मणिपुर: इंफाल में सरकारी अधिकारी के आवास पर गोलीबारी, केस दर्ज

पुलिस ने बताया कि अज्ञात हमलावरों ने 24 जुलाई रात को मणिपुर उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण (सीएएफ और पीडी) के निदेशक के आवास पर गोलीबारी की. इससे पहले राज्य में हुई हिंसा के दौरान मुख्यमंत्री समेत कई नेताओं के घरों पर हमले की घटनाएं हुई हैं.

(प्रतीकात्मक फोटो: X/@manipur_police)

नई दिल्ली: पुलिस ने गुरुवार को बताया कि अज्ञात हमलावरों ने मणिपुर उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण (सीएएफ और पीडी) के निदेशक के आवास पर गोलीबारी की. उन्होंने बताया कि इस घटना में कोई घायल नहीं हुआ.

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, यह घटना बुधवार (24 जुलाई) रात करीब 10.30 बजे इंफाल पश्चिम के सिंगजामेई पुलिस स्टेशन के अधिकार क्षेत्र में हुई.

सीएएफ और पीडी के निदेशक रॉबर्टसन असीम ने अखबार को बताया कि उनको किसी व्यक्ति या संगठन की ओर से कोई दुश्मनी या चेतावनी नहीं है. उन्होंने कहा, ‘मैं अभी भी समझ नहीं सका हूं कि हमला क्यों किया गया और कौन कर रहा है.’

पुलिस ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज में दिख रहा है कि पिशुम निंगोम लीराक के पूर्वी हिस्से से दो लोग आए और निदेशक के आवास पर करीब 4-5 राउंड गोलियां चलाईं. घटना के बाद दोनों तेजी से भाग निकले.

पुलिस ने बताया कि आवास के बाहर खड़ी एक सफेद ऑल्टो कार हमले में क्षतिग्रस्त हो गई और उस पर 4-5 गोलियों के निशान हैं.

पुलिस ने बताया कि सिंगजामेई थाने में मामला दर्ज कर लिया गया है और आगे की जांच शुरू कर दी गई है.

मालूम हो कि 28 सितंबर 2023 को मणिपुर की इंफाल घाटी में सुरक्षा व्यवस्था और कर्फ्यू के बीच भीड़ ने मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के खाली पड़े पैतृक आवास पर हमला करने की कोशिश की थी. इससे पहले 27 सितंबर की रात में थौबल स्थित भाजपा कार्यालय में आग लगा दी गई और पार्टी की राज्य अध्यक्ष शारदा देवी के आवास पर हमला हुआ था.

इससे पहले राज्य में हिंसा के दौरान 15 जून 2023 को केंद्रीय मंत्री राजकुमार रंजन सिंह के राजधानी इंफाल स्थित घर को भी 1,000 से अधिक लोगों की भीड़ ने जला दिया था. घटना के समय मंत्री घर में नहीं थे. इसी समय 14 जून 2023 को मणिपुर की एकमात्र महिला मंत्री नेमचा किपगेन के आधिकारिक आवास को हमलावरों ने जला दिया था. घटना के समय वे घर पर नहीं थीं. उनका आधिकारिक आवास इंफाल पश्चिम जिले के लाम्फेल इलाके में स्थित है.

उद्योग मंत्री किपगेन पिछले साल के विधानसभा चुनाव में आदिवासी बहुल कांगपोकपी विधानसभा सीट से चुनी गई थीं और मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के नेतृत्व वाले 12 सदस्यीय मंत्रालय में वह एकमात्र महिला मंत्री हैं. वह उन 10 कुकी विधायकों में से एक हैं, जिन्होंने अलग प्रशासन की मांग उठाई थी, जो भाजपा से संबद्ध हैं.

ज्ञात हो कि पिछले साल 3 मई को राज्य में जातीय हिंसा भड़कने के बाद से 200 से अधिक लोगों की जान चली गई है. यह हिंसा तब भड़की थी, जब बहुसंख्यक मेईतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) दर्जे की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ आयोजित किया गया था.

मणिपुर की आबादी में मेईतेई लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं, जबकि आदिवासी, जिनमें नगा और कुकी समुदाय शामिल हैं, 40 प्रतिशत हैं और ज्यादातर पहाड़ी जिलों में रहते हैं.