मणिपुर: जिरीबाम में ताज़ा हिंसा; महिला को गोली मारकर ज़िंदा जलाया, कई घरों में आगजनी

मणिपुर के जिरीबाम ज़िले के हमार बहुल गांव में गुरुवार रात हथियारबंद लोगों ने हमला कर 31 वर्षीय महिला को कथित तौर पर गोली मार दी. उनके परिवार का आरोप है कि उनसे बलात्कार कर फिर ज़िंदा जलाया गया. बताया गया है कि गांव के क़रीब 20 घरों में आग लगाई गई.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: X/@manipur_police)

नई दिल्ली: मणिपुर के जिरीबाम जिले के हमार बहुल गांव में गुरुवार रात एक क्रूर हमले में 31 वर्षीय महिला को कथित तौर पर गोली मार दी गई.  आरोप है कि उनके साथ बलात्कार किया गया था और उसे आग के हवाले कर दिया.

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, कट्टरपंथी मेईतेई संगठन अरमबाई तेंगोल के संदिग्ध सदस्यों ने गुरुवार रात ज़ैरावन गांव पर हमला किया. इस गांव में हमार समुदाय के लोगों का वर्चस्व है.

आदिवासी संगठन इंडिजिनस ट्राइबल एडवोकेसी कमेटी (आईटीएसी) ने एक बयान में कहा, ‘अरमबाई तेंगोल ने सत्रह घरों को जला दिया. गांव में घुसते ही उन्होंने घरों को जलाना शुरू कर दिया और अपनी ऑटोमैटिक बंदूकों से गोलीबारी शुरू कर दी. ग्रामीण जंगल में भाग गए लेकिन एक महिला फंस गई.’

आईटीएसी के प्रवक्ता जॉन हमार ने एक बयान में कहा, ‘आईटीएसी ने सभी क्षेत्रों में बंद की घोषणा की है. आईटीएसी मणिपुर पुलिस और कमांडो से आईटीएसी के अधिकार क्षेत्र में काम न करने का आग्रह करता है. अगर वे इस चेतावनी का पालन करने में विफल रहते हैं तो आईटीएसी किसी भी अप्रिय घटना के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.’

पुलिस को दी गई अपनी शिकायत में महिला के पति ने कहा कि उसे जलाने से पहले उसके साथ बलात्कार किया गया.

शिकायत में कहा गया है, ‘मेरी पत्नी… तीन बच्चों की मां की 7 नवंबर, 2024 की रात को पूरी तरह से हथियारबंद मेईतेई उग्रवादियों ने जैरोलपोकपी (ज़ैरावन), जिरीबाम स्थित हमारे घर पर निर्मम हत्या कर दी (बलात्कार किया और ज़िंदा जला दिया). मेरे घर को भी लूट लिया गया और जला दिया गया.’

जिरीबाम के एसपी खमनम रॉबिनसन सिंह ने शुक्रवार को जिला मजिस्ट्रेट कृष्ण कुमार को पत्र लिखकर पड़ोसी राज्य असम के सिलचर जिले में पोस्टमार्टम कराने की अनुमति मांगी, क्योंकि जिरीबाम में ‘फॉरेंसिक मेडिसिन की उचित सुविधा’ नहीं है और शव को इंफाल ले जाना ‘असुविधाजनक’ है.

पत्र में एसपी ने कहा कि पुलिस ने बीएनएस की धारा 64(1) (बलात्कार के लिए सजा), 103(2) (हत्या) और अन्य के तहत दर्ज एफआईआर में बलात्कार के आरोप लगाए हैं.

मणिपुर पुलिस के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर अखबार को बताया, ‘हमने पहले ही इस घटना की एफआईआर दर्ज कर ली थी. बाद में महिला के पति के बयान के आधार पर हमने बलात्कार की धारा भी जोड़ दी.’

महिला के एक रिश्तेदार ने बताया कि हमले के दौरान गांव में अफरा-तफरी मच गई. नाम न उजागर करने की शर्त पर उस व्यक्ति ने बताया, ‘मेरा घर मृतक महिला के घर से कुछ ही घरों की दूरी पर है. वह मेरी रिश्तेदार भी है. उसे पैर में गोली लगी थी, लेकिन उसने अपने पति से कहा कि वह अपने बच्चों और अपने बुज़ुर्ग माता-पिता को बचा ले और जंगल में उसका इंतज़ार करे. रात के करीब 1 बजे जब सुरक्षा बल गांव पहुंचे, तो हम जले हुए घर में घुसे और उसका शव मिला.’

द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक, एक पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘आगजनी में एक महिला की मौत हो गई. उसका जला हुआ शव उसके परिवार के पास है. हम अब मौत के कारण का पता लगाने के लिए शव को पोस्टमार्टम के लिए सिलचर भेजने की कोशिश कर रहे हैं.’

उन्होंने कहा कि पुलिस को अभी यह पता लगाना है कि वह कैसे जली और आगजनी में कितने घर प्रभावित हुए हैं, क्योंकि स्थिति काफी तनावपूर्ण है.

