नई दिल्ली: अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने खुद को केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) का आला अफसर बताकर लोगों से धोखाधड़ी करने के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है.
समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, आरोपी की पहचान हरियाणा के करनाल निवासी भरत छाबड़ा के रूप में हुई है. क्राइम ब्रांच के अधिकारियों ने बताया कि तीन लोगों की शिकायत के आधार पर छाबड़ा के खिलाफ तीन एफआईआर दर्ज की गई हैं.
इस मामले में पहली शिकायत अहमदाबाद के एक निजी होटल के मैनेजर द्वारा दर्ज करवाई गई थी, जिसमें आरोपी छाबड़ा ने होटल में कई बार रुकने के बदले यह कहते हुए बिल देने से मना कर दिया था कि वह एक केंद्रीय एजेंसी के उच्च अधिकारी हैं और राजनेताओं से उनके अच्छे संबंध हैं.
अधिकारियों ने बताया कि दो-तीन बार ऐसा होने के बाद होटल मैनेजर ने उनकी शिकायत क्राइम ब्रांच से की. दो अन्य लोगों ने भी आरोपी छाबड़ा के खिलाफ मामला दर्ज करवाते हुए ये कहा है कि उन्होंने अपनी पहचान छिपाकर उनसे पैसे ठगे हैं. फिलहाल, इस मामले में आगे की जांच जारी है.
इंडिया टुडे के मुताबिक, पुलिस का कहना है कि आरोपी ने जेल से एक कैदी की रिहाई के लिए किसी व्यक्ति से 2.22 लाख रुपये भी मांगे थे. उन्होंने दावा किया था कि उनका सीबीआई, गृह मंत्रालय, पीएमओ और यहां तक कि भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस के प्रभावशाली लोगों से अच्छे संबंध हैं, जिनकी इन मामलों तक पहुंच है. वह लोगों से आधी रात को भी मदद के लिए फोन करने को कहते थे.
खबर के अनुसार, छाबड़ा ने हरियाणा, जम्मू-कश्मीर और तेलंगाना सहित कई राज्यों में ठगी को अंजाम दिया है. गुजरात पुलिस को उन्हें गिरफ्तार करने के लिए खासी मशक्कत करनी पड़ी. गुजरात पुलिस डेढ़ महीने से अधिक समय से छाबड़ा की तलाश कर रही थी और अंततः उन्हें हरियाणा के करनाल से गिरफ्तार किया गया है.
अहमदाबाद अपराध शाखा के सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) भरत पटेल ने बताया कि आरोपी के पास बैचलर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन (बीसीए) की डिग्री है और वो पिछले चार सालों से इस तरह की धोखाधड़ी वाली गतिविधियों में लिप्त था.
एसीपी पटेल ने कहा, ‘वह अक्सर अहमदाबाद जाता था और उसके खिलाफ अहमदाबाद क्राइम ब्रांच और अदलाज थाने में कई मामले दर्ज हैं.’
इस मामले में एक स्थानीय अदालत ने पुलिस को आगे की जांच के लिए 10 दिन की रिमांड दी है. पुलिस को संदेह है कि आरेपी छाबड़ा के पास कई नकली आधार कार्ड सिम कार्ड हो सकते हैं. इसके अलावा आरोपी ने कथित तौर पर अपनी विश्वसनीयता स्थापित करने के लिए कई राजनेताओं के साथ सेल्फी और तस्वीरों का फर्जी इस्तेमाल भी किया है.
उल्लेखनीय है कि इससे पहले साल 2023 में इसी तरह की धोखाधड़ी के कई मामले सामने आए थे, जहां ठग खुद को पीएमओ, गृह मंत्रालय या अन्य किसी मंत्रालय के प्रभावशाली अधिकारी होने का दावा करते हुए जालसाजी करते हुए पाए गए थे.
अक्टूबर 2023 में यूपी के अयोध्या से पुलिस ने इसी तरह के एक ठग अनूप कुमार चौधरी को अयोध्या से गिरफ़्तार किया गया था. चौधरी ख़ुद के रेल मंत्रालय, भारतीय खाद्य निगम, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय का सदस्य होने का दावा कर अपने लिए सुरक्षा मांगता था. वह उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और राजस्थान में दर्ज 10 मामलों में धोखाधड़ी, जालसाज़ी और आपराधिक साज़िश से संबंधित आरोप लगे थे.
इससे पहले सितंबर 2023 में सीबीआई ने गुजरात के वडोदरा के मयंक तिवारी नामक व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया था, जिसने पीएमओ का अधिकारी बनकर कथित रूप से एक अस्पताल समूह पर दबाव बनाने की कोशिश की थी कि वह एक अस्पताल पर उसके 16 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया भूल जाए.
उससे पहले मई महीने में भी महाराष्ट्र की पुणे पुलिस की अपराध शाखा ने खुद को पीएमओ में तैनात आईएएस अधिकारी बताने वाले एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था. गिरफ्तार किए गए व्यक्ति की पहचान 54 वर्षीय वासुदेव निवरुत्ति तायड़े के रूप में हुई थी, जो खुद को पीएमओ में उपसचिव के पद पर तैनात डॉ. विनय देव बताता था. उसका दावा था कि वह खुफिया कामों में शामिल था.
इससे पहले अप्रैल 2023 में उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने संजय राय ‘शेरपुरिया’ नाम के एक व्यवसायी को लखनऊ से गिरफ्तार किया था. इस शख्स और उसके सहयोगियों पर पीएमओ से जुड़े होने का दावा करते हुए कई लोगों और संगठनों से धन एकत्र करने का आरोप लगा था. जांच में पता चला था शेरपुरिया ने 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले जम्मू कश्मीर के मौजूदा उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को 25 लाख रुपये उधार दिए थे.
इससे पहले मार्च महीने में खुद का पीएमओ में एक वरिष्ठ अधिकारी बताने वाले गुजरात के व्यक्ति को जम्मू कश्मीर में गिरफ्तार किया गया था. आरोपी की पहचान अहमदाबाद के रहने वाले किरण जगदीश भाई पटेल के रूप में हुई थी. बताया गया था कि पटेल सुरक्षा बलों और अधिकारियों को चकमा देकर कश्मीर की कई यात्राएं कर चुका था और उसने झांसा देकर जेड-प्लस सुरक्षा कवर भी हासिल कर लिया था. उसके भाजपा से जुड़े होने की बात भी सामने आई थी.