेकुलर) के नेता प्रज्वल रेवन्ना जर्मनी के म्यूनिख से बेंगलुरु एयरपोर्ट पहुंचे और उन्हें कर्नाटक पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.
प्रज्वल 26 अप्रैल को अपने राजनयिक पासपोर्ट का इस्तेमाल करके देश से भाग गए थे, उसके तुरंत बाद उनके द्वारा महिलाओं के साथ यौन दुर्व्यवहार करने के हजारों वीडियो सार्वजनिक हो गए थे.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, कर्नाटक पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआईटी), बेंगलुरु पुलिस और आव्रजन अधिकारियों ने इंटरपोल से यह जानने के बाद कि प्रज्वल किस फ्लाइट से वापस आ रहे हैं, गिरफ्तारी की योजना बनाई थी.
द न्यूज मिनट की रिपोर्ट के अनुसार, गिरफ्तारी के बाद प्रज्वल को पैलेस रोड पर कार्लटन हाउस में सीआईडी मुख्यालय ले जाया गया. बताया गया है कि एसआईटी ने एक महत्वपूर्ण सांकेतिक कदम उठाते हुए रेवन्ना को हिरासत में लेने के लिए सिर्फ महिला पुलिसकर्मियों को भेजा था.
द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रज्वल की गिरफ्तारी और उसके बाद पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई के बारे में बोलते हुए राज्य के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने कहा, ‘प्रज्वल रेवन्ना जर्मनी के म्यूनिख से रात करीब 12.40 से 12.50 बजे के बीच यहां पहुंचे, क्योंकि उनके खिलाफ गिरफ्तारी वॉरंट था, एसआईटी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया और हिरासत में ले लिया. वे आगे की कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करेंगे.’
म्यूनिख से बेंगलुरु पहुंचने से पहले हासन के सांसद ने गिरफ्तारी से बचने का आखिरी प्रयास किया था और जमानत के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया था.
प्रज्वल की निर्धारित वापसी से एक दिन पहले विदेश मंत्रालय ने घोषणा की थी कि वह उनके राजनयिक पासपोर्ट को रद्द करने की प्रक्रिया के तहत जारी किए गए नोटिस पर उनके जवाब का इंतजार कर रहा है.
देश से भागने के एक महीने बाद 27 मई को प्रज्वल ने एक वीडियो जारी कर कहा था कि वह 31 मई को एसआईटी के सामने पेश होगा और जांच में पूरा सहयोग करेगा. उसने यह भी दावा किया कि उसकी यात्रा ‘पूर्व नियोजित’ थी और आरोपों से उसका कोई लेना-देना नहीं था.
बीते 18 मई को एक विशेष अदालत ने प्रज्वल के खिलाफ गिरफ्तारी वॉरंट जारी किया था. कथित यौन शोषण से संबंधित मामलों में उसके खिलाफ अब तक तीन एफआईआर दर्ज की गई हैं.
पिछले महीने कई वीडियो सामने आए थे, जिसमें जेडी (एस) नेता द्वारा जबरदस्ती और बिना सहमति के यौन गतिविधियां करने के कई क्लिप दिखाई दे रहे थे. अधिकांश वीडियो में ऐसा लग रहा था कि उसने महिलाओं को किसी तरह के दबाव में और उनकी सहमति के बिना रिकॉर्ड किया था. इन मामलों की जांच के लिए सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली सरकार ने 27 अप्रैल को एक एसआईटी का गठन किया था, उसी दिन उसके जर्मनी जाने की बात कही गई थी.
बीते 22 मई को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर प्रज्वल का राजनयिक पासपोर्ट रद्द करने का अनुरोध किया था. इसके पहले कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने 1 मई को मोदी को पत्र लिखकर उनसे गृह और विदेश मंत्रालय को हासन के सांसद का राजनयिक पासपोर्ट रद्द करने का निर्देश देने को कहा था.
प्रज्वल के पिता एचडी रेवन्ना को 4 मई को अपहरण के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन फिलहाल वे जमानत पर बाहर हैं. उन पर एक अन्य महिला ने यौन उत्पीड़न का भी आरोप लगाया है.
कई रिपोर्टों से पता चला है कि जेडीएस और उसकी सहयोगी भाजपा को हासन सीट से दोबारा नामांकन से पहले ही प्रज्वल के खिलाफ आरोपों की जानकारी थी.