नई दिल्ली: भारत-कनाडा के बिगड़े राजनयिक संबंधों के बीच ख़बर आ रही है कि कनाडा ने ‘स्टूडेंट डायरेक्ट स्ट्रीम (एसडीएस)’ को बंद कर दिया है. एसडीएम से अंतरराष्ट्रीय छात्रों को जल्दी वीज़ा मिलने में मदद मिलती थी. इस फास्ट-ट्रैक वीजा प्रोग्राम के बंद होने से बड़ी संख्या में भारतीय छात्र भी प्रभावित होंगे.
कनाडा ने ऐसा क्यों किया है, इसका जवाब इमीग्रेशन, रिफ्यूजीज एंड सिटिजनशिप कनाडा द्वारा शुक्रवार (8 नवंबर, 2024) को जारी एक बयान से मिलता है.
बयान में कहा गया है कि उन्होंने स्टडी परमिट के आवेदन प्रक्रिया में सभी विदेशी छात्रों को निष्पक्ष और समान पहुंच देने के लिए यह कदम उठाया है.
द हिंदू के मुताबिक, एसडीएम की शुरुआत साल 2018 में हुई थी ताकि योग्य पोस्ट-सेकेंडरी छात्रों को आसानी से वीजा मिल सके. इस वीजा प्रोग्राम का लाभ एंटीगुआ और बारबुडा, ब्राज़ील, चीन, कोलंबिया, कोस्टारिका, भारत, मोरक्को, पाकिस्तान, पेरू, फिलीपींस, सेनेगल, सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइंस, त्रिनिदाद और टोबैगो और वियतनाम के नागरिक उठा सकते थे.
अब कनाडा की सरकार का क्या कहना है?
कनाडा सरकार ने इस सहूलियत को बंद करने को उचित ठहराते हुए कहा कि उनका लक्ष्य अखंडता को मजबूत करना है.
बयान में कहा गया है कि 8 नवंबर, 2024 को दोपहर 2:00 बजे ईस्टर्न टाइम (ईटी) से पहले प्राप्त सभी पात्र एसडीएस आवेदनों का इसी के तहत निपटारा किया जाएगा, लेकिन इस समय या उसके बाद जमा किए गए स्टडी परमिट आवेदनों को नियमित स्टडी परमिट स्ट्रीम के तहत निपटारा किया जाएगा. अब से छात्रों को नियमित स्टडी परमिट स्ट्रीम के माध्यम से आवेदन करना होगा.
स्टडी परमिट एक ऐसा दस्तावेज़ है जो विदेशी नागरिकों को कनाडा में डेजिग्नेटेड लर्निंग इंस्टिट्यूट (डीएलआई) में पढ़ाई करने की अनुमति देता है. लेकिन स्डटी परमिट के लिए छात्र को उस प्रांत या क्षेत्र का प्रोविंशियल अटेस्टेशन लेटर (पीएएल) या टेरिटोरियल अटेस्टेशन लेटर (टीएएल) जमा करना आवश्यक होता है जहां वे पढ़ाई करने जाना चाहते हैं.
कनाडा की इमीग्रेशन एंड सिटीजनशिप वेबसाइट पर लिखा है कि यदि कोई व्यक्ति पीएएल/टीएएल के बिना आवेदन करता है, तो उसका आवेदन फीस के साथ वापस कर दिया जाएगा.
बयान में आश्वासन दिया गया है कि इन नए बदलावों से स्टडी परमिट के लिए आवेदन करने के इच्छुक लोगों के लिए कोई बाधा नहीं होगी, लेकिन स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि छात्रों को अब कनाडा के स्टडी परमिट के लिए आवेदन के दौरान मांगे गए सभी आवश्यक दस्तावेजों को उपलब्ध करना होगा.
बयान में कहा गया है, ‘सभी छात्रों को, चाहे वे एसडीएस या एनएसई (नाइजीरिया स्टूडेंट एक्सप्रेस) के लिए पात्र हों या नहीं, कनाडा की स्टडी परमिट आवेदन अहर्ताओं को पूरा करना आवश्यक है.’
कनाडा में कितने भारतीय छात्र?
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2015 से अक्टूबर 2024 तक दस लाख से ज़्यादा भारतीय छात्रों को कनाडा के लिए स्टडी परमिट मिला था. साल 2024 में अक्टूबर तक कनाडा 1,00,000 से ज़्यादा भारतीय छात्रों को स्टडी परमिट दे चुका था.
इमीग्रेशन, रिफ्यूजीज एंड सिटिजनशिप के आंकड़ों के मुताबिक 2015 से 2024 (अक्टूबर तक) तक लगभग 13 लाख भारतीय छात्रों को स्टडी परमिट मिला था. 2015 में लगभग 31,920 भारतीय छात्रों के पास कनाडा का स्टडी परमिट था. तब कनाडा में कुल अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या 219,035 थी यानी कुल विदेशी छात्रों में भारतीय छात्रों की आबादी केवल 14.5% थी.
2023 आते-आते स्थिति बदल गई. स्डटी परमिट पाने वाले भारतीय छात्रों की संख्या 682,060 हो गई और उनकी आबादी कुल विदेशी छात्रों (278,250) में 40.7% हो गई.
हालांकि, अगले ही साल कनाडा का स्टडी परमिट पाने वाले भारतीय छात्रों की संख्या चार प्रतिशत घट गई. ऐसा संभवतः इसलिए है क्योंकि इस वर्ष कनाडाई सरकार ने अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या पर एक सीमा लागू की, और स्टडी परमिट प्रक्रियाओं में नए बदलाव लागू किए हैं.