नई दिल्ली: मणिपुर में बढ़ती हिंसा और प्रदर्शनों अधिकारियों ने इंफाल पूर्व और इंफाल पश्चिम जिलों में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया है, जो बीएनएसएस 2023 की धारा 163 के तहत मंगलवार (10 सितंबर) से प्रभावी है.
रविवार रात, कुकी-जो समुदाय के एक सेवानिवृत्त सैन्य जवान को इंफाल पश्चिम जिले में बुरी तरह पीटा गया था, जिसके बाद उनकी मौत हो गई. घटना तब हुई जब वह अनजाने में एक मेईतेई बहुल इलाके में प्रवेश कर गए.
पीड़ित का नाम लिमखोलोई माटे था, जो कांगपोकपी जिले के एक पूर्व हवलदार था. द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक, वह सोमवार सुबह इंफाल पश्चिम के सेकमई में मृत पाए गए थे. वह कथित तौर पर एक दोस्त को लीमाखोंग छोड़ने के लिए गए थे लेकिन उन पर तब हमला कर दिया गया जब वह वापस लौटते समय कुकी-जो और मेईतेई इलाकों के बीच बफर जोन से गुजरे.
माटे की मौत कुकी-जो और मेईतेई के बीच भौगोलिक विभाजन के संघर्ष को दर्शाती है, जहां एक समुदाय सुरक्षा चिंताओं के चलते दूसरे समुदाय के इलाके में प्रवेश नहीं कर सकता है.
एक स्रोत ने द टेलीग्राफ को बताया कि सोमवार सुबह कांगपोकपी के गमनोम सपरमेना पुलिस थाने में माटे के बेटे ने एक जीरो एफआईआर दर्ज कराई है, जिसमें अज्ञात लोगों पर उनके पिता के अपहरण और हत्या का आरोप लगाया है. मामला आगे की जांच और उचित कार्रवाई के लिए इंफाल पश्चिम पुलिस को भेज दिया गया है.
इस बीच, सोमवार को मणिपुर सचिवालय और राज भवन के सामने हजारों छात्र एकत्र हो गए और हालिया ड्रोन एवं मिसाइल हमलों के खिलाफ प्रदर्शन किया और जिम्मेदारों के खिलाफ शीघ्र कार्रवाई की मांग की. उन्होंने राज्य की क्षेत्रीय और प्रशासनिक अखंडता की रक्षा के लिए कड़े कदम उठाने की मांग की और क्षेत्र में सुरक्षा और स्थिरता की आवश्यकता पर जोर दिया. रिपोर्ट में कहा गया है कि उन्होंने हिंसा को नियंत्रित करने में कथित विफलता के लिए शीर्ष अधिकारियों और विधायकों के इस्तीफे की भी मांग की.
इसके बाद, भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने बल प्रयोग किया और विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया. मणिपुर मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने बाद में छात्र प्रतिनिधियों से मुलाकात की और उनकी चिंताओं के समाधान का वादा किया.
असम राइफल्स को हटाने के प्रस्ताव और सुरक्षा में गिरावट के खिलाफ कांगपोकपी में अलग-अलग विरोध प्रदर्शन हुए. रविवार रात को इंफाल में मशाल प्रदर्शन के बाद पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े.
एक अलग घटना में, मणिपुर पुलिस ने रविवार रात को घोषणा की कि शनिवार को जिरीबाम जिले में सशस्त्र समूहों के बीच गोलीबारी में मारे गए पांच लोगों में से तीन की पहचान कुकी लिबरेशन आर्मी (केएलए) के सदस्यों के रूप में हुई है, जो एक उग्रवादी समूह है. डेक्कन हेराल्ड की रिपोर्ट के अनुसार, एक अन्य मृतक की पुष्टि यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (यूएनएलएफ) (पी) के सदस्य के रूप में हुई है, जो एक मेईतेई उग्रवादी समूह है.
पुलिस के अनुसार, तीनों केएलए सदस्य चूराचांदपुर के निवासी थे और स्पष्ट तौर पर विद्रोही गतिविधियों को अंजाम देने के लिए जिरीबाम गए थे. यूएनएलएफ (पी) सदस्य जिरीबाम के स्थानीय निवासी थे. यह घटना बिष्णुपुर जिले के मोइरांग में रॉकेट हमले के कुछ ही घंटों बाद हुई, जिसमें एक वृद्ध मेईतेई की जान चली गई थी. हालांकि, पुलिस ने रॉकेट हमले के लिए कुकी समुदाय को जिम्मेदार ठहराया है, लेकिन डेक्कन हेराल्ड की रिपोर्ट के अनुसार समुदाय ने किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार किया है