जम्मू-कश्मीर: आतंकवादियों ने दो प्रवासी श्रमिकों पर गोलीबारी की, एक पखवाड़े में पांचवां हमला

जम्मू-कश्मीर के बडगाम ज़िले के मागाम इलाके में शुक्रवार शाम संदिग्ध आतंकवादियों ने दो प्रवासी श्रमिकों को गोली मारकर घायल कर दिया. दोनों श्रमिक उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के रहने वाले हैं और जल शक्ति विभाग में दिहाड़ी मजदूर के तौर पर काम कर रहे थे.

(प्रतीकात्मक (फोटो साभार: X/@KashmirPolice)

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के बडगाम जिले के मागाम इलाके में शुक्रवार शाम संदिग्ध आतंकवादियों ने दो प्रवासी श्रमिकों को गोली मार दी. दोनों का नजदीकी अस्पताल में इलाज चल रहा है और उनकी हालत स्थिर है.

16 अक्टूबर को उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली सरकार के सत्ता में आने के बाद से घाटी में प्रवासी श्रमिकों पर यह पांचवां लक्षित हमला है. केंद्र शासित प्रदेश में 10 दिनों में अलग-अलग आतंकवादी घटनाओं में छह प्रवासी श्रमिकों, दो सैनिकों और तीन आतंकवादियों सहित कम से कम 15 लोग मारे गए हैं.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों श्रमिकों की पहचान 20 वर्षीय उस्मान मलिक और 25 वर्षीय सोफियान के रूप में हुई है, जो उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के रहने वाले हैं. सूत्रों ने बताया कि मध्य कश्मीर के मागाम इलाके की घेराबंदी कर दी गई है.

ख़बरों के मुताबिक, सोफियान और उस्मान जल शक्ति विभाग में दिहाड़ी मजदूर के तौर पर काम कर रहे थे. बताया गया है कि घायल श्रमिक एक पानी की टंकी के निर्माण पर काम कर रहे थे.

पुलिस ने कहा कि दोनों नाला सुखनाग के किनारे मज़हामा कब्रिस्तान में काम कर रहे थे, जब आतंकवादियों ने उन पर करीब से गोली चलाई.

पुलिस ने बताया, ‘उनमें से एक को हाथ में और दूसरे को पैर में गोली लगी है.’

पार्टी ने कहा कि मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने हमले पर गहरा दुख व्यक्त किया और हिंसा की कड़ी निंदा की.

हाल के हफ्तों में घाटी में प्रवासी श्रमिकों के खिलाफ कई हमले हुए हैं.

20 अक्टूबर को मध्य कश्मीर के गांदरबल जिले में सोनमर्ग के पास सुरंग का निर्माण कर रही एक निर्माण कंपनी के कर्मचारियों के एक शिविर पर आतंकवादियों द्वारा की गई गोलीबारी में सात लोग मारे गए थे, जिनमें से छह कश्मीर से बाहर के थे.

18 अक्टूबर को दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले के जैनापोरा गांव में आतंकवादियों ने एक प्रवासी मजदूर की हत्या कर दी. 24 अक्टूबर की सुबह दक्षिण कश्मीर के त्राल के बटागुंड गांव में आतंकवादियों ने एक प्रवासी गैर-स्थानीय मजदूर को गोली मारकर घायल कर दिया.

24 अक्टूबर की शाम को भी सेना के एक वाहन को निशाना बनाकर आतंकवादी हमला किया गया, जिसमें दो सैनिक और दो नागरिक कुली मारे गए.

केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर को 16 अक्टूबर को पहली निर्वाचित सरकार मिलने के बाद से शुक्रवार का हमला पांचवां आतंकवादी हमला है.

बडगाम हमले पर प्रतिक्रिया देते हुए नेशनल कॉन्फ्रेंस के श्रीनगर सांसद आगा रूहुल्लाह मेहदी ने कहा, ‘नागरिकों पर आतंकवादी हमले की खबर से दुखी हूं… मेरी सहानुभूति और प्रार्थनाएं पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ हैं. भाजपा शासन (केंद्र में) जो सीधे जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा को नियंत्रित करता है, को इन बार-बार की विफलताओं के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए. यह भी पूछना चाहता हूं – हाल के चुनावों के तुरंत बाद इन हमलों में अचानक वृद्धि क्यों हुई?’

जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख तारिक हमीद कर्रा ने कहा कि यह हमला ‘बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और बेहद निंदनीय है.’ उन्होंने सरकार से ऐसे अमानवीय, शर्मनाक और कायराना कृत्यों को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने का आग्रह किया.