मणिपुर: कुकी विधायकों का सीएम से मिलने की बात से इनकार, कहा- सुप्रीम कोर्ट में एसजी ने झूठ बोला

सुप्रीम कोर्ट में मणिपुर हिंसा से जुड़े मामले में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि सीएम एन. बीरेन सिंह सभी कुकी विधायकों से मिलकर स्थिति शांत करने का प्रयास कर रहे हैं. अब कुकी-ज़ो विधायकों ने कहा है कि मेहता का का दावा झूठा है और अदालत को गुमराह करने के समान है.

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता. (फोटो साभार: सोशल मीडिया)

नई दिल्ली: मणिपुर के 10 कुकी-ज़ो विधायकों ने सॉलिसिटर जनरल (एसजी) पर सर्वोच्च न्यायालय को ‘गुमराह’ करने का आरोप लगाते हुए  रविवार (10 नवंबर) को पिछले साल 3 मई से मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह से मुलाकात करने से इनकार किया.

रिपोर्ट के अनुसार, विधायकों ने एक संयुक्त बयान में कहा कि एसजी तुषार मेहता का न्यायालय में यह कहना कि ‘मुख्यमंत्री सभी कुकी विधायकों से मिल रहे हैं और स्थिति को शांत करने का प्रयास कर रहे हैं,’ सरासर झूठ है और सर्वोच्च न्यायालय को गुमराह करने के समान है.

ज्ञात हो कि शुक्रवार (8 नवंबर) को सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि वह ऑडियो रिकॉर्डिंग की जांच करेगा, जो कथित तौर पर पिछले साल मई से राज्य में हो रही सांप्रदायिक हिंसा में बीरेन सिंह की भूमिका की ओर इशारा करती है. सुनवाई के दौरान टेप की जांच के खिलाफ दलील देते हुए मेहता ने दावा किया था कि सिंह कुकी विधायकों से मिल रहे हैं.

अब इन कुकी विधायकों के बयान में कहा गया है, ‘हम दस विधायकों को पता चला है कि 8 नवंबर, 2024 को सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान भारत के सॉलिसिटर जनरल ने कहा था कि ‘मुख्यमंत्री सभी कुकी विधायकों से मिल रहे हैं और शांति लाने की कोशिश कर रहे हैं.’ इस संबंध में हम स्पष्ट रूप से कहते हैं कि यह दलील एक सफ़ेद झूठ है और भारत के माननीय सर्वोच्च न्यायालय को गुमराह करने के समान है.’

विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट में दलील देने से पहले तथ्यों की जांच न करने के लिए मेहता के ‘गैर-पेशेवर रवैये’ पर भी सवाल उठाया.

उन्होंने कहा कि वे 3 मई, 2023 के बाद से सिंह से नहीं मिले हैं और भविष्य में उनसे मिलने का उनका कोई इरादा नहीं है. विधायकों ने यह आरोप भी लगाया कि ‘वह (बीरेन सिंह) इंफाल घाटी से हमारे लोगों की हिंसा और जातीय सफाए के पीछे के मास्टरमाइंड हैं.’

राज्य में हिंसा की ताजा घटनाओं का जिक्र करते हुए विधायकों ने गुरुवार को जिरीबाम जिले में भारी सुरक्षा बल की मौजूदगी के बावजूद हुई हत्या पर कड़ा असंतोष जताया. विधायकों ने कहा, ‘हम मेईतेई मिलिशिया द्वारा एक असहाय महिला की बर्बर हत्या की कड़ी निंदा करते हैं.’

बयान पर विधायक हाओखोलेट किपगेन, नेमचा किपगेन, लेटपाओ हाओकिप, न्गुर्सांगलुर सनाटे, पाओलिएनलाल हाओकिप, एलएम खाउते, लेटज़मांग हाओकिप, किम्नेओ हाओकिप हैंगशिंग, चिनलुनथांग और नुनेज़ागिन वाल्टे ने हस्ताक्षर किए हैं.

मणिपुर टेप्स

गौरतलब है कि मणिपुर में हिंसा पर केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा गठित जांच आयोग को सौंपी गई ऑडियो रिकॉर्डिंग– जो 2023 में बीरेन के आधिकारिक आवास पर हुई एक बैठक की है- के बारे में इस साल की शुरुआत में द वायर की संगीता बरुआ पिशारोती ने रिपोर्ट की एक श्रृंखला लिखी थी.

हालांकि, द वायर यह स्वतंत्र तौर पर रिकॉर्डिंग में आ रही आवाज के वास्तव में बीरेन सिंह के होने की पुष्टि नहीं कर पाया था, लेकिन उस मीटिंग में शामिल कुछ लोगों से स्वतंत्र तौर पर इस मीटिंग की तारीख, इसके विषय और इसमें की गई बातों पुष्टि की है. उनमें से कोई भी अपनी सुरक्षा पर खतरे के डर से पहचान को उजागर नहीं करना चाहता था.

ऑडियो रिकॉर्डिंग में सुनाई देने वाले कई भड़काऊ बयानों में से एक में यह दावा किया गया है कि यूएपीए के तहत प्रतिबंधित कम से कम दो मेईतेई संगठनों को सुरक्षा बलों के साथ लाया गया था, घातक विनाशकारी गोला-बारूद के इस्तेमाल का समर्थन किया गया था और इस बात का कोई सबूत नहीं है कि वायरल टेप में निर्वस्त्र परेड कराने वाली दो कुकी महिलाओं के साथ बलात्कार किया गया था.

मणिपुर में पिछले डेढ़ साल से जातीय संघर्ष चल रहा है, जिसके कारण 226 लोगों की मौत हो गई, हजारों लोग विस्थापित हो गए और राज्य सांप्रदायिक आधार पर विभाजित हो गया.

(मणिपुर टेप्स पर द वायर की श्रृंखला का पहलादूसरातीसराचौथा और पांचवा भाग यहां पढ़ा जा सकता है.)