नई दिल्लीः द हिंदू अखबार के वरिष्ठ सहायक संपादक महेश लांगा पर गुजरात मैरीटाइम बोर्ड (जीएमबी) के गोपनीय दस्तावेज अपने पास रखने के आरोप में मामला दर्ज होने के कुछ दिनों बाद, द हिंदू के संपादक सुरेश नंबथ ने गुजरात पुलिस से आग्रह किया है कि उनके खिलाफ मामले में दर्ज एफआईआर को रद्द कर दिया जाए.
वरिष्ठ पत्रकार महेश लांगा, जो कथित वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) चोरी के मामले में न्यायिक हिरासत में हैं, के खिलाफ यह दूसरा मामला है. उन्हें 7 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था.
नवीनतम एफआईआर जीएमबी की शिकायत के आधार पर दर्ज की गई है, जबकि पहली एफआईआर जीएसटी खुफिया महानिदेशालय (डीजीजीआई) की शिकायत पर आधारित है. दूसरी एफआईआर 22 अक्टूबर को गांधीनगर के सेक्टर-7 पुलिस थाने में दर्ज की गई.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर द हिंदू के संपादक नंबथ ने कहा, ‘हम यह दोहराना चाहेंगे कि पत्रकारों को अपने काम के दौरान गोपनीय प्रकृति के दस्तावेजों सहित अन्य दस्तावेजों को देखना/पढ़ना आवश्यक होता है. वे आधिकारिक या गोपनीय दस्तावेजों पर व्यापक जनहित को ध्यान में रखते हुए काम करते हैं. ऐसे दस्तावेजों को रखने के लिए उनके खिलाफ आरोप दायर करना उनके पत्रकारिता के काम और उनके मौलिक अधिकारों को कमजोर करना और जनहित को नुकसान पहुंचाना है. हम गुजरात पुलिस से महेश के खिलाफ गोपनीय दस्तावेजों को रखने से संबंधित आरोपों को हटाने का आग्रह करते हैं.’
We note with deep concern that a second FIR was registered against Mahesh Langa, The Hindu’s Senior Assistant Editor who is based in Gujarat, on October 22, 2024, at Sector 7 police station in Gandhinagar for possession of some documents related to the Gujarat Maritime Board.
— Suresh Nambath (@nambath) October 26, 2024
गांधीनगर के सेक्टर-7 पुलिस थाने में 22 अक्टूबर को ‘जीएमबी के कुछ दस्तावेजों को रखने’ के लिए लांगा के खिलाफ इस एफआईआर के दर्ज होने पर चिंता व्यक्त करते हुए नंबथ ने एक पोस्ट में लिखा, ‘गांधीनगर पुलिस अधीक्षक (एसपी) ने अगले दिन कहा था कि ऑनलाइन एफआईआर जनता के लिए उपलब्ध नहीं है क्योंकि इसे ‘संवेदनशील’ श्रेणी में रखा गया था. यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है.’
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, इस बारे में पूछे जाने पर गांधीनगर एसपी रवि तेजा वासमसेट्टी ने कहा, ‘हमने अपनी मर्जी से एफआईआर दर्ज नहीं की है. यह जीएमबी की शिकायत के आधार पर दर्ज की गई है. दावों की जांच करना हमारा कर्तव्य है.’
एसपी वासमसेट्टी ने कहा, ‘हमने एफआईआर कोर्ट में जमा कर दी है और परिवार इसे वहां से प्राप्त कर सकता है. इसके अलावा, हमने अभी तक इस मामले में आरोपी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है. अगर हम ऐसा करते हैं, तो हम उन्हें उनके खिलाफ आरोपों के बारे में सूचित करेंगे.