नई दिल्ली: न्यूज़ ब्रॉडकास्टिंग एंड डिजिटल स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी (एनबीडीएसए) ने न्यूज़18 राजस्थान को स्वयंभू आध्यात्मिक गुरु स्वामी दीपांकर का तिरुपति लड्डू विवाद से संबंधित साक्षात्कार हटाने का आदेश दिया है. नियामक संस्था ने इसे अपने दिशानिर्देशों का उल्लंघन माना है.
रिपोर्ट के मुताबिक, इस इंटरव्यू में स्वयंभू बाबा स्वामी दीपांकर से न्यूज़ 18 के एंकर को यह पूछते हुए देखा जा सकता है कि क्या तिरुपति के लड्डू में मिलावट हिंदुओं के खिलाफ एक साजिश थी. ये कार्यक्रम बीते साल सितंबर में प्रसारित किया गया था.
एनबीडीएसए ने साक्षात्कार को हटाने का निर्देश देते हुए कहा, ‘..प्रसारक को रिपोर्ताज को कवर करने वाले विशिष्ट दिशानिर्देशों का पालन करना चाहिए. इसके तहत जब भी किसी भी विषय पर चर्चा हो, तो तथ्यों को स्पष्ट रूप से अलग रखा जाना चाहिए और इसे राय, विश्लेषण या टिप्पणी के साथ मिलाना नहीं चाहिए.’
मालूम हो कि इस वीडियो के खिलाफ पुणे के तकनीकी विशेषज्ञ और एक्टिविस्ट इंद्रजीत घोरपड़े ने शिकायत दर्ज की थी. वे पहले भी कई सारे चैनलों के खिलाफ शिकायत दर्ज कर चुके है. इस संबंध में 28 जनवरी को एनबीडीएसए ने यह आदेश जारी करते हुए गंभीरता से कहा कि रिपोर्टिंग करते हुए वक्त, मत और तथ्य का फर्क समझना और रखना चाहिए.
मालूम हो कि इंद्रजीत घोरपड़े ने अपनी शिकायत में न्यूज़ 18 से सवाल किया था कि वह यह फर्जी खबर क्यों फैला रहा है कि ‘तिरुपति मंदिर के लड्डुओं में जानवरों की चर्बी कांग्रेस पार्टी की साजिश है.’ घोरपड़े का कहना था कि यह सटीकता, वस्तुनिष्ठता, तटस्थता और निष्पक्षता के खिलाफ है. उन्होंने इस कार्यक्रम को चैनल के प्रसारण से हटाने और स्पष्टीकरण प्रकाशित करने का अनुरोध किया था.
इस संबंध मे न्यूज़18 राजस्थान ने दावा किया था कि उन्होंने अपने वीडियो और थंबनेल में कुछ बदलाव किए हैं. हालांकि, एनबीडीएसए इस कार्रवाई से संतुष्ट नज़र नहीं आया और उसने पूरी बातचीत को सभी प्लेटफॉर्म्स से 7 दिनों के भीतर हटाने के आदेश जारी किए.
एनबीडीएसए ने एक विसंगति की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘इस विवादित प्रसारण का शीर्षक ‘तिरुपति के प्रसाद में बीफ, कांग्रेस का बड़ा षड्यंत्र’ को संशोधित कर ‘तिरुपति के प्रसाद में बीफ, क्या बोले स्वामी दीपांकर’ कर दिया गया. लेकिन नेटवर्क18 जैसे ब्रॉडकास्टर ने अपने जवाब में बताया कि उसने इसे लेकर कोई बदलाव नहीं किया है.’
नियामक संस्था ने कार्यक्रम के समग्र स्वरूप पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘कार्यक्रम के दौरान कुछ ऐसे सवाल पूछे गए, जो बातचीत को मुद्दे से भटकाते नज़र आते हैं. इंटरव्यू, घी के प्रसाद में मिलावट को लेकर बातचीत करने पर कम नजर आया. इसके जरिये स्वामी दीपांकर को सनातन धर्मं की मनमुताबिक व्याख्या करने का मंच प्रदान किया गया. एंकर को इस दौरान ये भी कहते सुना गया कि जैसे प्रसाद में ये मिलावट हिंदुओ के खिलाफ कोई साजिश थी.’
एनबीडीएसए ने यह भी कहा कि न्यूज़18 के इस दावे के उलट कि कार्यक्रम हटा दिया गया है, इसका वीडियो अभी भी उसके यूट्यूब चैनल पर उपलब्ध है. इसे लेकर आपत्ति जताते हुए एनबीडीएसए ने इसे सभी जगहों से सात दिन के भीतर हटाने का आदेश दिया.