विदेश मंत्रालय का कनाडा पर मीडिया संस्थान को ब्लॉक करने का आरोप, पर प्रतिबंध मेटा ने लगाया

भारतीय विदेश मंत्रालय और ऑस्ट्रेलिया के मीडिया संस्थान 'ऑस्ट्रेलिया टुडे' का दावा है कि भारतीय विदेश मंत्री के इंटरव्यू के बाद कनाडा में सरकार के आदेश पर उसका पेज ब्लॉक किया गया. हालांकि, मेटा ने अगस्त 2023 से ही कनाडाई यूज़र्स के न्यूज़ कंटेंट शेयर करने पर रोक लगाई हुई है.

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यह सिर्फ द ऑस्ट्रेलिया टुडे ही नहीं है - अंतरराष्ट्रीय आउटलेट्स और यहां तक ​​कि कनाडाई आउटलेट्स के भी मेटा प्लेटफॉर्म ब्लॉक हैं.

नई दिल्ली: कनाडा के नागरिकों के लिए अनेक मीडिया संस्थानों के सोशल मीडिया हैंडल के पोस्ट अनुपलब्ध हो गए हैं. कनाडा के लोग फेसबुक और इंस्टाग्राम पर न्यूज़ संस्थानों द्वारा पोस्ट किए जा रहे कंटेंट को नहीं देख पा रहे हैं. पेज खोलने पर लिखा आ रहा है– कनाडा में रहने वाले लोग इसे नहीं देख सकते. (People in Canada can’t see this content.)

ऑस्ट्रेलिया के एक प्रमुख मीडिया आउटलेट ऑस्ट्रेलिया टुडे’ ने दावा किया है कि उसके सोशल मीडिया हैंडल को कनाडा द्वारा इसलिए ब्लॉक कर दिया गया है क्योंकि उसने भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर की कैनबरा (आस्ट्रेलिया की राजधानी) में की गई टिप्पणी की रिपोर्टिंग की थी.

भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी दावा किया कि कनाडा में ऑस्ट्रेलिया की वेबसाइट को एस. जयशंकर के बयान की रिपोर्टिंग को लेकर ब्लॉक किया गया.

विदेश मंत्रालय ने क्या कहा?

गुरुवार (7 नवंबर) की साप्ताहिक प्रेस ब्रीफिंग में जब विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल से पूछा गया कि क्या यह सच है कि ऑस्ट्रेलिया के एक प्रमुख मीडिया आउटलेट के सोशल मीडिया पेजों पर कनाडा में प्रतिबंध लगा दिया गया है?

जायसवाल ने सवाल पूछने वाले पत्रकार को जवाब देते हुए कहा कि आपनेसही सुनाहै.

जायसवाल ने जोर देकर कहा कि यह ब्लॉकिंग इस प्लेटफॉर्म द्वारा जयशंकर के साथ एक साक्षात्कार प्रकाशित करने का परिणाम है, ‘इस घटना के एक बार फिर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के प्रति कनाडा के पाखंड को उजागर किया है.

ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री पेनी वोंग के साथ भारतीय विदेश मंत्री के प्रेस कॉन्फ्रेंस को कवर करने कुछ घंटों बाद यह हुआ. इस मीडिया आउटलेट ने विदेश मंत्री की ऑस्ट्रेलिया यात्रा पर भी कई आर्टिकल प्रकाशित किए थे. साथ ही उनका इंटरव्यू भी किया था. इसलिए हम भी आश्चर्यचकित हैं.

जायसवाल ने कहा, ‘आपने देखा होगा कि विदेश मंत्री ने मीडिया से बातचीत में तीन बातों को रेखांकित किया है. पहली बात यह कि कनाडा ने आरोप लगाए और बिना किसी विशेष सबूत के एक पैटर्न विकसित किया गया. दूसरी बात यह थी कि कनाडा में भारतीय राजनयिकों की निगरानी की जा रही है. और फिर तीसरी बात जिस पर उन्होंने प्रकाश डाला वह थी कनाडा में भारत विरोधी तत्वों को दी जा रही राजनीतिक जगह. तो आप इस बात से अपने निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि ऑस्ट्रेलिया टुडे चैनल को कनाडा ने क्यों ब्लॉक किया.

