नई दिल्ली: मणिपुर में रविवार (1 सितंबर) को ड्रोन हमले में एक महिला समेत दो लोगों की मौत हो गई और कम से कम छह लोग घायल हो गए.
राज्य में जातीय हिंसा मई 2023 में शुरू हुई थी और तब से जारी है. इस दौरान सैकड़ों लोगों की जान गई, हजारों लोग विस्थापित हुए और राज्य में जातीय आधार पर विभाजन हुआ है. यह हमला द वायर द्वारा उन ऑडियो टेप को सार्वजनिक किए जाने के बाद हुआ है, जो मणिपुर हिंसा की जांच के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा गठित आयोग को सौंपे गए थे, जिन्हें सुनने के बाद ऐसा प्रतीत होता है कि मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह और उनका प्रशासन सीधे तौर पर हिंसा में शामिल है.
हालांकि, बीरेन सिंह सरकार ने दावा किया है कि टेप से ‘छेड़छाड़’ की गई है, लेकिन मुख्यमंत्री पर काफी दबाव है कि वे इस पर स्पष्टीकरण दें.
रिपोर्ट के अनुसार, मणिपुर पुलिस ने 1 सितंबर को देर रात एक बयान में कहा कि हमला ‘अभूतपूर्व’ था.
इसने कहा कि यह हमला इंफाल पश्चिम के कोत्रुक में हुआ. द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, रविवार को दोपहर मेईतेई बहुल इंफाल पश्चिम जिले के कोत्रुक और कडांगबंद गांवों में हमला हुआ, जो कुकी बहुल पहाड़ी जिले कांगपोकपी से सटा हुआ है.
पुलिस के बयान में दावा किया गया है, ‘कथित कुकी उग्रवादियों ने हाई-टेक ड्रोन का उपयोग करके कई आरपीजी (Rocket-propelled grenade) तैनात किए हैं, जबकि ड्रोन बमों का इस्तेमाल आम तौर पर सामान्य युद्धों में किया जाता रहा है, सुरक्षा बलों और नागरिकों के खिलाफ विस्फोटक तैनात करने के लिए ड्रोन की यह हालिया तैनाती हिंसा में महत्वपूर्ण वृद्धि को दर्शाती है.’
पुलिस ने विशेष रूप से हमले के लिए किसी भी कुकी संगठन को जिम्मेदार नहीं ठहराया है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, घायलों में दो पुलिसकर्मी और एक टेलीविजन रिपोर्टर शामिल हैं.
पुलिस के मुतबिक, एक 31 वर्षीय महिला नगांगबाम सुरबाला की हमले में गोली लगने से मौत हो गई, जबकि उसकी आठ वर्षीय बेटी घायल हो गई. पुलिस के मुताबिक, दो पुलिसकर्मी और तीन नागरिक घायल हुए हैं.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में अधिकारियों के हवाले से बताया गया है कि सुरबाला की उम्र 35 साल है और उसकी बेटी की उम्र 11 साल है.
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, मणिपुर गृह विभाग ने एक बयान में हमले की निंदा की और कहा कि यह घटना ‘निहत्थे ग्रामीणों को आतंकित करने की कार्रवाई’ है.
गृह विभाग ने कहा, ‘कुकी उग्रवादियों द्वारा ड्रोन, बम और कई अत्याधुनिक हथियारों का उपयोग करके निहत्थे कोत्रुक के ग्रामीणों पर हमला करने की दुर्भाग्यपूर्ण घटना… कथित तौर पर इसमें एक महिला सहित दो लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए. निहत्थे ग्रामीणों को आतंकित करने के ऐसे कृत्य को राज्य सरकार द्वारा बहुत गंभीरता से लिया जाता है, जबकि वह राज्य में सामान्य स्थिति और शांति लाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है.’
पिछले वर्ष 3 मई से मणिपुर में मेईतेई और कुकी समुदायों के बीच जारी जातीय संघर्ष में अब तक कम से कम 226 लोगों की जान जा चुकी है और लगभग 60,000 लोग बेघर हो गए हैं, जिनमें से अनेक अभी भी राहत शिविरों में रह रहे हैं.