मणिपुर: भाजपा विधायक ने कहा- सीएम बीरेन सिंह झूठे हैं, उनकी नीयत पर भरोसा नहीं

मणिपुर के भाजपा विधायक पाओलीनलाल हाओकिप ने एक इंटरव्यू में सीएम बीरेन सिंह को हिंसा रोकने में विफल क़रार देते हुए कहा कि अगर सदन में विश्वासमत की जरूरत पड़ी, तो वे और उनके साथी अन्य छह भाजपा कुकी विधायक भी बीरेन सिंह सरकार का समर्थन नहीं करेंगे.

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करण थापर, मणिपुर सीएम एन. बीरेन सिंह और भाजपा विधायक पी हाओकिप. (फोटो: द वायर/फेसबुक)

नई दिल्ली: मणिपुर में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रमुख कुकी विधायकों में से एक पाओलीनलाल हाओकिप ने राज्य में जारी हिंसा को लेकर मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के खिलाफ कई आरोप लगाए है.

द वायर के लिए करण थापर को दिए एक साक्षात्कार में पी. हाओकिप ने सीएम बीरेन सिंह को पागल, लुटेरा, झूठा और अहंकारी व्यक्ति बताते हुए कहा कि प्रशासक के रूप में सिंह की ईमानदारी से उनका विश्वास बहुत पहले ही उठ चुका था.

हाओकिप ने आगे कहा कि अगर राजय विधानसभा में विश्वासमत की जरूरत पड़ी, तो वे और उनके साथ ही अन्य छह भाजपा कुकी विधायक भी बीरेन सिंह सरकार का समर्थन नहीं करेंगे.

भाजपा विधायक ने ये भी कहा कि इस महीने की शुरुआत में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट से ‘झूठ’ बोला था कि सीएम बीरेन सिंह स्थिति को सुलझाने के लिए कुकी विधायकों से बात कर रहे हैं.

ज्ञात हो कि 8 नवंबर को सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि वह उस ऑडियो रिकॉर्डिंग की जांच करेगा, जो कथित तौर पर पिछले साल मई से राज्य में हो रही सांप्रदायिक हिंसा में बीरेन सिंह की भूमिका की ओर इशारा करती है. सुनवाई के दौरान टेप की जांच के खिलाफ दलील देते हुए मेहता ने दावा किया था कि सिंह राज्य के कुकी विधायकों से मिल रहे हैं.

इसके बाद राज्य के दस कुकी-ज़ो विधायकों ने एसजी पर सर्वोच्च न्यायालय को ‘गुमराह’ करने का आरोप लगाते हुए कहा था कि वे 3 मई, 2023 के बाद से सिंह से नहीं मिले हैं और भविष्य में उनसे मिलने का उनका कोई इरादा भी नहीं है.

अब करण थापर के साथ साक्षात्कार में हाओकिप ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा बीरने सिंह के बचाव पर भी सवाल उठाए और कहा कि यह उन कारणों से है जिनके बारे में टेलीविजन पर सार्वजनिक रूप से चर्चा नहीं की जा सकती है.

अपने इंटरव्यू के दौरान हाओकिप ने प्रधानमंत्री को भी निशाने पर लिया और कहा कि वो एक पाखंडी हैं. उन्होंने 2017 में कहा था कि जो लोग राज्य में शांति सुनिश्चित नहीं कर सकते, उन्हें मणिपुर पर शासन करने का कोई अधिकार नहीं है. लेकिन वो अपनी बात पर ही खरे नहीं उतरे हैं.

हाओकिप ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री अपने दायित्व में विफल हुए हैं और जाहिर तौर पर मणिपुर सरकार भी.

मणिपुर हिंसा को लेकर हाओकिप ने कहा कि इसका एकमात्र समाधान कुकी-ज़ो लोगों के लिए एक अलग प्रशासन है, जिसका अर्थ है अपनी विधायिका वाला एक केंद्र शासित प्रदेश.

साक्षात्कार के आखिर में जब हाओकिप से पूछा गया कि उन्होंने तमाम विरोधों के बावजूद भाजपा क्यों नहीं छोड़ी, तो इस पर उन्होंने जवाब दिया कि उन्हें अब भी उम्मीद है कि भाजपा में समझदार आवाजें कायम रहेंगी.

इस इंटरव्यू में हाओकिप ने इस बात को लेकर चिंता भी जताई कि हिंदुत्व के प्रति प्रतिबद्धता भाजपा और गृह मंत्री को ईसाई कुकियों की रक्षा करने से रोक रही है.

गौरतलब है कि इससे पहले भी हाओकिप कई बार अपनी ही सरकार, मुख्यमंत्री, गृह मंत्री और प्रधानमंत्री के खिलाफ बोल चुके हैं.

मणिपुर के सीएम एन. बीरेन सिंह की कथित आवाज़ वाले ऑडियो टेप के संबंध में द वायर के ख़ुलासे के बाद हाओकिप सहित राज्य के दस कुकी विधायकों ने एक संयुक्त बयान जारी करके कहा था कि राज्य प्रायोजित जातीय नरसंहार में मुख्यमंत्री की मिलीभगत अब बिना किसी संदेह के स्थापित हो चुकी है. कुकी विधायकों ने जांच में तेज़ी लाने सीएम को हटाने की भी मांग उठाई थी.

बीते साल अपने एक बयान में हाओकिप ने कहा था कि मणिपुर हिंसा में राज्य सरकार भी शामिल है और सरकार की मिलीभगत की वजह से ही हिंसा पर काबू नहीं पा जा रहा है.

हाओकिप ने मणिपुर की घटना पर न्यूजलॉन्ड्री के शिवनारायण राजपुरोहित को दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि वे हिंसा शुरू होने के बाद गृह मंत्री अमित शाह से मिले थे. प्रधानमंत्री से मिलने का समय मांगा था लेकिन कोई जवाब नहीं मिला.

उन्होंने ये भी कहा था कि अमित शाह वहां की स्थिति की गंभीरता को लेकर प्रधानमंत्री को रिपोर्ट करने में फेल रहे.