नई दिल्ली: फिटजी यानी फोरम फॉर आईआईटी-जेईई इस समय सुर्खियों में बना हुआ है. इसका सीधा कारण इस चर्चित कोचिंग संस्थान के कई केंद्रों का अचानक बंद हो जाना है, जिसके चलते छात्र और उनके परिवार परेशान हैं.
यह संस्थान देश के कई राज्यों में इंजीनियरिंग और मेडिकल प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करवाता है. फिलहाल दिल्ली के लक्ष्मी नगर और नोएडा के सेक्टर 62 स्थित फिटजी के प्रमुख सेंटर के साथ ही ग़ाज़ियाबाद, मेरठ, लखनऊ और वाराणासी जैसे शहरों से भी फिटजी संस्थान बंद होने की रिपोर्ट आयी हैं.
इसे लेकर दिल्ली समेत कई केंद्रों के बाहर कोचिंग ले रहे छात्रों और उनके अभिभावकों ने प्रदर्शन भी किए हैं. उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ियाबाद में पुलिस ने फिटजी सेंटर संचालकों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया है. नोएडा में भी इस संबंध में एफआईआर हुई है और यूपी के कई अन्य थानों में फिटजी के खिलाफ शिकायतें भी दी गई हैं. हालांकि, इस पूरे घटनाक्रम पर अभी तक फिटजी प्रबंधन की तरफ़ से कोई बयान नहीं आया है.
सोशल मीडिया पर भी कई छात्रों और अभिभावकों ने फिटजी पर अचानक सेंटर बंद करने और छात्रों की तैयारी को प्रभावित करने के आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि संस्थान में लाखों की फीस देने के बावजूद सबसे जरूरी समय में हजारों बच्चों का भविष्य अधर में लटक गया है.
अभिभावकों की तरफ से पुलिस को दी गई शिकायत में यह भी दावा भी किया गया है कि सेंटर के अध्यापकों को भी वेतन नहीं दिया जा रहा था, जिसके चलते उन्होंने काम छोड़ दिया. और अचानक कई सेंटरों को बंद करने की नौबत आ गई. इस बीच, फिटजी की वित्तीय हालत को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं.
नीट और आईआईटी-जेईई की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए ये अहम समय है. जेईई की परीक्षा साल में दो बार होती है. इस साल पहली परीक्षा 24 जनवरी यानी शुक्रवार को आयोजित हो चुकी है, वहीं अगली परीक्षा अप्रैल में हो सकती है. वहीं, नीट की परीक्षा आमतौर पर अप्रैल-मई में होती है.
खबरों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के नोएडा में थाने में एफ़आईआर कराने पहुंचे एक परिजन अविनाश कुमार ने बताया कि बच्चों के भविष्य का सवाल है. सेंटर के प्रबंधन के फ़ोन बंद है, मौके पर कोई नहीं है. अब हम अपने बच्चों को कहां लेकर जाएं?
समाचार एजेंसी एएनआई से ही बात करते हुए एक और परिजन ने कहा, ‘हम एफ़आईआर कराने थाने में आए हैं. मेरा बेटा दसवीं क्लास में है, उसने पांच साल का कोर्स लिया था. मेरे बेटे ने तीन साल यहां तैयारी की है लेकिन अब उसके दो साल बचे हैं.’
उन्होंने कहा, ‘फिटजी ने हमें दूसरे संस्थान में बच्चे को ले जाने के लिए कहा है. फिटजी ये तय नहीं कर सकता है कि हम अपने बच्चे को कहां पढ़ाएंगे. मेरे बच्चे के दसवीं के इम्तेहान हैं, वो तनाव में रात भर सो नहीं पा रहा है.’
#WATCH | Noida, UP | Parent Avinash Kumar said, “We had enrolled our child in FIITJEE, and now it has been shut down. We have come here to file an FIR… Management (of FIIT JEE) is not picking up their phones. They are all frauds. They should return our money. The government… pic.twitter.com/6z2NrwM4Hs
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 24, 2025
यहां गौर करें कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) देश के प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कॉलेजों (आईआईटी) में प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षा जेईई का आयोजन करती है. बारहवीं पास करने वाले छात्र इस परीक्षा में शामिल होते हैं.
कई छात्र क्लास 9 से ही इस परीक्षा की तैयारी करते हैं. ऐसे बहुत से छात्र, फिटजी के चार वर्षीय कोचिंग कार्यक्रम में दाख़िला लेते हैं. प्रदर्शन करने वाले कई परिजन ऐसे हैं जिनके बच्चे पिछले दो-तीन सालों से इस संस्थान में कोचिंग ले रहे हैं और 90 हज़ार से लेकर लाख तक के फीस की अदायगी कर चुके हैं.
