नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के बिजनौर के पास रविवार (25 अगस्त) की सुबह चक्रजमल इलाके के नजदीक धनबाद जाने वाली गंगा सतलज एक्सप्रेस ट्रेन के कम से कम 10 डिब्बे अलग हो गए. इस घटना में कोई यात्री हताहत नहीं हुआ.
द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक धर्म सिंह मार्शल ने संवाददाताओं को बताया, ‘धनबाद जाने वाली ट्रेन के कुछ डिब्बे सुबह करीब 4 बजे कुछ तकनीकी समस्या के कारण इंजन और अन्य बोगियों से अलग हो गए.’
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, यह घटना तब हुई जब दो स्लीपर कोचों के बीच कपलिंग टूट गई. उन्होंने बताया कि फिरोजपुर-धनबाद ट्रेन के कपलिंग को ठीक कर दिया गया और ट्रेन अपने गंतव्य के लिए रवाना हो गई.
बताया गया है कि इसी दिन होने वाली उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा के 200 से अधिक अभ्यर्थी ट्रेन में यात्रा कर रहे थे और स्थानीय पुलिस और रेलवे प्रशासन ने उन्हें तीन बसों के माध्यम से परीक्षा केंद्रों तक पहुंचाने की व्यवस्था की.
मालूम हो कि पिछले कुछ समय से ट्रेन हादसों की कई घटनाएं सामने आई हैं.
बीते 17 अगस्त को उत्तर प्रदेश के कानपुर के पास वाराणसी से अहमदाबाद जा रही साबरमती एक्सप्रेस पैसेंजर ट्रेन (19168) पटरी से उतर गई थी. बताया गया था कि ऐसा तब हुआ जब इसका इंजन पटरी पर किसी चीज से टकराया.
इससे पहले बीते 12 अगस्त को मध्य प्रदेश के इटारसी स्टेशन पर रानी कमलापति-सहरसा स्पेशल पैसेंजर ट्रेन के दो डिब्बे पटरी से उतर गए थे.
इससे पहले 11 अगस्त को उत्तर प्रदेश के सोनभद्र के शक्तिनगर इलाके में एक मालगाड़ी के दो डिब्बे और उसका इंजन पटरी से उतर गए. ट्रेन खड़िया स्थित नॉर्दर्न कोलफील्ड लिमिटेड (एनसीएल) से कोयला लेकर अनपरा पावर प्लांट जा रही थी.
इससे पहले 9 अगस्त को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के पास एक कोयला साइडिंग में एक मालगाड़ी के दो खाली डिब्बे पटरी से उतर गए थे. पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के कुमेदपुर स्टेशन के पास एक भरी हुई मालगाड़ी के पांच डिब्बे पटरी से उतर गए. बिहार के कटिहार जिले के कुमेदपुर पुल के पास एक मालगाड़ी के पांच टैंक डिब्बे पटरी से उतर गए थे.
4 अगस्त को सहारनपुर रेलवे स्टेशन से वॉशिंग शेड ले जाए जा रहे एक खाली लोकल ट्रेन के तीन डिब्बे पटरी से उतर गए. 30 जुलाई को झारखंड के चक्रधरपुर के पास हावड़ा-सीएसएमटी एक्सप्रेस के कई डिब्बे पटरी से उतर जाने से दो लोगों की मौत हो गई. छह यात्री घायल हो गए थे, जिनमें से पांच को मामूली चोटें आईं और एक को अस्पताल में भर्ती कराया गया.
उसी दिन ओडिशा के संबलपुर डिवीजन में एक यार्ड में खाली मालगाड़ी की एक ट्रॉली पटरी से उतर गई.
ट्रेन के पटरी से उतरने का सिलसिला जुलाई महीने में भी देखा गया था, जहां 18 जुलाई को उत्तर प्रदेश के गोंडा में डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस के कई डिब्बे पटरी से उतर जाने से कम से कम चार लोगों की मौत हो गई और लगभग 20 लोग घायल हो गए.
इसके बाद 20 जुलाई और रविवार 21 जुलाई को तीन राज्यों- उत्तर प्रदेश, राजस्थान और पश्चिम बंगाल में मालगाड़ियों के पटरी से उतरने के कारण रेल यातायात बाधित रहा था. उत्तर प्रदेश में गोंडा से गाजियाबाद तक जा रही एक मालगाड़ी अमरोहा रेलवे स्टेशन के पास पटरी से उतर गई, जिससे लखनऊ-दिल्ली रेलवे ट्रैक पर रेल यातायात प्रभावित हुआ. इस घटना में किसी के हताहत नहीं हुआ, लेकिन इस घटना के कारण 28 पैसेंजर ट्रेनों का मार्ग बदलना पड़ा और छह ट्रेनों को रद्द करना पड़ा.
इसी दौरान 21 जुलाई तड़के 2.30 बजे राजस्थान के अलवर में एक मालगाड़ी के तीन डिब्बे पटरी से उतर गए, जिससे अलवर-मथुरा रेल मार्ग प्रभावित हुआ. इस घटना में भी किसी यात्री या मालगाड़ी को नुकसान नहीं पहुंचा. इसी दिन पश्चिम बंगाल के नादिया जिले के राणाघाट रेलवे स्टेशन पर एक खाली मालगाड़ी पटरी से उतर गई थी.
उससे पहले पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में 17 जून को सियालदह जाने वाली कंचनजंघा एक्सप्रेस न्यू जलपाईगुड़ी के पास एक मालगाड़ी से टकरा गई थी. इस ट्रेन हादसे में लोको पायलट समेत 15 लोगों के मारे गए थे.