संयोग से कनाडा के बारे में इन तीन बिंदु, जिनके बारे में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने उल्लेख किया कि जयशंकर ने ऑस्ट्रेलिया टुडे को दिए अपने साक्षात्कार में बात की थी. भारतीय विदेश मंत्री ने ये बातें ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री पेनी वोंग के साथ अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी की कही थी. इन तीन बिंदुओं को भारतीय मीडिया ने व्यापक रूप से रिपोर्ट कियाजिसमें  वायर भी शामिल है.

क्या कनाडा की सरकार मीडिया आउटलेट्स पर नकेल कस रही है?

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने यह नहीं बताया कि कनाडा ने ऑस्ट्रेलिया टुडे के किन सोशल मीडिया हैंडल कोब्लॉककिया है. हालांकि, इसे लेकर जो स्क्रीनशॉट शेयर किया जा रहे है, उससे पता चलता है कि वेबसाइट के इंस्टाग्राम और फेसबुक पेजब्लॉकवाला संदेश दिख रहा हैं.

ऑस्ट्रेलिया टुडे ने अपने एक्स एकाउंट पर अपने ब्लॉक किए गए फेसबुक पेज का क्रॉप किया हुआ स्क्रीनशॉट पोस्ट किया है. इस संस्थान के प्रबंध संपादक जितार्थ जय भारद्वाज ने एक बयान में कहा किहम हर उस न्यूज आउटलेट, पत्रकार और समर्थक के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करते हैं जो इस चुनौतीपूर्ण समय में हमारे साथ खड़े रहे.

उन्होंनेहालिया प्रतिबंध और रोकके पीछे कनाडा सरकार का हाथ होने का आरोप लगाया. हालांकि, ब्लॉक पेज पर मेटा के अपने लिंक से संकेत मिलता है कि यह काम कनाडा सरकार ने नहीं बल्कि मेटा ने किया है.

ब्लॉक किए गए फेसबुक पेज का पूरा स्क्रीनशॉट इस मुद्दे को स्पष्ट करता है. जब कनाडा में कोई यूजर ऑस्ट्रेलिया टुडे के फेसबुक पेज को खोलने की कोशिश करता हैतो उन्हें संभवतः कोई पोस्ट नहीं बल्कि एक संदेश दिखाई देगा– ‘पीपल इन कनाडा कांट सी द कंटेंट.’

इसके ठीक नीचे एक संदेश (जिसे काटकर स्क्रीनशॉट शेयर किया जा रहा है) मिलता है: ‘कनाडाई सरकार के कानून के जवाब में न्यूज़ कंटेंट कनाडा में नहीं देखा जा सकता है.’ इसके बादअधिक जानेंका विकल्प मिलता है, जिस पर क्लिक करने से दूसरा फेसबुक पेज खुलता है.

कनाडा में जो यूजर द ऑस्ट्रेलिया टुडे के फेसबुक (बाएं) और इंस्टाग्राम (दाएं) पेज पर जाते हैं, उन्हें ये संदेश दिखाई देता है.

यह फेसबुक का न्यूज़रूम पेज है, जिसके ऊपर ही मोटे अक्षरों में लिखा है– ‘कनाडा में हमारे प्लेटफ़ॉर्म पर समाचार उपलब्धता को लेकर परिवर्तन.’

इस पेज को अंतिम बार 1 अगस्त, 2023 को अपडेट किया गया था, जिसकी पहली ही पंक्ति है– ‘ऑनलाइन समाचार अधिनियम का अनुपालन करने के लिए हमने कनाडा में समाचार उपलब्धता को समाप्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. ये परिवर्तन आज से शुरू हो रहे हैं, और अगले कुछ हफ़्तों में कनाडा में फेसबुक और इंस्टाग्राम का उपयोग करने वाले सभी लोगों के लिए लागू किए जाएंगे.