पुलिस अधिकारी ने बताया कि गांव में तैनात सीआरपीएफ कर्मियों ने बताया है कि आग लगाए गए घरों की संख्या 20 है.

अधिकारी ने कहा, ‘ज़मीनी स्तर पर आकलन करने के बाद ही तस्वीर साफ हो पाएगी. आगजनी की घटना उस समय हुई जब पुलिस अधीक्षक जिले के मेईतेई और हमार लोगों के बीच शांति वार्ता शुरू करने की कोशिश कर रहे थे. इलाके में व्यवस्था बनाए रखने के लिए सीआरपीएफ, असम राइफल्स और पुलिस को तैनात किया गया है. स्थिति तनावपूर्ण है.’

असम सीमा के पास इंफाल से लगभग 220 किलोमीटर दूर स्थित जिरीबाम में मेईतेई, कुकी, बंगाली, नेपाली, नगा और अन्य समुदाय रहते हैं.

बता दें कि 1 अगस्त को असम के कछार जिले में सीआरपीएफ सुविधा केंद्र में एक बैठक हुई थी जहां सामान्य स्थिति बहाल करने और आगे आगजनी की घटनाओं को रोकने के लिए मेईतेई और हमार समुदायों के प्रतिनिधियों के बीच समझौता हुआ था. जिरीबाम जिला प्रशासन, असम राइफल्स और सीआरपीएफ कर्मियों द्वारा संचालित इस बैठक में जिरीबाम के हमार, मेईतेई, थाडोउ, पैते और मिजो समुदायों के प्रतिनिधि शामिल थे.

जिरीबाम, जो पहले संघर्ष से काफ़ी हद तक अछूता था, इस साल जून में एक किसान का क्षत-विक्षत शव मिलने के बाद हिंसा से झुलसने लगा. इसके कारण आगजनी हुई और हज़ारों लोगों को राहत शिविरों में जाने के लिए मजबूर होना पड़ा. साथ ही, जुलाई के मध्य में गश्त के दौरान आतंकवादियों द्वारा घात लगाकर किए गए हमले में एक सीआरपीएफ जवान की मौत हो गई थी.

नागरिक समाज संगठनों ने घटना की निंदा की

द टेलीग्राफ के अनुसार, जिरीबाम और फ़ेरज़ावल जिलों में काम करने वाले कुकी-ज़ो नागरिक समाज संगठन, इंडिजिनस ट्राइबल एडवोकेसी कमेटी ने एक बयान में हमले और महिला की मौत की निंदा की है और दोषियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है.

आईटीएसी ने यह भी दोहराया कि उसे मणिपुर राज्य सरकार की मशीनरी पर कोई भरोसा नहीं है, जिसमें राज्य बल और पुलिस शामिल हैं, इसलिए वह केंद्र सरकार से मणिपुर के जिरीबाम जिले और फेरज़ावल जिले में निर्दोष कुकी-ज़ोमी-हमार लोगों की रक्षा के लिए हस्तक्षेप करने का अनुरोध करता है.

हमार समुदाय की शीर्ष संस्था हमार इनपुई जनरल हेडक्वार्टर ने शुक्रवार को एक बयान में कहा, ‘मेईतेई उग्रवादियों ने जिरीबाम जिले के शांतिपूर्ण गांव ज़ैरावन पर धावा बोल दिया और 17 घरों में आग लगा दी.’

हमार इनपुई ने दावा किया कि पीड़िता की जान हिंसा के क्रूर कृत्य में चली गई. उसने कहा कि उसके पैर में गोली मारी गई, उसे प्रताड़ित किया गया और जिंदा जला दिया गया.

चूड़ाचांदपुर जिले में कुकी-ज़ो समुदाय के प्रभावशाली संगठन- इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) ने भी एक बयान जारी कर दावा किया कि मेईतेई बंदूकधारियों ने आदिवासी गांव में प्रवेश किया और ग्रामीणों पर अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसके बाद घरों को जला दिया गया.

आईटीएलएफ ने कहा, ‘ग्रामीणों ने बताया कि ज्यादातर ग्रामीण पास के जंगल में भागने में सफल रहे, लेकिन एक 31 वर्षीय महिला को पकड़ लिया गया. (पीड़िता) तीन बच्चों की मां को गोलीबारी शुरू होने पर जांघ में गोली लगी, पीड़िता एक शिक्षक थी.’

मालूम हो कि 3 मई 2023 को मणिपुर में मेईतेई और कुकी-जो समुदायों के बीच जातीय हिंसा भड़कने के बाद से अब तक लगभग 226 लोग जान गंवा चुके हैं, सैकड़ों की संख्या में लोग घायल हुए हैं और 60,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं.

3 मई 2023 को बहुसंख्यक मेईतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) दर्जे की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बीच दोनों समुदायों के बीच यह हिंसा भड़की थी.