सिक्किम: तीस्ता बांध के पुनर्निर्माण को केंद्र की मंज़ूरी के ख़िलाफ़ भाजपा प्रदेशाध्यक्ष

2023 में ग्लेशियल झील की बाढ़ में बह गए बांध के स्थान पर तीस्ता III जलविद्युत परियोजना को मंज़ूरी पर चिंता जताते हुए भाजपा की सिक्किम इकाई के प्रमुख डीआर थापा ने कहा कि राज्य आज भी अक्टूबर 2023 की आपदा से उबर रहा है. ऐसे में लोगों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए.

तीस्ता नदी. (प्रतीकात्मक फोटो: विकीपीडिया)

नई दिल्ली: भाजपा की सिक्किम इकाई के प्रमुख ने मंगलवार को कहा कि वर्ष 2023 में ग्लेशियल झील की बाढ़ में बह गए बांध के स्थान पर तीस्ता III जलविद्युत परियोजना के लिए बांध बनाने की मंजूरी के बाद सुरक्षा चिंताओं पर अपना पक्ष रखने के लिए भाजपा इस महीने के अंत में केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव से मुलाकात करेगी.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डीआर थापा ने कहा कि भाजपा की सिक्किम इकाई केंद्रीय मंत्री को नए सिरे से सार्वजनिक सुनवाई और व्यापक प्रभाव-मूल्यांकन अध्ययन की आवश्यकता से अवगत कराएगी.

मालूम हो कि 3 और 4 अक्टूबर, 2023 की मध्य रात्रि को दक्षिण ल्होनक झील का प्राकृतिक हिमोढ़ बांध ढहे हुए ग्लेशियर के मलबे से टूट गया था. इसके बाद सिक्किम के कई हिस्सों में ग्लेशियल झील के फटने से आई बाढ़ (जीएलओएफ) ने तबाही मचाई थी और 1200 मेगावाट की तीस्ता-III पनबिजली परियोजना का 60 मीटर ऊंचा रॉकफिल कंक्रीट बांध बह गया था.

सिक्किम भाजपा अध्यक्ष ने कहा, ‘सिक्किम अभी भी अक्टूबर 2023 की आपदा से उबर रहा है, पर्यटन और सड़क संपर्क अभी भी पूरी तरह से सामान्य नहीं हुआ है. लगभग 40-50 लोग मारे गए थे और हज़ारों लोग विस्थापित हुए. लोगों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए.’

इससे पहले 2 फरवरी को थापा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर सुरक्षा चिंताओं के समाधान होने तक नए बांध की मंजूरी रोकने के लिए हस्तक्षेप करने की मांग की थी. उन्होंने मोदी को लिखा कि इस आपदा ने क्षेत्र की सभी प्रमुख जलविद्युत परियोजनाओं के वैज्ञानिक पुनर्मूल्यांकन की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित किया है.

यह पूछे जाने पर कि क्या सिक्किम भाजपा चाहती है कि परियोजना को रद्द कर दिया जाए, उन्होंने कहा, ‘हम नहीं चाहते कि परियोजना को रद्द किया जाए. व्यापक सुरक्षा आकलन और नए प्रभाव अध्ययन होने चाहिए. पिछले आकलन स्पष्ट रूप से खराब थे इसलिए पुराना बांध बह गया.’

इससे पहले 10 जनवरी को नदी घाटी और जलविद्युत परियोजनाओं पर पर्यावरण मंत्रालय की विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति (ईएसी) ने 1,200 मेगावाट की तीस्ता III जलविद्युत परियोजना के लिए एक नए कंक्रीट ग्रेविटी बांध के लिए मंजूरी की सिफारिश की. यह नया बांध, जो अपने सबसे गहरे आधार बिंदु से 118 मीटर ऊंचा है, चुंगथांग बांध की जगह लेगा, जो 4 अक्टूबर, 2023 को बह गया था.

अपने पत्र में थापा ने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया कि वे तीस्ता III परियोजना के लिए ईएसी की मंजूरी तब तक रोक दें जब तक कि संशोधित संभावित अधिकतम बाढ़ अध्ययन सहित सभी आवश्यक वैज्ञानिक समीक्षाएं पूरी नहीं हो जातीं और स्वतंत्र रूप से मान्य नहीं हो जातीं.

मोदी को लिखे पत्र में थापा ने कहा, ‘हाल के जलवायु डेटा, जीएलओएफ जोखिम और सिक्किम की उभरती पारिस्थितिक चुनौतियों को शामिल करने के लिए एक नए और व्यापक पर्यावरणीय प्रभाव आकलन का आदेश दें… इस महत्वपूर्ण निर्णय में सिक्किम के लोगों को शामिल करने और लोकतांत्रिक भागीदारी के सिद्धांतों को बनाए रखने के लिए एक नई सार्वजनिक सुनवाई सुनिश्चित करें.’

थापा ने यह भी लिखा कि सिक्किम एक पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील हिमालयी राज्य है, जो हिमनद झील के फटने, बाढ़, भूस्खलन और खतरनाक मौसम की घटनाओं से ग्रस्त है.