नई दिल्ली: हरियाणा के फरीदाबाद में कथित गोरक्षकों की गोली का शिकार हुए 19 वर्षीय आर्यन मिश्रा के परिवार से मिलने के बाद गुरुवार (5 सितंबर) को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) (माकपा) की नेता बृंदा करात ने दावा किया कि पुलिस ने पीड़ित परिवार के सामने हत्या के आरोपी को ‘अच्छा इंसान’ बताया है.
द हिंदू की खबर के मुताबिक, बृंदा ने कहा, ‘ये हैरान करने वाली बात है कि परिवार ने हमारे प्रतिनिधिमंडल को बताया कि पुलिस आरोपियों को अच्छा इंसान बता रही है और कह रही है कि उन्होंने इस घटना को गलती से अंजाम दिया है.’
बृंदा ने आगे शासन-प्रशासन पर हमला बोलते हुए सवाल किया कि ये पुलिस द्वारा परिवार को किस तरह का संदेश दिया जा रहा है?
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि आरोपी हरियाणा सरकार द्वारा स्वीकृत गोरक्षकों की जिला समिति टीम का हिस्सा हैं. बृंदा ने कहा, ‘ये तथाकथित गोरक्षकों के एक गिरोह द्वारा निर्मम हत्या हरियाणा सरकार की मंजूरी और पुलिस की मिलीभगत का सीधा परिणाम है. और यही कारण है कि एक भी सरकारी अधिकारी या भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता ने शोक संतप्त परिवार से मिलने की जहमत नहीं उठाई.’
माकपा नेता ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर भीड़ का शासन हावी हो गया है. कोई 30 किलोमीटर तक किसी का पीछा करते हुए उसे गोली मारकर चला जाता है. वह भी वहां, जहां हर तरफ कैमरा लगा है. ऐसे में पुलिस क्या कर रही थी.
बृंदा ने बताया कि परिवार ने सरकार से न्याय, नौकरी और मुआवजे की मांग की है.
गौरतलब है कि बीते 23 अगस्त को हरियाणा के फरीदाबाद में 12वीं कक्षा के छात्र आर्यन को राज्य के गढ़पुरी के पास कथित गोरक्षक समूह के सदस्यों ने पीछा कर गोली मार दी थी. पुलिस ने इस मामले में पांच लोगों को गिरफ़्तार किया है.
यह घटना दिल्ली-आगरा हाईवे पर हुई थी, जहां आरोपियों ने पीड़ित लड़के की कार का करीब 30 किलोमीटर तक पीछा किया थी. गोरक्षक समूह के सदस्यों की पहचान अनिल कौशिक, वरुण, कृष्णा, आदेश और सौरभ के रूप में हुई है.
पुलिस सूत्रों ने दावा किया कि पीड़ित की हत्या के लिए इस्तेमाल किया गया हथियार भी अवैध था. सभी आरोपी पुलिस की हिरासत में हैं और मामले की आगे की जांच चल रही है.
मालूम हो कि इससे पहले सामने आया था कि 27 अगस्त को हरियाणा के चरखी दादरी जिले में गोरक्षकों के एक समूह ने गोमांस खाने के संदेह में एक 23 वर्षीय बंगाली प्रवासी मजदूर की कथित तौर पर पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. आरोपियों ने एक अन्य प्रवासी, असम के मूल निवासी असीरुद्दीन को भी पीट-पीटकर घायल कर दिया था.