क्या है ऑनलाइन समाचार अधिनियम?

ऑनलाइन समाचार अधिनियम, जिसे कनाडा में C-18 के रूप में भी जाना जाता है, को जून 2023 में मंजूरी दी गई थी और इसका उद्देश्य मेटा और गूगल जैसी आईटी कंपनियों को उनके प्लेटफार्मों पर शेयर किए जा रहे लेखों के लिए समाचार प्रकाशकों और मीडिया आउटलेट्स को भुगतान करने के लिए मजबूर करना था.

आसान भाषा में कहें, तो कनाडा सरकार चाहती है कि मेटा, गूगल आदि उन मीडिया संस्थानों को पैसा दें, जो उनके प्लेटफॉर्म पर अपना कंटेंट शेयर करते हैं यानी दिग्गज कंपनियां अपने राजस्व का कुछ हिस्सा शेयर करें क्योंकि सब कुछ ऑनलाइन होने से मीडिया आउटलेट अपने विज्ञापनदाता खो रहे हैं.

हालांकि, आईटी कंपनियों ने इसका विरोध किया और कहा कि मीडिया संस्थान स्वेच्छा से अपने लाभ के लिए प्लेटफ़ॉर्म पर अपना कंटेंट शेयर करते हैं.

गूगल माना, लेकिन मेटा का विरोध जारी

नवंबर 2023 में गूगल ने ऑनलाइन समाचार अधिनियम लागू होने से ठीक तीन सप्ताह पहले समाचार आउटलेट्स को सालाना 100 मिलियन कनाडाई डॉलर वितरित करने के लिए कनाडाई सरकार के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किया.

लेकिन मेटा ने इसका विरोध जारी रखा है, जिसके तहत उसने कनाडा में अपने यूजर्स की न्यूज़ कंटेंट तक पहुंच को खत्म कर दिया है.

एक अगस्त, 2023 से ही मेटा का कोई यूजर कनाडा में न्यूज़ कंटेंट शेयर नहीं कर पा रहा है.

लेकिन चूंकि ऑस्ट्रेलिया टुडे ने कहा है कि जयशंकर के साक्षात्कार के बाद कनाडा सरकार के आदेश के कारण उसके पेज को ब्लॉक किया गया है, इसलिए उनके प्रकाशक दावा कर रहे हैं कि मेटा ब्लॉक के बावजूद उनका पेज कनाडाई लोगों के लिए उपलब्ध था.

मेटा की ओर सेब्लॉकका नोटिस कनाडा के सभी इंटरनेट यूजर्स को न्यूयॉर्क टाइम्स और कनाडा के अपने समाचार पत्र ग्लोब एंड मेल के इंस्टाग्राम और फेसबुक पेजों पर भी देखने को मिल रहा है.

यह सिर्फ द ऑस्ट्रेलिया टुडे ही नहीं है – अंतरराष्ट्रीय आउटलेट्स और यहां तक ​​कि कनाडाई आउटलेट्स के भी मेटा प्लेटफॉर्म ब्लॉक हैं.

इसी तरह, वायर, इंडिया टुडे, एनडीटीवी और सीएनएनन्यूज 18 के इंस्टाग्राम और फेसबुक पेज भी कनाडा में नहीं देखे जा सकते. द वायर ने विदेश मंत्रालय, कनाडाई उच्चायोग और  ऑस्ट्रेलिया टुडे से टिप्पणी मांगी है. यदि कोई टिप्पणी आती है तो इस खबर को अपडेट कर दिया जाएगा.

गौरतलब है कि भारत इस समय कनाडा के साथ बिगड़ते राजनयिक संकट से जूझ रहा है, जो पिछले वर्ष सितंबर में शुरू हुआ था.