फिटजी शुरू कैसे हुआ?
फोरम फॉर आईआईटी-जेईई की शुरुआत आईआईटी दिल्ली से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री लेने वाले इंजीनियर डीके गोयल ने 1992 में राजधानी में एक छोटे से कोचिंग केंद्र से की थी. तब इसका असल उद्देश्य आईआईटी में दाख़िला लेने का सपना देखने वाले बच्चों को तैयारी में मदद करना था.
हालांकि, अब संस्थान कक्षा 6 से 12वीं तक के छात्रों के लिए कई कार्यक्रम चलाता है. जेईई के अलावा यहां नीट (मेडिकल प्रवेश परीक्षा), बोर्ड एग्ज़ाम और कई अन्य परीक्षाओं की तैयारी कराई जाती है. इस संस्थान ने इंटीग्रेटेड स्कूल प्रोग्राम भी शुरू किए हैं, जिनके ज़रिए छात्र प्रवेश परीक्षा के साथ-साथ बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी भी करते हैं.
ये संस्थान अब आईआईटी जेईई प्रवेश परीक्षा के टॉप रैंकर छात्र तैयार कराने की साख़ रखता है. कोचिंग की दुनिया में इसकी एक अलग जगह है. ये आईआईटी के लिए कोचिंग कराने वाले संस्थानों का पर्याय बन गया है.
हैदराबाद, चेन्नई, मुंबई, बेंगलुरु, कोलकाता, लखनऊ और अन्य बड़े शहरों में फिटजी के केंद्र हैं. मौजूदा समय में फिटजी के देश में 73 कोचिंग सेंटर हैं. इसके अलावा फिटजी के दो ग्लोबल स्कूल, 6 फिटजी वर्ल्ड स्कूल और 49 सहयोगी स्कूल हैं.
ऐसा माना जाता है कि पिछले तीन दशकों में फिटजी से निकलकर हज़ारों छात्रों ने आईआईटी से इंजीनियरिंग करने का सपना पूरा किया है. लेकिन अब ये संस्थान सवालों में है. अध्यापकों का वेतन न दिए जाने के आरोपों के बाद फिटजी की वित्तीय सेहत को लेकर सवाल उठ रहे हैं. कई मीडिया रिपोर्ट्स में अध्यापकों से बद्तमीजी तक की बात सामने आ रही है. छात्रों के माता-पिता की शिकायत के आधार पर फिटजी के संस्थापक, मुख्य वित्तीय अधिकारी, चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर और नोएडा प्रमुख को एफआईआर में नामित किया गया है.
फिटजी के कई सेंटर फ्रेंचाइज़ी मॉडल पर चलते हैं. यानी फिटजी के ब्रैंड के साथ स्थानीय संचालक इन सेंटरों का प्रबंधन संभालते हैं. फिटजी कोचिंग की दुनिया का एक प्रतिष्ठित संस्थान रहा है. ख़ासकर जेईई की तैयारी कराने वाले संस्थानों में ये अग्रणी है. लेकिन फिटजी के कई सेंटरों के टीचिंग स्टाफ़ ने समय पर वेतन ना मिलना और तीन साल तक काम करने के अनुबंध को बड़ी चुनौती बताया है.
न्यूजबाइट्स वेबसाइट के मुताबिक फिटजी को वित्त वर्ष 2023 में 69 करोड़ का घाटा हुआ था. एंट्रैकर वेबसाइट के मुताबिक कंपनी ने उस साल कुल 542 करोड़ रुपये कमाए थे लेकिन खर्च इतना बढ़ गया था कि कंपनी कुल मिला कर घाटे में चली गई.
एनडीटीवी की वेबसाइट के मुताबिक बीते कुछ महीनों में संस्थान के कई केंद्रों के खिलाफ लाइसेंस और फायर सेफ्टी से संबंधित नियमों के उल्लंघन के लिए कार्रवाई भी की गई थी.
जुलाई 2024 में दिल्ली में राओ आईएएस कोचिंग संस्थान के एक केंद्र के बेसमेंट में तीन छात्रों के डूब कर मर जाने के बाद कई राज्यों में प्रशासन ने कोचिंग केंद्रों के खिलाफ ऐसी कार्रवाई की थी. नोएडा में ही प्रशासन ने फिटजी, आकाश और करियर लॉन्चर के बेसमेंट को सील कर दिया था.