नई दिल्ली: कनाडा-अमेरिका सीमा को अवैध रूप से पार करने की कोशिश करने वाले अप्रवासियों में भारतीयों की संख्या बढ़ी है. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, यूएस कस्टम्स एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन (यूएससीबीपी) से प्राप्त उत्तरी सीमा पर मुठभेड़ों के आंकड़ों के अनुसार, अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश करने का प्रयास करने वाले भारतीयों की कुल संख्या का 22% हो गई है, जो पहले से अधिक है.
निश्चित रूप से यह आंकड़ा केवल उन लोगों तक सीमित है जिन्हें सीमा अधिकारियों ने पकड़ा था, जो पकड़े नहीं गए उनकी संख्या उपलब्ध नहीं है. यूएससीबीपी अपने वित्तीय वर्ष के अनुसार डेटा प्रदान करता है, जो अगले वर्ष अक्टूबर से सितंबर तक चलता है.
2022 में अमेरिका में कुल 1,09,535 ऐसे क्रॉसिंग प्रयासों में से भारतीयों की संख्या लगभग 16% थी. 2023 में यह प्रतिशत स्थिर रहा, हालांकि आंकड़े तेजी से बढ़कर कुल 1,89,402 हो गए, जिनमें से 30,010 भारतीय थे. इस साल इसमें उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, 43,764 भारतीय, जो कुल 1,98,929 लोगों का लगभग 22% है, अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे.
इस ‘समस्या’ को ध्यान में रखते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने पहले ही चेतावनी दे चुके हैं कि अगर कनाडा को अमेरिका को अपने निर्यात पर 25% टैरिफ से बचना है तो उसे इसका हल करना होगा.
कनाडाई मीडिया के अनुसार, शुक्रवार (29 नवंबर) को जब जस्टिन ट्रूडो ने फ्लोरिडा के मार-ए-लागो में ट्रंप के साथ अमेरिकी थैंक्सगिविंग में शामिल होने के लिए अघोषित यात्रा की, तो इस पर चर्चा की गई. ट्रूडो के साथ कनाडा के सार्वजनिक सुरक्षा मंत्री डोमिनिक लेब्लांक भी थे, जो यूएससीबीपी के समकक्ष, कनाडाई सीमा सेवा एजेंसी के प्रभारी हैं.
वाशिंगटन डीसी स्थित थिंक टैंक निस्केन सेंटर द्वारा इस साल सितंबर में किए गए विश्लेषण के अनुसार, ‘कनाडा भारतीयों के लिए एक अधिक सुलभ प्रवेश बिंदु बन रहा है.’
इसने बताया कि ऐसा इसलिए है क्योंकि औसत कनाडाई आगंतुक वीज़ा के लिए प्रोसेसिंग समय 76 दिन है जबकि इसी तरह के अमेरिकी दस्तावेज़ के लिए अपॉइंटमेंट के लिए प्रतीक्षा समय लगभग एक वर्ष है. इसने आगे कहा, ‘अमेरिका-कनाडा सीमा भी अमेरिका-मेक्सिको सीमा की तुलना में लंबी और कम सुरक्षित है.’
खालिस्तान मुद्दा एक सहायक कारक हो सकता है, जैसा कि इसमें कहा गया है, ‘यह देखते हुए कि भारत से हाल ही में आए कई अनियमित प्रवासी पंजाब से आ रहे हैं, जो कि मुख्य रूप से सिख राज्य है, और तेजी से कनाडा से होकर आ रहे हैं, जबकि अमेरिका में उन्हें उच्च दरों पर शरण दी जा रही है, यह मुद्दा भविष्य में त्रिपक्षीय विवाद का मुद्दा बनने की क्षमता रखता है.’
इसमें कहा गया है कि फिलहाल भारतीय नीति निर्माताओं के बीच यह मौन सहमति है कि इनमें से अधिकांश प्रवासी आर्थिक उद्देश्यों से प्रेरित हैं और अमेरिका में बसने के बाद उनके अलगाववादी राजनीति में गंभीरता से शामिल होने की संभावना नहीं है.
बता दें कि यूएस कस्टम्स एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन (यूसीबीपी) के आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर 2022 से सितंबर 2023 के बीच अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश करते समय रिकॉर्ड 96,917 भारतीयों को पकड़ा गया था.
एक रिपोर्ट में कहा गया था कि धार्मिक उत्पीड़न, नौकरी की कमी से रिकॉर्ड संख्या में भारतीय अवैध रूप से अमेरिका पहुंच रहे हैं.
रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में अक्टूबर से सितंबर तक भारत से लगभग 42,000 लोगों ने अवैध रूप से अमेरिका की दक्षिणी सीमा पार की. यह संख्या पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में दोगुनी से भी अधिक है. इस साल अकेले सितंबर में 8,076 भारतीयों को विभिन्न मार्गों से अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश करने के दौरान गिरफ्तार किया गया था.
2023 में अकेले सितंबर में 8,076 भारतीयों को अमेरिका की कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने गिरफ्तार किया था, जब उन्होंने विभिन्न मार्गों से अवैध रूप से देश में प्रवेश करने की कोशिश की थी. यूएस कस्टम्स एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन के आंकड़ों से पता चलता है कि कुल संख्या में से 3,059 भारतीयों को अकेले यूएस-कनाडा सीमा से गिरफ्तार किया गया था.